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धनबाद: न्यू मधुबन वासरी के निर्माण में लगा ग्रहण, मजदूरों ने बकाए वेतन देने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

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Published : Jan 13, 2020, 7:18 PM IST

HEC workers protest against company
प्रर्दशन करते एचइसी के मजदूरों

धनबाद के एचइसी कंपनी में काम करने वाले मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. मजदूर अपने बकाए वेतन और सरकार के निर्धारित मजदूरी देने की मांग कंपनी प्रबंधन से कर रहे हैं. इसके साथ ही एचइसी कंपनी का काम अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद कर दिया है. जिसके कारण अब न्यू मधुबन वासरी के निर्माण पर ग्रहण लग चुका है.

धनबाद: केंद्र सरकार की बहुउद्देश्यीय परियोजना न्यू मधुबन वासरी के निर्माण पर अब ग्रहण लग चुका है. सात साल पहले निर्माण कार्य की नींव कोयला मंत्रालय की देखरेख में बीसीसीएल ने रखी थी. अपने तय समय सीमा में यह काम अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. इसी सिलसिले में सोमवार को निर्माणाधीन कंपनी एचइसी में काम करने वाले मजदूरों ने बकाए वेतन और सरकार की निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं, मजदूरों ने कहा कि जब तक मजदूरों की मांग पूरी नहीं होती है, तब तक एचइसी कंपनी का काम बंद रहेगा.

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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मुखिया गोपाल महतो ने कहा कि एचइसी कंपनी त्यौहार के समय में भी मजदूरों का बकाया वेतन नहीं दे रही है. मजदूर वेतन नहीं मिलने पर अपना त्यौहार नहीं मना पायेंगे. वहीं, सरकार की निर्धारित मजदूरी कंपनी, मजदूरों को नहीं दे रही है. कंपनी से बार बार कहा गया है कि वो निर्धारित मजदूरी की रेट लिस्ट मजदूरों के सामने लाए, लेकिन हर बार आश्वासन देकर चले जाते रहे हैं. इधर मजदूरों का दो महीने से वेतन बकाया है, जो नहीं दिया गया है. मजदूर अपनी बात को लेकर उनके पास आये थे. विवश होकर कंपनी के काम को बंद कर दिया गया है. उन्होंने बैंक के माध्यम से मजदूरों के खाते में मजदूरी देने की मांग की.

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वहीं, कंपनी में काम करने वाले मजदूरों ने कहा कि दो महीने का वेतन बकाया है. पहले भी वेतन कभी सुचारू रूप से नहीं दिया गया है. त्यौहार के समय में भी वेतन नहीं दिया जा रहा. सरकार की निर्धारित मजदूरी कभी उनलोगों को नहीं दी गयी है. कंपनी को बार बार कहा गया कि मजदूरों को जो मजदूरी सरकार निर्धारित की है उसका रेट लिस्ट सार्वजनिक करें लेकिन कंपनी ऐसा नहीं करती है. कंपनी उनलोगों को जिस रेट लिस्ट पर हस्ताक्षर करवाती है. वह मजदूरी नहीं दी जाती है. वहीं, जब तक मजदूरों की मांग पूरी नहीं होती है तब तक काम बंद रहेगा.

Intro:स्लग -- न्यू मधुबनवासरी ने निर्माण में लगा ग्रहण,मजदूरों ने बकाये वेतन, सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी की मांग को लेकर एचइसी कम्पनी का काम अनिश्चितकालीन समय के लिये किया बन्द
सरकार द्वारा तय मजदूरी लिस्ट में मजदूर से हस्ताक्षर कम्पनी लेती, भुगतान मनमाने ढंग से कम्पनी मजदूरों को मजदूरी देती।
एंकर -- केंद्र सरकार की बहुउद्देश्यीय योजना न्यू मधुबनवासरी के निर्माण पर ग्रहण लग चुका है।सात साल पहले निर्माण कार्य की नींव कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में बीसीसीएल के द्वारा की गई थी।अपने तय समय सीमा में यह काम अब तक पूरा नही किया जा सका है।सोमवार को निर्माणाधीन कम्पनी एचइसी में काम करने वाले मजदूरों ने बकाये वेतन तथा केंद्र राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर कम्पनी के काम को अनिश्चिकालीन समय के बाधित करते हुए प्रदर्शन निर्माण स्थल परिसर में किया।कम्पनी में काम करने वाले मजदूर खानुडीह मुखिया गोपाल महतो के नेतृत्व में एचइसी कम्पनी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी किया।मजदूर अपने बकाये वेतन तथा केंद्र राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी देने की मांग कम्पनी प्रबंधन से किये।Body:आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मुखिया गोपाल महतो ने कहा कि एचइसी कम्पनी त्यौहार के समय मे भी मजदूरों का बकाया वेतन नही दे रहे।मजदूर वेतन नही मिलने पर अपना त्यौहार नही मना पायेंगे।वही सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी कम्पनी मजदूरों को नही दे रही है।कम्पनी से बार बार कहा गया है कि वे निर्धारित मजदूरी का रेट लिस्ट को मजदूरों के सामने लाये।लेकिन हर बार आश्वाशन देकर चले जाते रहे है।इधर मजदूरों का दो माह का वेतन बकाया है।जो नही दिया गया है।मजदूर अपनी बात को लेकर उनके पास आये थे।विवस होकर कम्पनी के काम को बंद कर दिया गया है।बैंक के माध्यम से मजदूरों के खाते में मजदूरी दे।वही कम्पनी में काम करने वाले मजदूर ने कहा कि दो माह का वेतन बकाया है।पहले भी वेतन कभी सुचारू रूप से नही दिया गया है।त्यौहार के समय मे भी वेतन नही दिया जा रहा।सरकार का निर्धारित किया मजदूरी कभी उनलोगों को नही दिया गया है।कम्पनी को बार बार कहा गया कि हम मजदूरों को जो मजदूरी सरकार निर्धारित की है उसका रेट लिस्ट सार्वजनिक करे।लेकिन कम्पनी ऐसा नही करती।कम्पनी में उनलोगों को जिस रेट लिस्ट पर  हस्ताक्षर करवाती है  वह मजदूरी नही दिया जाता। अब जब तक हम मजदूरों की मांग पूरी नही होती काम बंद रहेगा।
बाइट -- गोपाल महतो(मुखिया, खानुडीह पंचायत)चश्मा में
बाइट -- निक्की पांडेय(मजदूर)

Conclusion:नो
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