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विनोवा भावे विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी, अधर में लटका बीएड छात्रों का भविष्य

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Published : Mar 12, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 2:30 PM IST

हजारीबाग के विनोवा भावे विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम के लिए शिक्षकों की भारी कमी है. प्रोफेसर की कमी की वहज से यहां एडमिशन लिए छात्रों का सत्र लेट हो गया है. ऐसे में यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भविष्य को लेकर चिंता जताई है.

Vinova Bhave University
Vinova Bhave University

हजारीबाग: कहते हैं शिक्षक किसी भी शिक्षण संस्थान का आत्मा होते हैं. अगर शिक्षण संस्थान में शिक्षक नहीं रहे तो छात्रों का भविष्य भी अधर में होता है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बीएड की पढ़ाई करने वाले छात्रों का यही हाल है. 2018 में 4 वर्ष के लिए इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई शुरू की गई लेकिन अब तक एक भी शिक्षक की नियुक्ति कोर्स के लिए नहीं किया गया है. अब आलम यह है कि वर्तमान सत्र के लिए फिर से विश्वविद्यालय में ऑनलाइन आवेदन छात्रों से मांगा गया है.

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नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की मांग
विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की मांग की है. सत्र 2021- 25 के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर छात्रों से आवदेन मांगा गया है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इंटीग्रेटेड बीएड प्रशिक्षकों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं है. पाठ्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुआ था. फिलहाल 300 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन इनका पढ़ाई भगवान भरोसे ही चल रहा है. 2021 से शुरू होने वाले सत्र में 100 विद्यार्थियों का नामांकन होना है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब पहले सत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है तब नए सत्र में ये कैसे पूरा होगा.

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बीएड में 14 शिक्षकों की होती है जरूरत

बता दें कि बीएड में पढ़ाई के लिए 14 शिक्षकों की जरूरत होती है. एमएड और बीएड पाठ्यक्रम देशभर में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के गाइड लाइन पर चलता है. लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में सुपोषित योजना के तहत शिक्षा शास्त्र विभाग संचालित है. इसमें एमएड और इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई होती है. इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम में विद्यार्थी को स्नातक के साथ बीएड की उपाधि दी जाती है. स्नातक और बीएड करने में विद्यार्थी को दोनों मिलाकर 5 साल का समय लगता है. लेकिन इंटीग्रेटेड 4 साल में ही 2 डिग्री मिल जाती है. अर्थात 1 साल का बचत छात्रों को होना है. लेकिन जो स्थिति वर्तमान में चल रही है ऐसे में छात्रों को समय भी अधिक लग रहा है और उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो रही है सेशन भी लेट चल रहा है.

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छात्रों का समय हो रहा है बर्बाद
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में सुपोषित योजना के तहत शिक्षा शास्त्र विभाग संचालित है. इसमें एमएड और इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई होती है. इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम में विद्यार्थी को स्नातक के साथ बीएड की उपाधि दी जाती है. स्नातक और बीएड करने में विद्यार्थी को दोनों मिलाकर 5 साल का समय लगता है. लेकिन इंटीग्रेटेड बीएड में 4 साल में ही 2 डिग्री मिल जाती है. अर्थात 1 साल का बचत छात्रों को होना है.लेकिन जो स्थिति वर्तमान में चल रही है ऐसे में छात्रों को समय भी अधिक लग रहा है और उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो रही है. सेशन भी लेट चल रहा है.

विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ अजीत कुमार वे बताते हैं कि हम लोगों के पास शिक्षकों की भारी कमी है. लेकिन आने वाले समय में शिक्षकों की बहाली होगी. हम लोगों ने आवेदन आमंत्रित किए हैं और शॉर्टलिस्टिंग भी किया जा रहा है.इसके बाद शिक्षकों की नियुक्ति हो जाएगी. शिक्षक नहीं होने पर घंटी आधारित शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है. शिक्षकों को स्पेशल क्लास लेने के लिए कहा जाता है. लेकिन यहां भी यह समस्या हो जाती है कि एक शिक्षक आखिर कैसे कैसे कक्षाओं को मैनेज करें. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बीएड इंटीग्रेटेड की पढ़ाई सिर्फ आकर्षण का केंद्र बिंदु है. जहां छात्रों एडमिशन तो हो जाता है लेकिन वो पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. ऐसे में छात्र कैसे अपना भविष्य गढ पाएंगे इस पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है.

Last Updated :Mar 12, 2022, 2:30 PM IST
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