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झारखंड शिक्षा विभाग का कारनामा! 2019-20 के प्रश्नपत्र और OMR शीट पर, छात्रों से अब ले रहे परीक्षा

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Published : Mar 31, 2022, 8:24 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 8:39 PM IST

झारखंड शिक्षा विभाग की एक और लापरवाही सामने आई है. विभाग पिछले साल के प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट पर ही इस साल भी परीक्षा ले रहा है. ऐसे में ना सिर्फ सिलेबस से संबंधित समस्या आ रही है बल्कि छात्रों को पश्न पत्र भी कम पड़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि छात्रों को जो प्रश्न पत्र दिए जा रहे हैं उसमें दूसरे छात्रों को नाम और रोल नंबर लिखे हुए हैं.

Jharkhand Education Department
Jharkhand Education Department

हजारीबाग: झारखंड में शिक्षा विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है. विभाग 2019-20 के ही प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट पर छात्रों से परीक्षा ले रहा है. 2019-20 में जो ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र शिक्षा विभाग ने तैयार किया था उसी पर गुरुवार से पूरे राज्य के विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं. ओएमआर शीट पर पिछले सत्र के विद्यार्थियों के नाम अंकित हैं. हैरत की बात यह है कि ओएमआर शीट पर जिन विद्यार्थियों के नाम अंकित हैं वे कोरोना काल में बगैर परीक्षा दिए उतीर्ण होकर 2022 में अगली कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं.

सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर सातवीं तक की परीक्षा चल रही है. जिसमें पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों की मौखिक परीक्षा और तीसरी से लेकर सातवीं तक के लिए लिखित परीक्षा ली जा रही है. 2019-20 के प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट भेजने के कारण प्रश्न पत्र कम पड़ गए हैं क्यों कि पिछले साल छात्रों की संख्या कम थी, जबकि इसबार छात्रों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में छात्रों को प्रश्न पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं. प्राचार्य छात्रों को फोटोकॉपी करा कर प्रश्न पत्र उपलब्ध करा रहे हैं. दूसरी समस्या यह भी है कि कोरोना के कारण सेलेब्स छोटा कर दिया गया था. परीक्षा पुराने सेलेब्स के आधार पर ली जा रही है, क्योंकि कोरोना काल के पहले का प्रश्नपत्र तैयार है. ऐसे में छात्र और शिक्षक सभी परेशान हैं

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परीक्षा देने आए छात्रों का कहना है कि छात्रों को प्रश्नपत्र तो मिला है लेकिन उनका नाम लिखा हुआ नहीं था. ऐसे में वे लोग पिछले नाम को काट कर फिर अपना नाम लिख रहे हैं. वही कुछ छात्राओं का कहना है कि नाम रोल नंबर क्लास सब कुछ गलत है ऐसे में वे लोग कैसे परीक्षा दें.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही का खामियाजा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भुगत रहे हैं. ये बच्चे पिछले साल के तैयार किए गए ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र हल कर अगली कक्षा में प्रवेश करेंगे. वहीं इस पूरे प्रकरण को मार्च लूट से भी जोड़ कर देखा जा सकता है. वर्तमान समय में अगर प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट की छपाई होती तो उसके लिए सरकार को करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ता.

Last Updated : Mar 31, 2022, 8:39 PM IST
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