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भैरव महोत्सव के अंतिम दिन दिखा अध्यात्म और कला का संगम, बॉलीवुड सितारों की धुन पर थिरका बोकारो

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Published : Oct 18, 2019, 1:14 PM IST

बोकारो में भैरव महोत्सव के आखिरी दिन बॉलीवुड गायक और गायिका सहित स्थानीय कलाकारों ने मिलकर धमाकेदार प्रस्तुति दी. वहीं, छऊ नृत्य ने सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम के समापन पर सांसद पशुपति नाथ सिंह और मंत्री अमर बाउरी ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया.

भैरव महोत्सव का समापन

चंदनकियारी, बोकारोः पर्यटक, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग और झारखंड सरकार की ओर से चंदनकियारी के पोलकिरी भोजूडीह स्थित भैरवस्थान में आयोजित दो दिवसीय भैरव महोत्सव का समापन हुआ. इस दो दिवसीय महोत्सव में बॉलीवुड के गायक और गायिका के साथ-साथ स्थानीय और बाहर से आमंत्रित कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और रंगारंग प्रस्तुतियों से समा बांधा. समापन के मौके पर प्रख्यात गायक दलेर मेहंदी के अलावा स्थानीय कलाकारों ने भी अपना जलवा जमकर बिखेरा. वहीं, छऊ नृत्य कलाकारों ने नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम में प्रस्तुति देते कलाकार

ये भी पढ़ें-रंगारंग कार्यक्रम के साथ भैरव महोत्सव का समापन, दूसरे दिन दलेर मेहंदी गानों पर खूब झूमे लोग

भजन सुन भाव विभोर हुए श्रोता

इसके पहले ऑल इंडिया रेडियो वाराणसी से लोक गीत गायिका रंजना राय ने अपनी सुरीले स्वरों से संगीत के महफिल को बांधे रखा. उन्होंने भजन 'सांसों की माला पे सुमिरु मैं पी का नाम' गाना जैसे ही शुरू किया श्रोता भाव विभोर हो गए. इसके साथ ही सैया मिले लड़कइयां मैं क्या करूं...जैसे हिंदी, भोजपुरी, मगही भाषा में गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी.

वहीं, चंदनकियारी के बुढ़ीविनोर निवासी सह मुंबई आर्टिस्ट ऋतुराज की एक से बढ़कर एक गीतों ने युवाओं को थिरकने पर विवश कर दिया. इस दौरान मंच के माध्यम से बच्चे कलाकारों ने स्वच्छता का संकल्प नाटक प्रस्तुत कर स्वच्छ भारत अभियान को सफल करने और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त रखने का संदेश दिया.

कार्यक्रम में प्रस्तुति देते कलाकार

भैरव महोत्सव में पहुंचे सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि उन्हें बीते लोकसभा चुनाव में बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिल चुका है. उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में भी बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिलता रहेगा, उन्हीं के कारण आज चंदनकियारी में विकास हो रहा है. इस दौरान मंत्री अमर बाउरी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम में रवि त्रिपाठी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया. कुल मिलाकर भैरव महोत्सव में अध्यात्म के साथ-साथ कला का अनूठा संगम देखने को मिला.

कार्यक्रम में प्रस्तुति देते कलाकार

ये भी पढ़ें-35 लाख बच्चों को जल्द ही मिलेंगे स्कूल बैग, मुंबई और गाजियाबाद की कंपनी को मिला टेंडर

मुकेश के गाए गीतों की प्रस्तुति

भैरव महोत्सव में बोकारो के प्रसिद्ध युवा कलाकार अरुण पाठक ने मैथिली, हिन्दी और सदाबहार गीतों की सुरीली पेशकश से खूब समां बांधा. महाकवि विद्यापति रचित 'जय-जय भैरवि असुर भयाउनि' का पाठ कर अपनी प्रस्तुति शुरू की. इसके बाद मैथिली लोकगीत गाकर सबकी प्रशंसा पाई. आगे उन्होंने मुकेश के गाए गीतों की प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम में अरुण के साथ ढोलक और हैंडसोनिक पर राकेश कुमार सिंह, कीबोर्ड पर राजेंद्र कुमार और आक्टोपैड और सैम्पलर पर विधान दत्ता ने कुशल संगत की.

झारखंड से है पुराना लगाव- दलेर मेहंदी

पॉप सिंगर दलेर मेहंदी ने कहा कि पॉप सांग के साथ लोक गायकी को भी बढ़ावा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड से उनका पुराना लगाव रहा है. रांची, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद आदि शहर में उनका बचपन गुजरा है. वह बोकारो 1976 में पहली बार आए थे. दूसरी बार आने पर पुरानी यादें ताजा हो गई. बोकारो आकर बहुत अच्छा लगा. दलेर मेहंदी ने कहा कि उनकी पॉपुलैरिटी आज भी कम नहीं हुई है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग पॉप सांग गुनगुनाते ही हैं. साउथ कोरिया, जहां म्यूजिक असंभव है, वहां भी लोग उनके गाने का एड चलाते हैं. इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पॉप सांग आज भी पॉपुलर है. इस मौके पर आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत मल्लिक आदि मौजूद रहे. सभी कलाकार को भैरव महोत्सव के अंतिम दिन सम्मानित किया गया.

