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Cyber Crime in Jharkhand: क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ा ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन गिरफ्तार, चेन्नई से सीआईडी ने पकड़ा

झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने क्रेडिट कार्ड का स्कोर बढ़ाकर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन को गिरफ्तार किया है. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने चेन्नई, रांची और बोकारो में छापेमारी कर यह कार्रवाई की है.

Cyber Crime in Jharkhand
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2023, 5:54 PM IST

ठगी के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पर डीजी अनुराग गुप्ता का बयान

रांची: झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ा कर बैंकों को चूना लगाने वाले गिरोह के सरगना मो काजिम को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले रांची और बोकारो में छापेमारी कर कासिम गिरोह के दो सदस्यों अशोक और नीरज पांडेय को भी साइबर क्राइम ब्रांच ने बुधवार रात ही गिरफ्तार कर लिया है. अशोक और नीरज से पूछताछ के बाद ही काजिम के बारे में साइबर क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली, जिसके बाद सीआईडी के निर्देश पर साइबर क्राइम ब्रांच की एक स्पेशल टीम हवाई जहाज से चेन्नई पहुंची और काजिम को धर दबोचा.

यह भी पढ़ें: Cyber Crime in Jharkhand: क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ की ठगी, अपराधियों के हैं विदेशी कनेक्शन

बैंक ने दर्ज करवाया था मामला: सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच में एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें बैंक के द्वारा यह बताया गया था कि साइबर अपराधियों ने आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. बैंक ने जब मामले की जांच की तो इसमें बोकारो के रहने वाले नीरज के बैंक खातों की जानकारी मिली. बैंक ने जब राशि लौटाने का दबाव बनाया तो ठगों ने देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद आरबीएल बैंक के मुख्य कार्यालय शाहपुरी में कार्यरत पंकज भगत ने नीरज और अन्य के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.

विदेशी खातों से ट्रांजेक्शन होने पर बढ़ा दिया कार्ड का लिमिट: आरबीएल बैंक के अधिकारी पंकज भगत की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया कि बोकारो स्टील सिटी निवासी नीरज कुमार पांडेय ने क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में आवेदन दिया था. शुरुआत में एक लाख रुपए लिमिट निर्धारित कर बैंक ने नीरज को क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया. क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के बाद नीरज के खाते में विदेशी बैंक से रकम आने लगे. यह देखकर बैंक ने उनके क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ रुपए कर दिया. बैंक की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड का लिमिट 1.10 करोड़ होते ही नीरज ने निर्धारित समय से पहले ही राशि खर्च कर दी. जब बैंक ने खाते की जांच की तो पता चला कि नीरज के खाते में विदेशों से आयी राशि भी वापस हो गई. बैंक को यह भी पता चला कि विदेश के दर्जनों खाते से नीरज के खाते में राशि भेजी गई थी.

राशि लौटाने से किया इंकार: अधिकारी पंकज ने सीआईडी की क्राइम ब्रांच की टीम को बताया कि आरोपी नीरज से राशि लौटाने के लिए कई बार बैंक से नोटिस भेजा गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. जब बैंक की टीम आरोपी के घर पहुंची तो उसने पैसा देने से इंकार कर दिया. इसके बाद 28 अगस्त को साइबर क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया.

बड़ा गिरोह है एक्टिव: अब तक साइबर अपराधी आम लोगों के खातों से पैसे उड़कर उन्हें चूना लगा रहे थे, लेकिन अब बैंक भी साइबर अपराधियों के निशाने पर है. खासकर वैसे बैंक जो क्रेडिट कार्ड देने के लिए आतुर रहते हैं. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस तरह के मामले देश भर में सामने आ रहे हैं. झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा यह कार्रवाई की गई है और पहली ही कार्रवाई में तीन लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं. मामला काफी बड़ा है. इस संबंध में जांच की जा रही है. इस धोखाधड़ी में कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं, जिनके बारे में जांच की जा रही है.

ठगी के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पर डीजी अनुराग गुप्ता का बयान

रांची: झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ा कर बैंकों को चूना लगाने वाले गिरोह के सरगना मो काजिम को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले रांची और बोकारो में छापेमारी कर कासिम गिरोह के दो सदस्यों अशोक और नीरज पांडेय को भी साइबर क्राइम ब्रांच ने बुधवार रात ही गिरफ्तार कर लिया है. अशोक और नीरज से पूछताछ के बाद ही काजिम के बारे में साइबर क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली, जिसके बाद सीआईडी के निर्देश पर साइबर क्राइम ब्रांच की एक स्पेशल टीम हवाई जहाज से चेन्नई पहुंची और काजिम को धर दबोचा.

यह भी पढ़ें: Cyber Crime in Jharkhand: क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ की ठगी, अपराधियों के हैं विदेशी कनेक्शन

बैंक ने दर्ज करवाया था मामला: सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच में एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें बैंक के द्वारा यह बताया गया था कि साइबर अपराधियों ने आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. बैंक ने जब मामले की जांच की तो इसमें बोकारो के रहने वाले नीरज के बैंक खातों की जानकारी मिली. बैंक ने जब राशि लौटाने का दबाव बनाया तो ठगों ने देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद आरबीएल बैंक के मुख्य कार्यालय शाहपुरी में कार्यरत पंकज भगत ने नीरज और अन्य के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.

विदेशी खातों से ट्रांजेक्शन होने पर बढ़ा दिया कार्ड का लिमिट: आरबीएल बैंक के अधिकारी पंकज भगत की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया कि बोकारो स्टील सिटी निवासी नीरज कुमार पांडेय ने क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में आवेदन दिया था. शुरुआत में एक लाख रुपए लिमिट निर्धारित कर बैंक ने नीरज को क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया. क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के बाद नीरज के खाते में विदेशी बैंक से रकम आने लगे. यह देखकर बैंक ने उनके क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ रुपए कर दिया. बैंक की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड का लिमिट 1.10 करोड़ होते ही नीरज ने निर्धारित समय से पहले ही राशि खर्च कर दी. जब बैंक ने खाते की जांच की तो पता चला कि नीरज के खाते में विदेशों से आयी राशि भी वापस हो गई. बैंक को यह भी पता चला कि विदेश के दर्जनों खाते से नीरज के खाते में राशि भेजी गई थी.

राशि लौटाने से किया इंकार: अधिकारी पंकज ने सीआईडी की क्राइम ब्रांच की टीम को बताया कि आरोपी नीरज से राशि लौटाने के लिए कई बार बैंक से नोटिस भेजा गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. जब बैंक की टीम आरोपी के घर पहुंची तो उसने पैसा देने से इंकार कर दिया. इसके बाद 28 अगस्त को साइबर क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया.

बड़ा गिरोह है एक्टिव: अब तक साइबर अपराधी आम लोगों के खातों से पैसे उड़कर उन्हें चूना लगा रहे थे, लेकिन अब बैंक भी साइबर अपराधियों के निशाने पर है. खासकर वैसे बैंक जो क्रेडिट कार्ड देने के लिए आतुर रहते हैं. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस तरह के मामले देश भर में सामने आ रहे हैं. झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा यह कार्रवाई की गई है और पहली ही कार्रवाई में तीन लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं. मामला काफी बड़ा है. इस संबंध में जांच की जा रही है. इस धोखाधड़ी में कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं, जिनके बारे में जांच की जा रही है.

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