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धनबाद में समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक, कहा- जनवरी में बीईईओ की लेंगे लिखित परीक्षा

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Published : Dec 18, 2020, 2:33 AM IST

धनबाद उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उपायुक्त ने बीईईओ के लापरवाही पर उनकी क्लास भी लगाई.

Education Campaign in Dhanbad
समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक

धनबाद: उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने गुरुवार को समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षात्मक बैठक में विभिन्न प्रखंडों से आए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) की जमकर क्लास ली. इसके साथ ही उपायुक्त ने जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में सभी बीईईओ के सामान्य शिक्षा संबंधी ज्ञान पर आधारित परीक्षा लेने का निर्देश दिया.

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दरअसल, समीक्षा के दौरान उपायुक्त नेट एनरोलमेंट रेश्यो (एनईआर) और विद्यालयों में ड्रॉप आउट की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान पूर्वी टुंडी का परफॉर्मेंस सर्वाधिक खराब मिला. यहां कक्षा 1 से 5 तक का ड्रॉप आउट 5.10%, कक्षा 6 से 8 11.62% और कक्षा 1 से 8 तक का ड्रॉपआउट प्रतिशत 7.33 था. जब उपायुक्त ने पूर्वी टुंडी के बीईईओ से इस संबंध में कुछ सामान्य सवाल पूछे तो वे नहीं बता पाए. उपायुक्त ने कहा कि यह घोर शर्मनाक है कि एक बीईईओ आंकड़ों का विश्लेषण नहीं कर सकते. उनके रवैए से उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी प्रकट की. उपायुक्त ने उनसे अनुभव के बारे में पूछा तो बीईईओ ने बताया कि वह पहले असिस्टेंट टीचर थे. उसके बाद हेड मास्टर बने. हेड मास्टर से लेक्चरर और अभी पूर्वी टुंडी में बीईईओ हैं. इसके साथ ही बताया कि प्रति माह उन्हें 80,000 रुपये वेतन प्राप्त होता है. इस पर उपायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब इनको ड्रॉपआउट का पता नहीं है. 10 साल की नौकरी के बाद भी इतनी निम्न स्तर की लीडरशिप है तो छात्रों का भविष्य का क्या होगा.

उपायुक्त ने तत्काल निर्देश दिया कि जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में सभी बीईईओ और बीपीओ की एक सामान्य परीक्षा अपनी निगरानी में लेंगे, जिसमें झारखंड में शिक्षा से संबंधित सामान्य सवालों का जवाब उनसे लिखित परीक्षा में लिया जाएगा. परीक्षा का रिपोर्ट कार्ड वे सीधे सरकार को भेजेंगे. खराब प्रदर्शन करने वालों के रिपोर्ट कार्ड में टिप्पणी करेंगे कि इस पद पर बैठे अधिकारी को सामान्य वस्तु का भी ज्ञान नहीं है, ऐसे में शिक्षा में कैसे सुधार होगा. उन्होंने कहा प्रखंड को ठीक करने के लिए हर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के पास एक विजन होना चाहिए. कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. लीडरशिप अच्छी होगी तो राज्य और देश का भविष्य उज्ज्वल बनेगा.

समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने ड्रॉपआउट की संख्या कम करने, नेट एनरोलमेंट रेश्यो को बढ़ाने, ड्रॉपआउट की संख्या को कम करने के लिए छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. हर क्लास के शिक्षकों को छात्रों के घर वालों का फोन नंबर रखने और छात्र जब स्कूल नहीं आए तो उनके घर पर फोन कर सूचित करने का निर्देश दिया.

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