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गर्मी की आहट से ही सूख रहे लोगों के हलक, पीएन सिंह ने इस पंचायत को लिया था गोद

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Published : Mar 28, 2019, 4:28 PM IST

पीएम मोदी ने अपने सांसदों को एक पंचायत गोद लेकर उसका विकास करने की अपील की थी. जिसके बाद धनबाद के सांसद पीएम सिंह ने भी एक पंचायत को गोद लिया था. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी उस गांव की हालत में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं आया है.

धनबाद में पानी की कमी

धनबाद: प्रधानमंत्री मोदी की बेहद महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है सांसद के द्वारा एक पंचायत को गोद लेकर उसका विकास करना. पीएम की अपील के बाद धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने भी रतनपुर पंचायत को गोद लिया. गांव वालों को उम्मीद थी कि सांसद के गोद लेने के बाद वहां विकास होगा और उनकी समस्याएं दूर होंगी. लेकिन पिछले पांच सालों में गांव की तस्वीर कुछ ज्यादा नहीं बदल पाई है.

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धनबाद के रतनपुर पंचायत के लोगों के लिए पानी के लिए जद्दोजहद करना कोई नई बात नहीं है. यहां के सांसद हैं पीएन सिंह. इन्होंने कभी पीएम की अपील के बाद गांव को गोद लिया था और लोगों से वादा किया था कि इस पंचायत में इतना विकास करेंगे कि यह एक आदर्श बन जाएगा. लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी इस गांव की तकदीर नहीं बदल पाई है.
गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत में बैना गाजर, कापासाड़ा, जीरामुड़ी,कुम्हारडीह और कुसमाटांड़ गांव हैं. जिसकी आबादी लगभग 7000 है. पीएन सिंह ने पंचायत को गोद लिया तो यहां की सड़कें बनवा दी. पिछले डेढ़ सालों से पानी के पाइप बिछाने का काम जारी है, लेकिन पानी उसमें कब आएगा यह किसी को पता नहीं.

अभी गर्मी ने ठीक से दस्तक भी नहीं दी है और गांव का एक मात्र तालाब सूखने लगा है. सिर्फ गर्मी की आहट से ही लोगों के हलक सूखने लगे हैं. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में जब गर्मी अपने शबाब पर होगी तो पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा. पीएन सिंह के गोद लिए गांव में आपको कहीं नाली भी दिखाई नहीं देगी. इसके न बनाने के पीछे सांसद महोदय ने जो तर्क दिया है वह भी हास्यास्पद है.
गांव के समुचित विकास के लिए करीब 29 योजनाओं पर सहमति बनी थी. लेकिन सिर्फ दो-चार योजनाओं पर ही काम शुरू हो पाया बाकी के योजनाएं हवा हवाई हो गईं.

Intro:धनबाद:प्रधानमंत्री मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक सांसद के द्वारा एक पंचायत को गोद लिया गया था ताकि उसमें पड़ने वाले गांव का समुचित विकास हो सके.लेकिन धनबाद के भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह के द्वारा रतनपुर पंचायत को गोद लेने के बाद भी आज पंचायत की तस्वीर नहीं बदल पाई है. कुछ इलाकों में सड़के बनी है लेकिन मूलभूत सुविधाओं में से एक इस गोद लिए हुए पंचायत में पानी की विकराल समस्या है.


Body:जी हां धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड का यह रतनपुर पंचायत इस पंचायत के अंदर गांव आते हैं.जिसमें रतनपुर, बैना गाजर, कापासाड़ा, जीरामुड़ी,कुम्हारडीह और कुसमाटांड़ गांव है. रतनपुर पंचायत की कुल आबादी लगभग 7000 के करीब है. जिनमें कुछ इलाकों में सड़क बनी है लेकिन अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां सड़क नहीं बन पाई है.पूरे पंचायत में पानी की विकराल समस्या है. लोग तालाब के पानी से घर के जरूरी काम निपटाते हैं और पीने का पानी दूसरे के घरों से लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. पूरे पंचायत में नाली कहीं नहीं दिखता.नाली नहीं बनाने के पीछे सांसद महोदय का तर्क है कि नाली बन जाने से गांव के लोग उसमें कचरा डालकर उसे जाम कर देंगे.जिस कारण सांसद महोदय आदर्श ग्राम में नाली नहीं बनाना चाहते. ऐसा वहां के मुखिया का कहना है.

गौरतलब है कि गांव का समुचित विकास हो सके उसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक सांसदों से एक-एक पंचायत गोद लेने के लिए कहा था. लेकिन सांसदों ने पंचायत को गोद लेकर भी गांव का विकास करना भूल गए.जिनका विकास करने के लिए मोदी जी ने स्वयं सांसदों से आग्रह किया था.

ग्रामीणों ने बताया कि सड़के कुछ हद तक बनी है लेकिन पीने का पानी यहां की सबसे बड़ी समस्या है.गर्मी के आहट मात्र से ही लोगों की हलक सूखने लगी है.आने वाले दिनों में जब गर्मी पड़ेगी तो तालाब भी सूख जाएंगे. उस समय पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा. लोग जैसे तैसे अभी भी किसी दूसरे के घर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. हालांकि पानी की समस्या को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और लगभग डेढ़ सालों से पाइप बिछाने का काम जारी है लेकिन पानी उसमें कब आएगा यह किसी को पता नहीं है.

रतनपुर पंचायत के मुखिया मिहिर कुमार मंडल का मानना है कि सांसद के द्वारा गोद लिए जाने के बाद ग्रामीणों को जो अपेक्षाएं थी वह नहीं पूरी हो पाई है. जितना काम होना चाहिए था नहीं हो पाया है. उन्होंने बतलाया कि 29 योजनाएं पर काम होने पर सहमति बनी थी लेकिन 29 में से मात्र दो-चार योजना पर ही काम हो पाया बाकी योजनाओं पर काम भी शुरू नहीं हुआ है.


Conclusion:सवाल यह उठता है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी अगर गोद लिए हुए गांव का विकास नहीं हो पाया तो बाकी दूसरी जगह क्या विकास हुआ होगा यह आप खुद से अंदाजा लगा सकते हैं. एक पंचायत के विकास के लिए एक सांसद को और कितना वक्त चाहिए ताकि गोद लिए हुए पंचायत का विकास हो सके. जब इस बारे में सांसद महोदय से बात करने का प्रयास किया गया तो चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने के कारण वह नहीं मिल पाए.

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