Intro:भैरव महाेत्सव के अंतिम दिन दिखा अध्यात्म अाैर कला का संगमBody:चंदनकियारी-पर्यटक,कला संस्कृति,खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग,झारखंड सरकार की ओर से चंदनकियारी के पोलकिरी भोजूडीह स्थित भैरवस्थान में आयोजित दो दिवसीय भैरव महोत्सव का समापन हुआ| इस दो दिवसीय महोत्सव में बॉलीवुड के गायक व गायिका के साथ साथ स्थानीय तथा बाहर से आमंत्रित कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व रंगारंग प्रस्तुतियों से समा बांधा। समापन के मौके प्रख्यात गायक दलेर मेहंदी के अलावे स्थानीय कलाकारों ने भी अपना जलवा जमकर बिखरा। छऊ नृत्य कलाकारों ने नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
इसके पूर्व ऑल इंडिया रेडियो बारानसी से लोक गीत गायिका रंजना राय ने अपनी ने अपनी सुरीले स्वरों को संगीत के महफिल को बांधे रखी| इन्होंने भजन सांसों की माला पे सुमिरु मैं पी का नाम ...जैसे ही शुरू किया श्राेता भाव विभोर हो गए। इसके साथ ही सैया मिले लड़कइयां मैं क्या करूं...आदि हिंदी, भोजपुरी, मगही भाषा में गीत प्रस्तुत कर श्राेताअाें की वाहवाही लूटी। रंजना राय दूरदर्शन पटना, रांची, दिल्ली व बनारस में कार्यक्रम देती हैं।
चंदनकियारी के बुढ़ीविनोर निवासी सह मुंबई आर्टिस्ट ऋतुराज की एक से बढ़कर एक गीतों से युवाओं को थिरकने पर विवश कर दिया। गुलाबी आंखें...,रसके कमर जैसे गीतों पर युवाओं को झूमने पर विवश कर दिया। इस मंच के माध्यम से बच्चें कलाकारों ने स्वच्छता का संकल्प नाटक प्रस्तुत कर स्वच्छ भारत अभियान को सफल करने व सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त रखने का संदेश दिया।
भैरव महोत्सव में पहुंचे सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि उन्हें बीते लोकसभा चुनाव में बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिल चुका है। आनेवाले दिनों में भी बाबा भैरवनाथ का आशीर्वाद मिलता रहेगा। उन्हीं के कारण आज चंदनकियारी में विकास हो रहा है। यहां इनके साथ मंत्री अमर बाउरी भी रहेे। कार्यक्रम में रवि त्रिपाठी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया। कुल मिलाकर भैरव महोत्सव में अध्यात्म के साथ-साथ कला का अनूठा संगम देखने को मिला।
भैरव महोत्सव में बोकारो के प्रसिद्ध युवा कलाकार अरुण पाठक ने मैथिली, हिन्दी एवं सदाबहार गीतों की सुरीली पेशकश से खूब समां बांधा। महाकवि विद्यापति रचित जय-जर भैरवि असुर भयाउनि... से पाठक ने अपनी प्रस्तुति शुरू की। इसके बाद मैथिली लोकगीत रुनुर-झुनुर बाजि उठल कंगना..., कोहबर सजा राखू हम गाम आबै छी.... गाकर सबकी प्रशंसा पाई। इसके बाद मुकेश के गाए गीत दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई... और दीवानों से ये मत पूछो.... उनकी ही मिलती-जुलती अपनी खास आवाज में सुनाकर भरपूर तालियां बटोरी। इस कार्यक्रम में अरुण के साथ ढोलक एवं हैंडसोनिक पर राकेश कुमार सिंह, कीबोर्ड पर राजेंद्र कुमार और आक्टोपैड एवं सैम्पलर पर विधान दत्ता ने कुशल संगत की।

पॉप सिंगर दलेर मेहंदी ने कहा पॉप सांग के साथ लोक गायकी को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। वह भैरव महोत्सव में भाग लेने आए थे। इस दौरान बोकारो में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड से उनका पुराना लगाव रहा है। रांची, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद आदि शहर में उनका बचपन गुजरा है। बोकारो 1976 में पहली बार आए थे। दूसरी बार आने पर पुरानी यादें ताजा हो गईं। पहली बार पिता के साथ आए थे, तो सेक्टर 2 गुरुद्वारा गए थे। उस गुरुद्वारा का बड़ा सा मुख्य द्वार और अंदर का दृश्य हमेशा आंखों के सामने घूमता है। इसलिए रात में बोकारो पहुंचते ही सबसे पहले गुरुद्वारा गया। वहां सब लोग सो गए थे, लेकिन ग्रंथी साहब सहित सभी लोग उठे और बहुत सम्मान दिया। बोकारो आकर बहुत अच्छा लगा।
दलेर मेहंदी ने कहा कि उनकी पॉपुलैरिटी आज भी कम नहीं हुई है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग पॉप सांग गुनगुनाते ही हैं। साउथ कोरिया, जहां म्यूजिक असंभव है, वहां भी लोग उनके गाने का एड चलाते हैं। इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पॉप सांग आज भी पॉपुलर हैं। मौके पर आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत मल्लिक आदि मौजूद रहे।

सभी कलाकार को भैरव महोत्सव के अंतिम दिन सम्मानित किया मंत्री अमर बाउरी और साथ में हैं सांसद पीएन सिंह, बोकारो उपायुक्त मुकेश कुमार एपी p मुरुगन के साथ कई प्रशासन अधिकारी मौजूद रहे

Conclusion:
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