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भोपाल : सरकारी अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में लगी आग, 8 बच्चों की मौत

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Published : Nov 8, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 12:53 PM IST

भोपाल के सरकारी कमला नेहरु बाल चिकित्सालय में आग लगने से वहां भर्ती 8 बच्चों की मौत हो गई. अस्पताल की तीसरी मंजिल पर आग लगी थी, जहां चिल्ड्रेन वार्ड है. आग पर काबू पा लिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं.

कमला
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भोपाल। भोपाल के हमीदिया कैंपस में स्थित कमला नेहरु चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में आग लग गई. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, तीसरी मंजिल पर लगी आग में मरने वाले बच्चों की संख्या चार से बढ़कर आठ हो गई है. घटना की सूचना पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. वहीं इस हादसे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी दुख जताया है. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है.

मौत का आंकड़ा बढ़कर हुआ आठ
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार रात को 8 बजे कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में शार्ट सर्किट होने से आग लग गई. इस वार्ड में 40 से अधिक बच्चे आईसीयू में मौजूद थे, जिनमें से देर रात तक 4 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 36 बच्चों की जान बचाई गई है. वहीं मंगलवार सुबह चार और बच्चों की मौत हो गई. इस तरह मौत का आंकड़ा बढ़कर आठ हो गया है. वहीं 6 अन्य बच्चों की हालत क्रिटिकल बतायी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, मौत का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. हादसे की सूचना मिलने पर दमकल की करीब 12 गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया था.

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आग लगने की वजह
कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई. हर कोई अपने बच्चे को बचाने के लिए कोशिश करता रहा. फायर ब्रिगेड की दमकलो ने पहुंचे कर आग पर काबू किया, लेकिन जब तक कई बच्चे आग की लपटों में झुलस गए थे. वार्ड में राजगढ़ से आए शकील ने बताया कि उनका 10 दिन का बेटा भी भर्ती था. इसको उन्होंने आग से बचाया इस दौरान उनके हाथ भी काले हो गए. वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया की वार्ड में रखे कंप्यूटर नुमा एक मशीन में शॉर्ट सर्किट हुआ था, जिस वजह से यह आग लगी और आसपास के वार्ड में आग फैलती गई.

अस्पताल के बच्चा वार्ड में पहुंचे विश्वास सारंग
सूचना मिलते ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी अस्पताल पहुंचे और देर रात तक अस्पताल में ही रहे. झुलसे हुए अन्य बच्चों को दूसरे व वार्ड में शिफ्ट किया गया. उन्होंने बताया कि वार्ड में 40 बच्चे भर्ती थे. जिनमें से रात 1:00 बजे तक 4 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है. परिजनों को सरकार की ओर से चार चार लाख रुपए की सहायता राशि दी जा रही है. जबकि मामले की उच्च जांच के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान और विश्वास सारंग में घटना पर दुख जाहिर किया. वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी यहां पहुंचे. उन्होंने बताया कि बड़ी मशक्कत के बाद बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इसमें लापरवाही किसकी है यह जांच का विषय है.

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मंत्री विश्वास सारंग ने 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की
मरने वाले बच्चों के परिजनों को विश्वास सारंग ने 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बचाव कार्य तेजी से हुआ, लेकिन चार बच्चों को नहीं बचाया जा सका. उन्होंने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिये हैं. इसकी जांच स्वंय एसीएस लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे.

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सीएम शिवराज ने जताया दुख
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों का असमय दुनिया से जाना बेहद असहनीय पीड़ा है. ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करता हूं. इन बच्चों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. घटना में जो घायल हुए हैं, उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो, यही मेरी कामना है.

आग लगने के बाद परिजनों ने बतायी अपबीती.

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वहीं मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कमला नेहरू अस्पताल के बच्चों के वार्ड में आग लगने की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर तत्काल पहुंच कर बचाव व राहत कार्य शुरू किए. हादसे में चार बच्चों को नहीं बचाया जा सका, जिनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. अन्य बच्चों का उपचार जारी है. इस समय स्थिति पूर्णतः नियंत्रण में है.

हमीदिया अस्पताल में एक महीने पहले भी लगी थी आग
जानकारी के अनुसार मरने वाले बच्चों का आंकड़ा अधिक हो सकता है. जबकि 6 से 10 बच्चे क्रिटिकल कंडीशन में है. इस पूरे मामले में हमीदिया चिकित्सालय की लापरवाही साफ तौर पर नजर आती है. यहां आग बुझाने के अग्निशमन यंत्र किस कंडीशन में थे, यह भी एक बड़ा प्रश्न है. वह चालू थे भी कि नहीं. वहीं इसके पहले भी हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में 1 महीने पहले आग लगी थी. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं.

Last Updated : Nov 9, 2021, 12:53 PM IST
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