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छठ महापर्व पर निगम के लिए चुनौती बनी बड़ा तालाब की सफाई, जलकुंभी बने बाधा

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Published : Oct 29, 2019, 11:01 AM IST

छठ महापर्व को लेकर तालाबों और जलाशयों की सफाई की जा रही है. लेकिन रांची के बड़ा तालाब की सफाई अब तक नहीं हो पाई है. रांची नगर निगम के लिए बड़ा तालाब की सफाई करना किसी चुनौती से कम नहीं. क्योंकि यहां जलकुंभी का अंबार लगा है.

बड़ा तालाब

रांची: छठ महापर्व को लेकर तालाबों और जलाशयों में साफ-सफाई के बेहतर व्यवस्था का दावा निगम की ओर से लगातार किया जाता रहा है. लेकिन शहर के बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बनी हुई है. क्योंकि उसमें जलकुंभी के पौधे को अब तक हटाने में सफलता नहीं मिली है. आलम यह है कि बड़ा तलाब के छठ घाट की स्थिति दयनीय बनी हुई है.

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जलकुंभी का अंबार
राजधानी के बड़ा तालाब की सफाई का काम दुर्गा पूजा के पहले से चल रहा है. लेकिन अब तक वहां सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई है. दुर्गा पूजा के विसर्जन के बाद जेसीबी से भी वहां सफाई कार्य किए गए हैं. तो वहीं सैकड़ों ट्रैक्टर जलकुंभी के पौधे भी निकाले जा चुके हैं. लगातार जलकुंभी के पौधे निकालने का काम किया जा रहा है.

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बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती
पिछले दिनों शहर की मेयर, डिप्टी मेयर समेत निगम के पदाधिकारियों ने तालाबों का निरीक्षण भी किया था और कई दिशा-निर्देश भी दिए थे. साथ ही श्रमदान भी किया था. लेकिन महज कुछ दिनों बाद छठ महापर्व है. फिर भी बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बनी हुई है.

सैकड़ों सफाईकर्मी कर रहे काम
शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने छठ महापर्व को लेकर कहा कि सभी तालाबों की सफाई व्यवस्था छठ से पहले कर ली जाएगी. इसके लिए निगम पदाधिकारियों की ओर से जोर शोर से सफाई अभियान चलाया जा रहा है और सैकड़ों सफाईकर्मी हर छठ घाट की सफाई में लगाए गए हैं.

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विसर्जन कुंड और टेंपरेरी चेंजिंग रूम
उन्होंने कहा है कि जिस तरह से करमटोली तालाब का सौंदर्यीकरण करने के बाद तीन छठ घाट बनाए गए हैं, जो एक मॉडल के रूप में सामने आया है. उसी तरह आने वाले समय में बड़ा तालाब का भी सौंदर्यीकरण कर बेहतर छठ घाट की व्यवस्था की जाएगी. वहीं उन्होंने छठ घाटों की सफाई के साथ-साथ विसर्जन कुंड और टेंपरेरी चेंजिंग रूम बनाए जाने की भी जानकारी दी, ताकि छठ व्रतियों को सुविधा मिल सके.

Intro:रांची.छठ महापर्व को लेकर तालाबों और जलाशयों में साफ सफाई के बेहतर व्यवस्था का दावा निगम द्वारा लगातार किया जाता रहा है।लेकिन शहर का बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बनी हुई है। क्योंकि उसमें जलकुंभी के पौधे को अब तक हटाने में सफलता नहीं मिली है।आलम यह है कि बड़ा तलाब के छठ घाट की स्थिति दयनीय बनी हुई है।




Body:राजधानी के बड़ा तालाब की सफाई का काम दुर्गा पूजा के पहले से चल रहा है। लेकिन अब तक वहां सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई है। दुर्गा पूजा के विसर्जन के बाद जेसीबी से भी वहां सफाई कार्य किए गए हैं। तो वहीं सैकड़ों ट्रैक्टर जलकुंभी के पौधे भी निकाले जा चुके हैं।लेकिन लगातार जलकुंभी के पौधे निकालने का काम किया जा रहा है।पिछले दिनों शहर की मेयर, डिप्टी मेयर समेत निगम के पदाधिकारियों ने तालाबों का निरीक्षण भी किया था और कई दिशा-निर्देश भी दिए थे। साथ ही श्रमदान भी किया था। लेकिन महज कुछ दिनों बाद छठ महापर्व है। फिर भी बड़ा तालाब की सफाई निगम के लिए चुनौती बना हुआ है।

शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने छठ महापर्व को लेकर कहा है कि सभी तालाबों की सफाई व्यवस्था छठ से पहले कर ली जाएगी। इसके लिए निगम पदाधिकारियों द्वारा जोर शोर से सफाई अभियान चलाया जा रहा है और सैकड़ों सफाई कर्मी हर छठ घाट की सफाई में लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से करमटोली तालाब का सौंदर्यीकरण करने के बाद तीन छठ घाट बनाए गए हैं। जो एक मॉडल के रूप में सामने आया है। उसी तरह आने वाले समय में बड़ा तालाब को कभी सौंदर्यीकरण कर बेहतर छठ घाट की व्यवस्था की जाएगी। वहीं उन्होंने छठ घाटों की सफाई के साथ-साथ विसर्जन कुंड और टेंपरेरी चेंजिंग रूम बनाए जाने की भी जानकारी दी है। ताकि छठ व्रतियों को सुविधा मिल सके। साथ ही शहर की जनता से अपील की है कि विसर्जन कुंड में ही पूजा सामग्री का विसर्जन करें और तालाब को स्वच्छ रखने में सहयोग करें।


Conclusion:हालांकि बड़ा तालाब की सफाई में जलकुंभी सबसे बड़ी बाधा के रूप में सामने आई है जिसे हटाने में निगम को अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है । जिसकी वजह से छठ व्रतियों के लिए पानी नहाने लायक नहीं है। जिससे व्रतियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वही विसर्जन कुंड बनाए जाने के बावजूद लोग तलाब के किसी भी छोर में पूजा सामग्री विसर्जन कर तालाब को गंदा करने से भी नही चूक रहे हैं।
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