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भारत-चीन कमांडर स्तर की वार्ता का अगला दौर जल्द, दोनों पक्ष सहमत : विदेश मंत्रालय

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Published : Jul 29, 2021, 7:06 PM IST

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत, अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बुधवार को अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में भारत के दृष्टिकोण पर विदेश मंत्री जयशंकर ने भी बात की. बागची ने कहा कि भारत और दुनिया स्वतंत्र, संप्रभु, लोकतांत्रिक और स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहते हैं जो अपने और अपने पड़ोसियों के साथ शांति से रह सके. इसके अलावा चीन के साथ एलएसी गतिरोध को लेकर विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता पर सहमति बन गई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत ने अभी हाल ही में यूके सरकार द्वारा राष्ट्रमंडल और एशियाई देशों को 10 मिलियन टीके दान करने की घोषणा देखी है. उन्होंने कहा, 'जहां तक ​​मेरी जानकारी है, उस घोषणा में भारत शामिल नहीं है, लेकिन हम और ब्योरे का पता लगा रहे हैं. जैसे ही हमारे पास अपडेट होंगे हम निश्चित रूप से साझा करेंगे.

अफगानिस्तान पर भारत के रूख को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी पार्टी द्वारा एकतरफा कोई भी चीज थोपना लोकतांत्रिक नहीं होगा. अस्थिरता पैदा नहीं की जा सकती. इसे वैध भी नहीं बताया जा सकता. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत का मानना है कि पिछले दो दशकों में मिले लाभ को संरक्षित किया जाना चाहिए.

यूरोपीय संघ-भारत मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बागची ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ एफटीए चर्चा हमारी अपेक्षाओं के अनुसार आगे बढ़ रही है. भारत यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकार से औपचारिक नामांकन की प्रतीक्षा कर रहा है. यूरोप में गर्मियों की छुट्टी के बाद औपचारिक बातचीत फिर से शुरू होने की उम्मीद है.

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ एलएसी विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम विघटन और डी-एस्केलेशन के संबंध में अपनी स्थिति दोहरा रहे हैं. मेरे पास अभी विशेष अपडेट नहीं है. प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता के अगले दौर के बारे में जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं - विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री वांग यी ने जल्द से जल्द वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है.

बागची ने कहा कि वर्चुअल इंडिया-यूके शिखर सम्मेलन में दो प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा के लिए विदेश सचिव ने 23-24 जुलाई को यूके का दौरा किया था. विदेश सचिव ने अपने समकक्षों के साथ विस्तृत बैठक की और थिंक टैंक और सांसदों सहित विभिन्न राय निर्माताओं से मुलाकात की.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक विदेश सचिव के दौरे के दौरान भारत-यूके रोडमैप- 2030 के कार्यान्वयन का मूल्यांकन भी किया गया. बागची ने बताया कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी के कार्यान्वयन (implementation of migration & mobility partnership), वैश्विक नवाचार साझेदारी, जलवायु के संबंध में कार्रवाई, आर्थिक अपराधियों को वापस भारत लाने, सुरक्षा संबंध, क्षेत्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय हित के कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

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बागची ने कहा कि भारत ने विदेश सचिव के दौरे के दौरान, ब्रिटेन की ओर से यूनाइटेड किंगडम (UK) की यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने की मुद्दा उठाया. इसके अलावा COVID टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता पर भी बात की गई.

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