ETV Bharat / city

हे भगवान! सात बार के विधायक नलिन सोरेन के गांव का ऐसा हाल, सड़क-बिजली तो दूर पीने का पानी भी नहीं उपलब्ध

आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी अगर किसी गांव में लोगों को सड़क, बिजली और पानी मयस्सर नहीं है तो साफ कहा जा सकता है कि विकास के दावे खोखले हैं. दुमका के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड में खड़ीगढ़ गांव में आज तक ना बिजली पहुंची है और ना ही यहां पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था है. यहां लोग आज भी कई किलोमीटर पैदल चलकर गड्डे से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं. खास बात ये है कि ये गांव सात बार के विधायक नलिन सोरेन का है.

Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
author img

By

Published : Mar 31, 2022, 6:41 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 10:53 PM IST

दुमका: सरकार कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चलाती है. सरकार दावा भी करती है कि योजनाओं को सुदूरवर्ती क्षेत्रों और समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है. हालांकि उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. दुमका जिले के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड में खड़ीगढ़ एक ऐसा गांव है जहां विकास की बात करना भी बेमानी लगने लगती है.

ये भी पढ़ें: Water Crisis in Dumka: दुमका के लोगों का दर्द, गर्मी की शुरुआत में ही सूखने लगे जलस्रोत, पानी के लिए भटकने को मजबूर

विकास की योजनाओं को मुहं चिढ़ाता खडीगढ़ गांव: दुमका जिले के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड से 6 किलोमीटर रामपुरहाट रोड में चलने के बाद एक गांव आता है रामगढ़. रामगढ़ गांव से एक पथरीला रास्ता खडीगढ़ गांव की ओर जाता है. लगभग 4 किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्तों से चलकर काफी मुश्किल से खड़ीगढ़ पहुंचा जा सकता है. इस गांव की सड़क पर चार पहिया और दो पहिया वाहन चलने की बात छोड़िए पैदल चलना भी मुश्किल है. गांव में न सड़क है न बिजली. गांव के किसी भी व्यक्ति को आज तक प्रधानमंत्री आवास भी नहीं मिला.

देखें स्पेशल स्टोरी



क्या कहती है ग्राम प्रधान: ग्राम प्रधान गीता हेंब्रम ने बताया कि यह गांव अत्यंत बदहाल स्थिति में है. यहां की सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय है. इस वजह से उनका जीना मुश्किल है. अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे खाट पर लाद कर 4 किलोमीटर पैदल चलने के बाद मुख्य सड़क लाया जाता है जहां से अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जाती है. इस बीच मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस गांव में बिजली भी नहीं पहुंच पाई है और ना ही किसी को अब तक प्रधानमंत्री आवास मिला है.

Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
पानी लेने जाती गांव की महिलाएं

खास बात ये है कि ये गांव शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन का है जो लगातार सात बार से विधायक हैं. गीता बताती हैं कि वे भले ही अपने विधायक को देखने कई किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में गई हैं, लेकिन आज तक नलिन सोरेन इस गांव को देखने नहीं आए.



पानी की है बड़ी समस्या: खड़ीगढ़ गांव पहाड़ों पर बसा हुआ है. इस गांव में पानी एक गंभीर समस्या है. गांव में एक भी चापाकल नहीं है, लोग पथरीले रास्ते से लंबी दूरी तय कर पहाड़ से नीचे उतरते हैं फिर एक पुराने गड्ढे से पीने का पानी भरते हैं. गांव की महिला रासमणि देवी और रानी ने बताया कि बहुत मुश्किल से पानी भरने पहुंचती हैं. फिर पानी ढोकर ऊपर ले जाना काफी मेहनत का काम होता है. वे सरकार से गांव में चापाकल लगवाने की मांग कर रही हैं.

Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
गांव तक जाने वाली सड़क
क्या कहते हैं शिकारीपाड़ा बीडीओ: इस पूरे मामले पर शिकारीपाड़ा प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे खुद गांव की समस्या देखने वहां जाएंगे और लोगों की परेशानी दूर करेंगे.

दुमका: सरकार कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चलाती है. सरकार दावा भी करती है कि योजनाओं को सुदूरवर्ती क्षेत्रों और समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है. हालांकि उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. दुमका जिले के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड में खड़ीगढ़ एक ऐसा गांव है जहां विकास की बात करना भी बेमानी लगने लगती है.

ये भी पढ़ें: Water Crisis in Dumka: दुमका के लोगों का दर्द, गर्मी की शुरुआत में ही सूखने लगे जलस्रोत, पानी के लिए भटकने को मजबूर

विकास की योजनाओं को मुहं चिढ़ाता खडीगढ़ गांव: दुमका जिले के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड से 6 किलोमीटर रामपुरहाट रोड में चलने के बाद एक गांव आता है रामगढ़. रामगढ़ गांव से एक पथरीला रास्ता खडीगढ़ गांव की ओर जाता है. लगभग 4 किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्तों से चलकर काफी मुश्किल से खड़ीगढ़ पहुंचा जा सकता है. इस गांव की सड़क पर चार पहिया और दो पहिया वाहन चलने की बात छोड़िए पैदल चलना भी मुश्किल है. गांव में न सड़क है न बिजली. गांव के किसी भी व्यक्ति को आज तक प्रधानमंत्री आवास भी नहीं मिला.

देखें स्पेशल स्टोरी



क्या कहती है ग्राम प्रधान: ग्राम प्रधान गीता हेंब्रम ने बताया कि यह गांव अत्यंत बदहाल स्थिति में है. यहां की सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय है. इस वजह से उनका जीना मुश्किल है. अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे खाट पर लाद कर 4 किलोमीटर पैदल चलने के बाद मुख्य सड़क लाया जाता है जहां से अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जाती है. इस बीच मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस गांव में बिजली भी नहीं पहुंच पाई है और ना ही किसी को अब तक प्रधानमंत्री आवास मिला है.

Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
पानी लेने जाती गांव की महिलाएं

खास बात ये है कि ये गांव शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन का है जो लगातार सात बार से विधायक हैं. गीता बताती हैं कि वे भले ही अपने विधायक को देखने कई किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में गई हैं, लेकिन आज तक नलिन सोरेन इस गांव को देखने नहीं आए.



पानी की है बड़ी समस्या: खड़ीगढ़ गांव पहाड़ों पर बसा हुआ है. इस गांव में पानी एक गंभीर समस्या है. गांव में एक भी चापाकल नहीं है, लोग पथरीले रास्ते से लंबी दूरी तय कर पहाड़ से नीचे उतरते हैं फिर एक पुराने गड्ढे से पीने का पानी भरते हैं. गांव की महिला रासमणि देवी और रानी ने बताया कि बहुत मुश्किल से पानी भरने पहुंचती हैं. फिर पानी ढोकर ऊपर ले जाना काफी मेहनत का काम होता है. वे सरकार से गांव में चापाकल लगवाने की मांग कर रही हैं.

Bad condition of seven time MLA Nalin Soren village
गांव तक जाने वाली सड़क
क्या कहते हैं शिकारीपाड़ा बीडीओ: इस पूरे मामले पर शिकारीपाड़ा प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे खुद गांव की समस्या देखने वहां जाएंगे और लोगों की परेशानी दूर करेंगे.
Last Updated : Mar 31, 2022, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.