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कीचड़ और गंदगी के बीच विद्यार्थी करते हैं पढ़ाई, ज्ञान के साथ-साथ फ्री में घर लेकर जाते हैं बीमारी

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Published : Oct 25, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 7:06 PM IST

झारखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था कैसी है, यह किसी से छिपी नहीं है. कहीं स्कूल नहीं तो कहीं स्कूल में शिक्षक नहीं. जहां दोनों हैं वहां कुशल व्यवस्था की कमी. बोकारो के चास में भी एक ऐसा स्कूल है, जिसकी बदहाली का खामियाजा वहां के विद्यार्थी और शिक्षक उठा रहे हैं.

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चास में बदहाल स्कूल

बोकारोः विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. यहां छात्रों को शिक्षा, स्वास्थ्य और देश निर्माण की बातें बताई जाती हैं. लेकिन अगर विद्यालय खुद ही बदहाली के दौर से गुजर रहा हो तो उसे आप क्या कहेंगे. ऐसी ही एक तस्वीर चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 16 के बाउरी टोला स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की है. हालत यहां बदतर हैं लेकिन इसे लेकर शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि कोई भी संजीदा नहीं है.

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बरसात के दिन में तो यह विद्यालय पूरी तरह से नरक बन जाता है. इस विद्यालय के चारों तरफ कीचड़ और जलजमाव के साथ गंदगी का अंबार है. अगर छात्रों को विद्यालय आना हो तो कीचड़ और पानी से होकर गुजरना पड़ता है. इस दौरान कभी-कभी छात्र कीचड़ में फिसल कर गिर भी जाते हैं. गंदगी इतनी है कि छात्र से लेकर शिक्षक तक बीमार पड़ जाते हैं. इस विद्यालय की स्थापना 1987 में इसलिए की गई थी ताकि बाउरी टोला और आस-पास के बच्चे शिक्षित हो सके. वर्तमान समय में इसमें 268 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. छात्रों की संख्या को देखते हुए इस विद्यालय को 2007 में मध्य विद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया गया, ताकि इस विद्यालय में आठवीं तक बच्चे पढ़ाई कर सके.

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विद्यालय की स्थिति अभी काफी दयनीय है. बरसात के दिनों में विद्यालय के कमरों में 5 फीट तक पानी भर जाता है. इस कारण विद्यालय के सभी कागजात पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं. इस विद्यालय में सरकारी शिक्षक होने के बाद भी यहां पारा टीचर को विद्यालय का प्रभार देकर प्रधानाध्यापक बनाया गया है. इस विद्यालय के वर्तमान प्रधानाध्यापक लीलू बाउरी जो कि पारा टीचर हैं, वह भी काफी दुखी हैं. मीडिया से बात करते हुए उनके आंखों में आंसू छलक आये. उनका कहना है कि विद्यालय की स्थिति काफी खराब है. बच्चे बीमार पड़ जाते हैं, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है. विद्यालय में बच्चों को अगर अनाज भी वितरण करना पड़ा तो वह भी काफी परेशानी का सबब बन जाता है.

विद्यालय के बाहर पानी और कीचड़ भरा पड़ा है. गंदगी इतनी कि सभी परेशान रहते हैं. इस कारण टीचर भी बीमार पड़ रहे हैं. विद्यालय के इस हालत की जानकारी शिक्षा विभाग को पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है. लेकिन कोई देखने वाला नहीं है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित शिक्षक भी सरकार से इस विद्यालय के उत्थान और छात्रों के भविष्य के बारे में जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय लेने की अपील कर रहे हैं. वर्तमान समय में इस विद्यालय में 4 पारा शिक्षक और एक सरकारी शिक्षक तैनात हैं. शिक्षक भी विद्यालय की स्थिति के लिए दुखी हैं. शिक्षक सुनील कुमार का कहना है कि इस विद्यालय को दूसरे किसी विद्यालय में मर्ज कर देना चाहिए ताकि इसकी परेशानी दूर हो सके. उन्होंने भी माना विद्यालय में काफी परेशानी है छात्र और शिक्षक दोनों ही गंदगी और जलजमाव के कारण बीमार पड़ते हैं.

स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी अपना दुखड़ा बताया. उन्होंने कहा कि यहां काफी परेशानी और दिक्कतों के साथ पढ़ाई करने आते हैं. स्थिति यह है कि हमारी पढ़ाई में भी बाधा पहुंच रही है. जब स्कूल आते हैं तो कभी-कभी गिरकर कपड़े भी गंदे हो जाते हैं. जलजमाव और गंदगी के कारण बीमार भी पड़ रहे हैं. विद्यार्थियों ने सरकार से इस स्कूल को जल्द से जल्द व्यवस्थित करने की अपील की है.

Last Updated : Oct 25, 2021, 7:06 PM IST
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