दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा और सीमानीजोर गांव में काफी संख्या में ग्रामीण कोल ब्लॉक के विरोध में जुटे. सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीणों को स्थानीय शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन का साथ मिला. इसके साथ ही जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा जो नलिन सोरेन की पत्नी भी हैं मौजूद रहीं. जिसके बाद ग्रामीणों ने एकबार फिर से दोहराया कि कोल ब्लॉक के लिए जमीन किसी भी हालत में नहीं देंगे. ग्रामीणों ने कहा कि कोल ब्लॉक के लिए जमीन नहीं देने वाले हैं. अगर कोई जोर जबर्दस्ती करेगा तो उसकी जान ले लेंगे. इसके साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की हम रक्षा करेंगे. अगर कोल ब्लॉक की कंपनी का कोई एजेंट यहां आता है तो उन्हें जमीन में गाड़ देंगे.
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विधायक नलिन सोरेन ने भी किया विरोध
इस मौके पर शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन भी कोल ब्लॉक के विरोध में उतरे. उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि वो इन ग्रामीणों के साथ हैं. कोल ब्लॉक के लिए जो 84 गांव के लोगों को नोटिस दिया गया है, उन विस्थापितों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यह कानून है कि ग्राम सभा के बगैर कोई भी सरकार विकास कार्यों के लिए जमीन नहीं ले सकती, इसलिए सरकार जोर जबर्दस्ती न करें.
क्या है पूरा मामला
शिकारीपाड़ा प्रखंड में केंद्र सरकार के द्वारा कई कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं. कई जगह प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को जमीन खाली करने के लिए भी कहा गया है. ऐसे में अब वे खुलकर विरोध कर रहे हैं. कोल ब्लॉक के लिए जमीन उपलब्ध कराने को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है. इसी क्रम में शिकारीपाड़ा प्रखंड के पहाड़ आमचुआं गांव में दर्जनों गांव के लोग एकजुट हुए और उन्होंने कोल ब्लॉक के लिए अपनी जमीन नहीं देने की बात एक बार फिर से दोहराई.