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कांके विधायक समरी लाल के समर्थन में उतरी भाजपा, कहा- दुर्भावना से ग्रसित होकर उठाया गया कदम

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Published : Apr 7, 2022, 7:43 AM IST

Updated : Apr 7, 2022, 8:01 AM IST

kanke mla samri lal
kanke mla samri lal

कांके के विधायक समरी लाल जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवादों में फंसे हैं. उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है. वहीं भाजपा ने इसे दुर्भावना से ग्रसित होकर उठाया गया कदम बताया है.

रांचीः जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवादों में फंसे भाजपा विधायक समरी लाल के पक्ष में झारखंड भाजपा उतर गई है. भाजपा ने विधायक समरीलाल पर हो रही कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए इसे दुर्भावना से ग्रसित होकर किया गया कार्य बताया है.
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भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने विधायक समरी लाल का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि समरी लाल इससे पहले विभिन्न दलों के बैनर तले कई बार चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय यह सवाल खड़ा नहीं किया जाता था. मगर वर्तमान समय में जिस तरह से जाति प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े किए गए और इसकी जांच कल्याण विभाग से कराई गई और अंत में इसे जांच समिति द्वारा रद्द कर दिया गया. इससे लगता है कि दुर्भावना से ग्रसित होकर कदम उठाया गया है. विधायक समरी लाल ने हालांकि इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है और जो भी फैसला न्यायालय का आयेगा उसे सभी मानेंगे.

शिवपूजन पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी, बीजेपी
कांके विधायक समरी लाल का जांच समिति ने जाति प्रमाण पत्र किया है रद्दः कांके विधायक समरी लाल के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की जांच कर रहे कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने उनका प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है. कमेटी द्वारा यह आदेश सुरेश बैठा की शिकायत पर दिया गया है. जिसके बाद 31 अक्टूबर 2009 को राज्य सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश दिया गया है. जांच समिति ने विधायक समरी लाल पर लगे आरोपों की जांच करते हुए पाया कि यह झारखंड के स्थायी निवासी या रैयत नहीं हैं. इनके पिता के राजस्थान से माइग्रेट कर झारखंड आने के आरोप लगे हैं जिसे गलत साबित करने में समरीलाल असफल रहे. समिति ने समरी लाल को ऐसे प्रमाण पत्र निर्गत करने के पूर्व भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्गत आदेश के आलोक में प्रवासी होने के संबंध में पूछताछ की थी. जब उनके पिता के पैतृक राज्य निर्गत जाति प्रमाण पत्र की जांच की गई तो पाया गया कि वहां से एससी के लिए निर्धारित प्रपत्र में माइग्रेटेड श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हुआ है. बहरहाल इस मामले में झारखंड हाइ कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई चल रही है.
Last Updated :Apr 7, 2022, 8:01 AM IST
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