ETV Bharat / bharat

Controversy On Sanatan: द्रमुक की सहयोगी पार्टियां उदयनिधि स्टालिन के पक्ष में हुईं खड़ी

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 10:16 PM IST

अपने तर्कवादी दादा दिवंगत द्रमुक संरक्षक एम करुणानिधि के सांचे में उभरते हुए, तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणियों से संघ परिवार को परेशान कर दिया है. भारतीय गठबंधन के भीतर विभाजन पैदा करने की भाजपा की उम्मीदों को झुठलाते हुए, कांग्रेस सहित सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी उदयनिधि के पीछे लामबंद हो गए हैं. पढ़ें इस पर ईटीवी भारत के अरुणिम भुइंया की रिपोर्ट...

Tamil Nadu Sports Minister Udhayanidhi Stalin
तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन

चेन्नई: उनके दादाजी ने यह सवाल करने का दुस्साहस किया कि भगवान राम ने किस इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी और उन्हें कोई आपत्ति नहीं हुई. वह सेतु समुद्रम परियोजना के खिलाफ संघ परिवार के विरोध के चरम के दौरान था. ऐसा प्रतीत होता है कि पोता भी सनातन धर्म पर अपने उग्र हमले के साथ उनके नक्शेकदम पर चल रहा है और सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी उसके पीछे लामबंद हो रहे हैं.

एक सदी से भी अधिक समय से, दलित नेताओं और द्रविड़ आंदोलन का प्रमुख आख्यान सनातन धर्म को तमिल समाज के लिए विदेशी बताना रहा है. दोनों के लिए, यह इसके विरुद्ध एक धर्मयुद्ध था. तमिल आधुनिकता के अग्रदूत पंडित अयोथी दास से लेकर द्रविड़ आइकन 'पेरियार' ईवी रामास्वामी तक, सनातन धर्म की विचारधारा को पदानुक्रमित ब्राह्मणवाद के साथ जोड़ा गया है.

इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उदयनिधि स्टालिन ने भी यही बात दोहराई थी. इसमें उन्हें वीसीके, कांग्रेस और वामपंथी दलों और सत्तारूढ़ द्रमुक की मूल संस्था और वैचारिक संरक्षक तर्कवादी द्रविड़ कड़गम का ठोस समर्थन मिला है. उनके समर्थन में सबसे पहले शिवगंगा से लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम आए, जिन्हें उदयनिधि की टिप्पणी में कुछ भी गलत नहीं लगा.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि सनातन धर्म और कुछ नहीं बल्कि जातिगत पदानुक्रमित समाज के लिए एक संहिता है. इसके लिए बल्लेबाजी करने वाले सभी अच्छे ओलेडेज़ के लिए उत्सुक हैं! जाति भारत के लिए अभिशाप है. फिर, अगली पोस्ट में, उन्होंने लिखा कि तमिलनाडु की आम बोलचाल की भाषा में सनातन धर्म का अर्थ है जाति पदानुक्रमित समाज.

उन्होंने आगे लिखा कि ऐसा क्यों है कि एसडी के लिए बल्लेबाजी करने वाला हर कोई विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग से आता है जो पदानुक्रम के लाभार्थी हैं. किसी के ख़िलाफ़ नरसंहार का आह्वान नहीं किया गया था, यह एक शरारतपूर्ण प्रपंच है. एक अन्य युवा महिला सांसद जोथिमनी भी उदयनिधि के बचाव में सामने आई हैं.

सनातन धर्म के खिलाफ अभियान चलाते हुए सांसद और विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के अध्यक्ष थोल थिरुमावलवन ने कहा कि सनातन धर्म को ख़त्म करना अत्यावश्यक है. और, इसे ख़त्म करना उस विचारधारा के ख़िलाफ़ एक कार्य है जो समानता से इनकार करता है. उदयनिधि की टिप्पणी के बाद यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए उदयनिधि पर निशाना साधा. उन्हें अदालतों में आने दीजिए, हम उन्हें बेनकाब करेंगे.

इससे पहले पिछले साल तिरुमावलवन ने सनातन धर्म के खिलाफ अपने अभियान के तहत मनु स्मृति की एक लाख प्रतियां वितरित की थीं. यह सीपीआई (एम) का कला और साहित्यिक मंच था, जिसने सनातन उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें उदयनिधि ने सनातन की तुलना मच्छरों, मलेरिया और डेंगू से की थी और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था, न कि केवल विरोध का.

मार्क्सवादी पार्टी के राज्य सचिव के बालाकृष्णन ने भाजपा द्वारा उदयनिधि के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने की निंदा करते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण से लेकर जेपी नड्डा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई तक, हर कोई झूठ बोल रहा है. सनातन जातिगत पदानुक्रम निर्धारित करता है और उदयनिधि के खिलाफ परिवार का अभियान शरारतपूर्ण और जहरीला है. सनातन को ख़त्म करने का अर्थ है वर्णाश्रम धर्म को ख़त्म करना, जो जन्म-आधारित विभाजन को मंजूरी देता है.

डीके नेता के वीरमणि ने कहा कि गरीबी उन्मूलन का मतलब अमीरों का उन्मूलन नहीं है. अंधविश्वास को ख़त्म करने का मतलब उन लोगों को मारना नहीं है जो उनका पालन करते हैं. लोगों तक पहुंचने के लिए कुछ भी किए बिना, परिवार ने सांप्रदायिकता और फर्जी खबरों को फैलाना शुरू कर दिया है. विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा द्वारा इस मुद्दे पर विवाद खड़ा करने से ही उदयनिधि को मुख्यमंत्री की गद्दी के करीब पहुंचने में मदद मिली है.

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक बाबू जयकुमार बताते हैं कि उन्होंने उन्हें रातों-रात देशभर में मशहूर हस्ती बना दिया है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके दादाजी में उसी सनातन धर्म को बदनाम करने का दुस्साहस था और उन्होंने यहां तक सवाल उठाया था कि पौराणिक राम सेतु के निर्माण के लिए राम ने किस कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. अब, उदयनिधि के खिलाफ अभियान ने उन्हें द्रविड़ विचारधारा के अगुआ में बदल दिया है और उन्हें मुख्यमंत्री पद का उत्तराधिकारी बनने के लिए बहुत जरूरी धक्का मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.