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रांची का एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र जहां अब सभी विधायकों को लगानी पड़ेगी हाजिरी

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Published : Oct 16, 2019, 2:44 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 6:39 PM IST

रांची के सात विधानसभा सीटों में से एक है हटिया विधानसभा. हटिया विधानसभा में बीजेपी शुरू से मजबूत रही है. हालांकि बीच में यहां कांग्रेस की हवा थी. लास्ट चुनाव 2014 में जेवीएम के विधायक नवीन जायसवाल जीते थे, लेकिन बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए.

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रांची: झारखंड में एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां हर पार्टी के विधायकों को 2019 के चुनाव के बाद आना पड़ेगा. इसकी वजह है नवनिर्मित विधानसभा भवन. अनुमान के मुताबिक चुनाव बाद अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया इसी नए विधानसभा भवन में होगी.

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सचिवालय का होगा निर्माण
यही नहीं आने वाले कुछ वर्षों में इसी क्षेत्र में बैठकर प्रदेश सरकार जनकल्याणकारी फैसले लेगी. क्योंकि विधानसभा के ठीक सामने की सड़क के दोनों ओर सचिवालय का निर्माण होना है, जहां मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और विभागीय अधिकारी बैठेंगे. आने वाले समय में इसी क्षेत्र में झारखंड हाई कोर्ट भी संचालित होने लगेगी. राज्य गठन के बाद हटिया विधानसभा सीट हर पार्टी के लिए विशेष मायने रखती है.

1990 से 2000 तक बीजेपी का कब्जा
1985 से अबतक हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हटिया सीट पर सिर्फ भाजपा ही जीत की हैट्रिक लगा सकी है. वह दौर था 1990 से 2000 के बीच का. तीनों चुनाव को भाजपा के रामजीलाल सारडा ने जीता था. हालांकि 1990 के चुनाव में वह जनता दल के बिरेंद्र सिंह इश्वर से महज 212 वोट से जीत पाए थे, लेकिन 1995 के चुनाव में जनता दल के अभय कुमार सिंह को 13 हजार से ज्यादा और 2000 में राजद के अभय कुमार सिंह को 21 हजार वोट से पटखनी दी थी.

2005 से 2014 तक बीजेपी को नहीं मिली जीत
हालांकि 2005 से 2014 के बीच हुए तीन चुनावों में भाजपा इस सीट को गंवाती आ रही है. 2005 के चुनाव में भाजपा ने रामजीलाल सारडा की जगह कृष्ण कुमार पोद्दार को प्रत्याशी बनाया था, जिन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी रातू महाराजा के पुत्र गोपाल एसएन शाहदेव ने धूल चटा दी थी. इस हार से सबक लेकर भाजपा ने 2009 में एक बार फिर रामजीलाल सारडा को मैदान में उतारा. इस चुनाव में भी कांग्रेस के गोपाल एसएन शाहदेव ने ही जीत दर्ज की, लेकिन 25 वोट के अंतर से. जीत के इस मामूली अंतर को लेकर आज भी झारखंड में चर्चा होती है.

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अभी नवीन जायसवाल हैं विधायक

फिलहाल, यह सीट भाजपा की है और इसका फैसला इसी साल स्पीकर के फैसले से हुआ है. दरअसल, 2014 में जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतने वाले नवीन जायसवाल अपनी पार्टी के छह विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने भाजपा की सीमा शर्मा को हराया था. इसबार देखना है कि नवीन जायसवाल के फरेब की गूंज इस चुनाव में सुनाई पड़ती है या नहीं. हटिया विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख वोटर हैं. पिछले चुनाव में 29 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था, लेकिन 27 की जमानत जब्त हो गई थी.

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MGNREGA में रोजगार देने में 9वें और मजदूरी भुगतान में पहले स्थान पर झारखंड

jharkhand at ninth place in providing employement in mgnrega and first in wage payment



मनरेगा में रोजगार देने में नौवें स्थान और मजदूरी भुगतान में पहले स्थान झारखंड. राज्य में पिछले 4 महीनों अप्रैल से जुलाई के बीच 275.46 लाख  मानव दिवस रोजगार सृजन कर जुलाई तक के लक्ष्य के विरूद्ध 91 प्रतिशत का काम पूर्ण कर लिया गया है. 

रांची: मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में झारखंड देश में नौवें स्थान पर है. राज्य में पिछले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के बीच 275.46 लाख  मानव दिवस रोजगार सृजन कर जुलाई तक के लक्ष्य के विरूद्ध 91 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई तक 303.06 लाख मानव दिवस रोजगार का लक्ष्य निर्धारित था.

झारखंड कार्य समाप्ति के बाद समयबद्ध मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया में देश में पहले स्थान पर है. जुलाई तक 99.26 प्रतिशत श्रमिकों के मजदूरी भुगतान के लिए फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर हस्ताक्षरित कर भारत सरकार को भेज दिया गया है.. 

इस मामले में झारखंड पहले, उत्तराखंड दूसरे, केरल तीसरे और मिजोरम चौथे स्थान पर है. कार्य पूर्णता (लेबर बजट प्रगति) का राष्ट्रीय औसत 79 प्रतिशत और मजदूरी भुगतान प्रकिया का राष्ट्रीय औसत 85.74 प्रतिशत है.

 

Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 6:39 PM IST
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