कोविड 19 के आगामी 14 दिन में चरम पर पहुंचने की संभावना: आईआईटी विश्लेषक

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Published : Jan 24, 2022, 8:11 AM IST

Updated : Jan 24, 2022, 12:51 PM IST

कोरोना के चरम पर पहुंचने की संभावना

आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा (Dr. Jayant Jha, Assistant Professor, Department of Mathematics, IIT Madras) ने बताया कि मुंबई और कोलकाता की आर-वैल्यू दर्शाती है कि वहां महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है.

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की दर बताने वाली 'आर-वैल्यू' 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच और कम होकर 1.57 रह गई है और देश में संक्रमण की तीसरी लहर के आगामी पखवाड़े में चरम पर पहुंचने की संभावना है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह जानकारी दी गई. 'आर-वैल्यू' बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. यदि यह दर एक से नीचे चली जाती है तो यह माना जाता है कि वैश्विक महामारी समाप्त हो गई है.

आईआईटी मद्रास द्वारा साझा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो सात से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच चार और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी. प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए प्रारंभिक विश्लेषण किया.

आंकड़ों के अनुसार, मुबंई की आर-वैल्यू 0.67, दिल्ली की आर-वैल्यू 0.98, चेन्नई की आर-वैल्यू 1.2 और कोलकाता की आर-वैल्यू 0.56 है. आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने बताया कि मुंबई और कोलकाता की आर-वैल्यू दर्शाती है कि वहां महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है. उन्होंने कहा, इसका कारण यह हो सकता है कि आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के नए दिशानिर्देशों के अनुसार संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है और इसलिए पहले की तुलना में संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे हैं.

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झा ने बताया कि उनके विश्लेषण के अनुसार, कोरोना वायरस का चरम छह फरवरी तक आगामी 14 दिन में आ जाएगा. इससे पहले पूर्वानुमान जताया गया था कि एक फरवरी से 15 फरवरी के बीच तीसरी लहर का चरम आएगा. भारत में रविवार को संक्रमण के 3,33,533 नए मामले सामने आने के बाद, संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,92,37,264 हो गई. तीसरी लहर का मुख्य कारण कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप को माना जा रहा है.

(भाषा)

Last Updated :Jan 24, 2022, 12:51 PM IST
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