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दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल का डायलिसिस सेंटर हुआ देवघर शिफ्ट, बढ़ी आम मरीजों की परेशानी

कोरोना संकट से निपटने के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाये जाने के बाद यहां संचालित डायलिसिस सेंटर को देवघर शिफ्ट कर दिया गया है. इससे डायलिसिस के मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

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Published : Apr 29, 2020, 4:59 PM IST

दुमका: दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाये जाने के बाद यहां संचालित डायलिसिस सेंटर को देवघर शिफ्ट कर दिया गया है. इससे डायलिसिस के मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. वे इस सेंटर को दुमका में ही जारी रखने की बात कहते हैं.


क्या कहना है मरीजों और परिजनों का

डायलिसिस के मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि किसी को सप्ताह में दो दिन तो किसी को तीन दिन डायलिसिस की जरूरत है. वहीं कई मरीजों की उम्र काफी है. ऐसे में देवघर आना-जाना काफी मुश्किल है, यह व्यवस्था यहीं रहे तो अच्छा रहेगा. उन्होंने इस बाबत सीएस से मिलकर भी अपनी बात रखी.

ये भी पढ़ें- झारखंड: कोरोना मरीजों की संख्या हुई 105, तीन की मौत, देश भर में अबतक 1007 की गई जान

क्या कहना है सिविल सर्जन का

इस मामले में दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि डीएमसीएच को कोविड-19 का अस्पताल बनाया गया है. अभी उसमें कई ऐसे संदिग्ध हैं जिनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. हम आम मरीज को इस अस्पताल में रखने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, जबकि हमने डायलिसिस के लिए देवघर में बेहतर व्यवस्था की है.

दुमका: दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाये जाने के बाद यहां संचालित डायलिसिस सेंटर को देवघर शिफ्ट कर दिया गया है. इससे डायलिसिस के मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. वे इस सेंटर को दुमका में ही जारी रखने की बात कहते हैं.


क्या कहना है मरीजों और परिजनों का

डायलिसिस के मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि किसी को सप्ताह में दो दिन तो किसी को तीन दिन डायलिसिस की जरूरत है. वहीं कई मरीजों की उम्र काफी है. ऐसे में देवघर आना-जाना काफी मुश्किल है, यह व्यवस्था यहीं रहे तो अच्छा रहेगा. उन्होंने इस बाबत सीएस से मिलकर भी अपनी बात रखी.

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क्या कहना है सिविल सर्जन का

इस मामले में दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि डीएमसीएच को कोविड-19 का अस्पताल बनाया गया है. अभी उसमें कई ऐसे संदिग्ध हैं जिनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. हम आम मरीज को इस अस्पताल में रखने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, जबकि हमने डायलिसिस के लिए देवघर में बेहतर व्यवस्था की है.

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