धनबादः शनिवार को आईआईटी आईएसएम में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम कांसेटो- 2023 में बतौर मुख्य अतिथि चंद्रयान-3 के मिशन डायरेक्टर सह वरिष्ठ वैज्ञानिक एम श्रीकांत शामिल हुए. उनके द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन किया गया. मोटिवेशनल लेक्चर के बाद चंद्रयान-3 के प्रतीक फायर बैलून लोअर ग्राउंड में उड़ाया गया. मौके पर आईएसएम के निदेशक, उपनिदेशक सहित सैकड़ों छात्र मौजूद थे. एम श्रीकांत के संस्थान पहुंचने को लेकर छात्र और प्रबंधन ने इसे गौरव का पल बताया है.
चंद्रयान-3 के मिशन डायरेक्टर एम श्रीकांत ने बताया कि छात्रों का योगदान देश के विकास के लिए बेहद जरूरी है. आमतौर पर छात्र बड़े-बड़े पैकेज के पीछे भागते हैं, लेकिन अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का यही मौका होता है, जब कोई छात्र इसरो जैसी संस्था को ज्वाइन कर देश के लिए कुछ नया करता है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने चंद्रयान-3 के दौरान जो चुनौतियां सामने आई, उसके बारे में भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान वह भूल गए थे कि उन्हें भोजन करना है और परिवार के साथ समय गुजारना है. सबकुछ भूलकर दिन-रात उनकी टीम चंद्रयान-3 की सफलता के लिए लगी हुई थी.
वहीं आईएसएम के निदेशक प्रो जेके पटनायक ने कहा कि बच्चों के साथ साथ हम सभी के लिए यह गौरव का पल है. उन्होंने अपने संबोधन में काफी कुछ मार्गदर्शन किया है. चंद्रयान-3 को लेकर कई तरह के प्रश्न उनके मन में थे. श्रीकांत ने हमारे मन में चल रहे उन प्रश्नों को बेहतर तरीके से बताया है. उन्होंने टीम भावना के तहत कार्य करने का संदेश दिया है. टीम भावना के तहत हम बड़ी से बड़ी चुनातियों पर जीत हासिल कर सकते हैं.
आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने बताया कि पहले हमारे छात्र सिंगर या एक्टर को सेलिब्रिटी के रूप में बुलाते थे, लेकिन अब हमारे छात्र इसरो के वैज्ञानिक को अपना सेलिबिट्री बनाया है. इससे बड़ी बात और कोई नहीं हो सकती है. वहीं बेंगलुरु के छात्र ने बताया कि यह उनके लिए बड़े ही गर्व की बात है कि उनके संस्थान में इसरो के वैज्ञानिक का आगमन हुआ है और उनसे कुछ सीखने को मिला है.