बोकारो: जिले के सिटी पार्क में कुश्ती सीखने और लड़ने के लिए एक अखाड़ा वर्ष 1976 में बनाया गया था. यहां कुश्ती लड़ने की कला सीख कई युवाओं ने प्रदेश और देश को गोल्ड मैडल दिलाने का काम किया है. यहां से गोल्ड मैडल विजेता आज सरकारी नौकरी में भी अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन समय के साथ अखाड़े की व्यवस्था नहीं बदली गई. इस कारण आज यहां कुश्ती सीखने वाले युवा अपने बेहतर खेल का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं.
क्या कहते हैं खिलाड़ी
युवाओं का कहना है कि आज के समय में कुश्ती का स्वरूप बिल्कुल बदल चुका है. अब जो भी खिलाड़ी कुश्ती में भाग लेने आते हैं वे मैट पर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, लेकिन बोकारो में जो भी युवा सिटी पार्क में प्रशिक्षण ले रहे हैं उन्हें आज भी मिट्टी पर ही प्रशिक्षण लेना पड़ रहा है. युवाओं का कहना है कि बरसात के बाद प्रदेश और देश में कुश्ती की प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं, लेकिन बारिश के समय मिट्टी गीला हो जाने के कारण प्रशिक्षण नहीं ले पाते हैं. यही कारण है कि वे लोग देश स्तर पर कुश्ती में झारखंड का नाम रोशन नहीं कर पाते हैं.
![Bad condition of wrestling players in Bokaro, wrestling players in Bokaro, Wrestling players of jharkhand, बोकारो में कुश्ती खिलाड़ियों की बुरी हालत, बोकारो में कुश्ती के खिलाड़ी, झारखंड के कुश्ती खिलाड़ी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-bok-03-dashi-kuste-pkg-spical-7209253_02102020145155_0210f_1601630515_350.jpg)
'राज्य सरकार बेहतर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करे'
युवाओं का कहना है कि इस मिट्टी से बने अखाड़े में प्रशिक्षण प्राप्त कर यहां के युवा हर वर्ष झारखंड में होने वाली प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने का काम करते हैं. युवाओं का कहना है कि देश स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में मैट पर प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करने के कारण पिछड़ जाते हैं. अगर राज्य सरकार बेहतर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करे तो वे सभी इस राज्य का नाम कुश्ती में कर सकते हैं.
![Bad condition of wrestling players in Bokaro, wrestling players in Bokaro, Wrestling players of jharkhand, बोकारो में कुश्ती खिलाड़ियों की बुरी हालत, बोकारो में कुश्ती के खिलाड़ी, झारखंड के कुश्ती खिलाड़ी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-bok-03-dashi-kuste-pkg-spical-7209253_02102020145155_0210f_1601630515_1055.jpg)
ये भी पढ़ें- कोयलांचल में कोयले का काला खेल, आज भी कमाई का मोटा जरिया है कोयला
सरकार से उम्मीद
वर्ष 2008 से युवाओं को प्रशिक्षण देते आ रहे बोकारो स्टील के रिटायर्ड कर्मी जानकी राय का कहना है कि पुरानी व्यवस्था में ही यहां के युवा बेहतर करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य के पूर्व खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी और बोकारो के विधायक बिरंचि नारायण से कुश्ती की बेहतरी के लिए कई बार मिले. लेकिन इस दिशा में दोनों ने ध्यान देना उचित नहीं समझा. राय ने बताया कि मंत्री और विधायक से यह आशा थी कि वे दोनों यहां के हैं तो उनकी पीड़ा को वो समझ कर मैट की व्यवस्था कर देंगे, लेकिन उनकी ओर से प्रयास नहीं किया जाना काफी अफसोस जनक है. उन्होंने ने भी सरकार से अब उम्मीद जताई है.