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मलेशिया में फंसे दो मजदूरों की हुई सकुशल वतन वापसी, परिजनों में उत्साह का माहौल

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Published : Feb 9, 2020, 8:29 PM IST

गिरिडीह के रहने वाले दो प्रवासी मजदूरों की विदेश से वापसी हो गई है. दोनों मलेशिया में रोजगार की तलाश में गए थे. जहां उनकी वीजा की अवधि समाप्त होने और जुर्माना नहीं दे पाने के कारण उन्हें नजरबंद रखा गया था.

Return of two migrant laborers from malaysia living in Giridih
मलेशिया से लौटे मजदूर

गिरिडीहः जिले के सरिया थाना क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूरों की मलेशिया से सकुशल वापसी हो गई है. इससे परिजनों में उत्साह का माहौल है. मलेशिया से लौटे प्रवासी मजदूरों में सरिया के लुतियानों निवासी लोकनाथ महतो और श्रीरामडीह के विकास महतो शामिल हैं. इसमें लोकनाथ महतो एक साल से और विकास महतो तीन महीने से मलेशिया में फंसे हुए थे. दोनों मजदूरी करने के लिए मलेशिया गए हुए थे. विकास की वापसी एक फरवरी को जबकि लोकनाथ महतो की वापसी 8 फरवरी को हुई है.

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वीजा का समय खत्म होने के कारण जेल में बंद था विकास

श्रीरामडीह निवासी विकास महतो के वीजा की अवधि खत्म होने के कारण मलेशिया के जेल में बंद था जबकि लोकनाथ महतो वीजा का जुर्माना नहीं दे पाने के कारण मलेशिया में नजरबंद था. विकास महतो तीन माह की सजा जेल में काटने के बाद रिहा होकर अपने घर लौटा है. जबकि लोकनाथ महतो जुर्माना की राशि जमा करने के बाद शनिवार को अपने घर लौट गया.

लोकनाथ महतो के परिजनों ने कर्ज लेकर इनकी वापसी के लिए पैसे भेजे थे. दोनों मजदूरों ने वतन वापसी में सरकार और जन प्रतिनिधियों पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया है. वहीं, प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने दोनों से उनके घरों पर जाकर मुलाकात की. लोकनाथ महतो ने बताया कि उनके घर वालों ने कर्ज में रुपये लेकर मुझे भेजा. जिसके बाद जुर्माना की राशि चुकाकर बहुत मुश्किल से वापस लौट सके.
विकास कुमार महतो इमिग्रेशन लॉ के उल्लंघन के आरोप में मलेशिया के जेल में बंद था. 29 अक्टूबर 2019 को जब बाजार के लिए बाहर निकला था तभी मलेशिया इमिग्रेशन के अधिकारियों ने वीजा खत्म होने के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया था.

जुर्माना नहीं दे पाने पर नजरबंद रहा लोकनाथ महतो

लोकनाथ महतो करीब एक साल पहले रोजगार के लिए मलेशिया गया हुआ था. वह घर आने की कोशिश कर रहा था लेकिन रुपया, पासपोर्ट और वीजा नहीं होने की वजह से वहां से वापस नहीं आ पा रहा था. वह कंस्ट्रक्शन लेबर एक्सचेंज सेंटर बरहेट नामक कंपनी में काम करता था. कंपनी के लोगों ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. लोकनाथ ने बताया कि बगोदर थाना क्षेत्र के माहुरी के रहने वाले उमेश महतो के माध्यम से दो जनवरी 2019 को वह मलेशिया आया था. तीन महीने तक काम करने के बाद वेतन नहीं मिलने पर उसने घर जाने की इच्छा जाहिर की तो कंपनी वाले लोगों ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था.

Intro:
बगोदर, गिरिडीह


गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूरों की मलेशिया से सकुशल वापसी हो गई है. इससे परिजनों में उत्साह का माहौल है. मलेशिया से लौटे प्रवासी मजदूरों में सरिया के लुतियानों निवासी लोकनाथ महतो एवं श्रीरामडीह के विकास महतो शामिल हैं. इसमें लोकनाथ महतो एक साल से तो विकास महतो तीन महीने से मलेशिया में फंसे हुए थे. दोनों मजदूरी करने के लिए मलेशिया गए हुए थे. विकास की वापसी एक फरवरी को जबकि लोकनाथ महतो की वापसी 8 फरवरी को हुई है.


Body:वीजा का समय खत्म होने के कारण जेल में बंद था विकास



श्रीरामडीह निवासी विकास महतो के वीजा की अवधि खत्म होने के कारण मलेशिया के जेल में बंद था जबकि लोकनाथ महतो वीजा का जुर्माना नहीं दे पाने के कारण मलेशिया में नजरबंद था।
विकास महतो तीन माह की सजा जेल में काटने के बाद रिहा होकर अपने घर लौटा है. जबकि लोकनाथ महतो जुर्माना की राशि जमा करने के बाद शनिवार को अपने घर लौट गया है. लोकनाथ महतो के परिजनों ने कर्ज लेकर इनकी वापसी के लिए पैसे भेजे थे. दोनों मजदूरों ने वतन वापसी में सरकार एवं जन प्रतिनिधियों के द्वारा सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली शनिवार की सुबह दोनों से उनके घरों पर जाकर मुलाकात कर हालचाल लिया. लोकनाथ महतो ने बताया कि उनके घर वालों ने कर्ज में रुपये लेकर मुझे भेजा. इसके बाद जुर्माना की राशि चुकाकर बहुत मुश्किल से वापस लौट सके हैं. दूसरी ओर
विकास कुमार महतो इमिग्रेशन (आप्रवासन) कानून के उल्लंघन के आरोप में मलेशिया के जेल में बंद था. 29 अक्टूबर 2019 को जब बाजार के लिए बाहर निकला था तभी मलेशिया इमिग्रेशन के अधिकारियों ने वीजा खत्म होने के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया था.



Conclusion:वीजा का जुर्माना नहीं दे पाने से नजरबंद था लोकनाथ महतो


लोकनाथ महतो करीब एक साल पूर्व रोजगार के लिए मलेशिया गया था. वह घर आने की कोशिश कर रहा था किंतु रुपया, पासपोर्ट और वीजा नहीं होने की वजह से वहां से वापस नहीं आ पा रहा था. वह कंस्ट्रक्शन लेबर एक्सचेंज सेंटर बरहेट नामक कंपनी में काम करता था. कंपनी के लोगों ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. लोकनाथ ने बताया कि बगोदर थाना क्षेत्र के माहुरी के रहनेवाले उमेश महतो के माध्यम से दो जनवरी 2019 को वह मलेशिया आया था. तीन महीने तक काम करने के बाद वेतन नहीं मिलने पर उसने घर जाने की इच्छा जाहिर की तो कंपनी वाले लोगों ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था.
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