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भारत खुलकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ

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Published : Oct 30, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 6:15 PM IST

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इन दिनों चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. इस्लाम पर उनके बयान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हुई है. अंतरराष्ट्रीय जगत में मची इस हलचल से भारत भी अछूता नहीं है. जानिए क्या है मामला.

President Emmanuel Macron
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

हैदराबाद : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लाम पर दिए बयान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हुई है. तुर्की, पाकिस्तान, ईरान और मलेशिया सहित कई मुस्लिम देश फ्रांस की निंदा कर रहे हैं. तुर्की ने एक कदम आगे बढ़कर मुसलमानों से फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान कर दिया.

अंतरराष्ट्रीय जगत में मची इस हलचल से भारत भी अछूता नहीं है. भारत सरकार खुलकर फ्रांस के साथ खड़ी है. हालांकि, जनता जरूर दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है.

भोपाल में मैक्रॉन के खिलाफ प्रदर्शन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कर रहा विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की. बोर्ड के सचिव और सोशल मीडिया डेस्क के प्रभारी मौलाना मुहम्मद उमरेन महफूज रहमानी ने फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने की घोषणा की.

इस घोषणा के बाद आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कव्वाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मुस्लिम समाज के लोगों ने कड़ा विरोध किया. भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पोस्टर को पैरों तले रौंदा और उनसे माफी मांगने की मांग की.

मुंबई के भिंडी बाजार में सड़क पर पोस्टर लगाए
मुंबई में भी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिला. फ्रांस का विरोध कर रहे मुस्लिम देशों की तर्ज पर मुंबई के भिंडी बाजार में भी रात में सड़क पर मैक्रों के पोस्टर लगा दिए गए. सुबह लोग बाहर निकले तो सड़कों पर ये पोस्टर देखकर हैरान रह गए. सोशल मीडिया पर भी पोस्टर से पटी सड़क का वीडियो वायरल हो गया.

हालांकि, किसी संगठन ने अभी तक पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी नहीं ली है. रजा एकेडमी के सेक्रेटरी मौलाना खलीलुर्रहमान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया है कि वे फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे माफी मांगने को कहें.

शाहजहांपुर जिले के तिलहर में पुतला फूंकने की कोशिश
शाहजहांपुर जिले के तिलहर में कुछ अराजक तत्वों ने भीड़ एकत्रित कर फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला फूंकने की कोशिश की. पुलिस को समय से पता लग गया और उसने पुतला फूंकने जा रही भीड़ को डंडा फटकार कर तितर-बितर कर दिया. इस दौरान तिरंगा झंडा लिए एक युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

बताया जा रहा है कि जुलूस निकालने या फिर पुतला फूंकने की पहले से कोई अनुमति नहीं थी. बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तिलहर में तैनात कर दिया गया है. एडीएम प्रशासन और एसपी देहात ने भी तिलहर में डेरा डाल दिया है.

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मोदी का ट्वीट

फ्रांस के साथ खड़ा है भारत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है. मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, 'फ्रांस में आज एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.'

विदेश मंत्रालय ने परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति की निंदा की

विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में जारी एक बयान में फ्रांस के एक शिक्षक की बेरहमी से हत्या करने वाली बर्बर आतंकवादी घटना की निंदा की. मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता.

बयान में कहा गया है कि हम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है.

अस्वीकार्य भाषा पर विदेश मंत्रालय का बयान परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति के लिए था. तुर्की के राष्ट्रपति ने फ्रांस के राष्ट्रपति के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया था.

ट्विटर पर फ्रांस का समर्थन कर रहे भारतीय
भारत से मिले समर्थन पर फ्रांस ने भी आभार जताते हुए कहा कि दोनों देश आतंकवाद की लड़ाई में एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं. इस बीच ट्विटर पर #India Stands With France ट्रेंड हो रहा है. अधिकतर भारतीय फ्रांस का समर्थन कर रहे हैं. कई लोग कट्टरता का विरोध कर रहे हैं. भारत के लोगों और सरकार से मिले इस समर्थन से फ्रांस गदगद है.

यह कहा था फ्रांस के राष्ट्रपति ने
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में फ्रांस के लिए इस्लामिक कट्टरवाद और अलगाववाद को खतरा बताया था. उन्होंने कहा कि इसके लिए देश में अगले साल एक कानून लाया जाएगा.

मैक्रों ने कहा था कि इस्लाम ऐसा धर्म है, जो पूरी दुनिया में आज खतरे में है. हम ऐसा सिर्फ अपने देश में नहीं देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि 1905 के उस कानून को मजबूत करने के लिए बिल लाया जाएगा, जो फ्रांस में चर्च और स्टेट को अलग करने के लिए बना था.

उनके बयान के बाद लोगों ने आलोचना शुरू कर दी है कि पहले मैक्रों को कट्टर इस्लाम से परेशानी थी, अब इस्लाम से है. हालांकि, मैक्रों ने कहा था कि सभी मुस्लिमों को निशाना बनाने का मतलब नहीं है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 6:15 PM IST
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