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धनबाद: विकास का कड़वा सच, आजादी के 70 साल बाद भी ग्रामीणों को एक अदद सड़क का इंतजार

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Published : Sep 23, 2019, 11:05 AM IST

धनबाद के तोपचांची प्रखंड के खेड़ाबेड़ा गांव में सड़क नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. इस वजह से लोगों में काफी नाराजगी भी है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो, वो उग्र आंदोलन करेंगे.

नहीं बनी सड़क

धनबाद : जहां एक ओर सरकार विकास के नाम पर कई दावे करती है. वहीं इसकी जमीनी सच्चाई गोमो के चैता पंचायत अंतर्गत खेड़ाबेड़ा के नावाबाड़ी गांव रूबरू कराती है. इस गांव में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी आज तक सड़क नहीं बनी है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या को लेकर दर्जनों ग्रामीण विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों के खिलाफ काफी नाराजगी है.

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ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी गांव में आज तक सड़क नहीं बनी है. हालात यह है कि लगभग दस साल पहले पुल का निर्माण तो किया गया, लेकिन उसके दोनों ओर सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे खाट पर लाद कर ले जाना पड़ता है. वहीं बरसात के मौसम में मुसीबत दोगुनी बढ़ जाती है. इस समस्या से ग्रामीणों ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया है, लेकिन हर बार ग्रामीणों की बातों को अनसुनी कर दिया जाता है. जिससे परेशान होकर ग्रामीण विरोध पर भी बैठे हैं. ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों को चेताते हुए कहा कि हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो सभी ग्रामीण आगे भी आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे.

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वहीं सेवानिवृत शिक्षक सुखलाल महतो का कहना है कि आजादी के बाद यह बंगाल के मानभूम जिला का अंग बना. उसके बाद यह बिहार और बिहार के बाद नया राज्य झारखंड बन गया. लेकिन इसकी सुध आज तक किसी नेता ने नहीं ली है. नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं और चुनाव खत्म होते ही इस गांव का रास्ता भूल जाते हैं.

Intro:टुंडी : जहां एक ओर सरकार विकास के नाम पर दंभ भरने का कार्य कर रही है लेकिन इसकी सच्चाई गोमो के चैता पंचायत अंतर्गत खेड़ाबेड़ा के नावाबाड़ी गांव रूबरू कराती है जहां आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी उस गांव में आज तक सड़क नही बनी। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर गांव के 15 घर के परिवार के सदस्यो ने एक सप्ताह के लिए विरोध में बैठ गए है। इस दौरान ग्रामीणों ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद भी गांव में आज तक सड़क नही बनी। हालात यह है कि लगभग दस वर्ष पूर्व पुलिया का निर्माण तो हो गया लेकिन उसके दोनों ओर सड़क का निर्माण आज तक नही हो सका है। गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे खाट पर लाद कर ले जाना पड़ता है। वहीं बरसात के मौसम में मुसीबत दोगुनी बढ़ जाती है। इस समस्या से ग्रामीणों ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया लेकिन हर बार ग्रामीणों की बातों को अनसुनी कर दिया गया। जिससे आजिज हो कर ग्रामीण एक सप्ताह के लिए विरोध में बैठ गए है। ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों को चेताते हुए कहा कि हमारी मांगे पूरी नही की गई तो हम सभी ग्रामीण आगे भी आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।Body:सेवानिवृत शिक्षक सुखलाल महतो का कहना है कि आजादी के बाद यह बंगाल के मानभूम जिला का अंग बना,उसके बाद यह बिहार और बिहार के बाद नया राज्य झारखंड बन गया लेकिन इसकी सुध आज तक किसी नेताओं ने नही ली,नेता सिर्फ वोट मांगने आते है और वोट खत्म होते ही इस गांव का रास्ता भूल जाते है.Conclusion:नो3
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