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बीमारियों का मौसम कहलाता है मानसून

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Published : Jul 17, 2021, 2:42 PM IST

मानसून का मौसम बीमारियों का मौसम कहलाता है। हालांकि वर्तमान समय में आम जन कोरोना के चलते वैसे ही परेशान हैं, उस पर बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियां भी लोगों की चिंता को बढ़ने का कारण बन रहीं है।

मानसून, बीमारियाँ, डेंगू
मानसून और बीमारियाँ

मानसून का मौसम अपने साथ साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता हैं। जहाँ एक इस मौसम की बारिशें मन को लुभाती हैं वहीं कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियाँ के कारक भी बारिश के कारण ही पनपते हैं। मानसून के मौसम में कौन सी बीमारियाँ और संक्रमण लोगों को परेशान करते हैं इस बारें में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने हैदराबाद के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. राजेश वुक्काला से बात की ।

मानसून और बीमारियाँ

डॉ. राजेश वुक्काला बताते हैं की वर्षा ऋतु में वातावरणीय बदलाव के कारण उत्पन्न नमी और उमस के चलते बहुत से वायरस, कवक और बैक्टरिया सक्रिय हो जाते हैं। जो अलग-अलग तरीकों से शरीर को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस मौसम को मच्छरों का मौसम भी कहा जाता है, जिसके चलते डेंगू व मलेरिया सहित और भी कई प्रकार के रोग, लोगों को प्रभावित करते हैं। मॉनसून में सबसे ज्यादा होने वाले रोग इस प्रकार हैं ।

डायरिया

डायरिया , जिसे दस्त के नाम से भी जाना जाता है, मानसून में होने वाली आम बीमारी है। ये पेट में माइक्रोबैकटेरियल संक्रमण के कारण होता है और दवा और देखभाल से 2-4 दिनों में ठीक हो जाताहै। दस्त होने के लिए मुख्य तौर पर रोटो वायरस/नोरोवायरस को जिम्मेदार माना जाता है। दस्त आमतौर पर छोटे बच्चों, कुपोषित लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। कई बार छोटे बच्चों में यदि इस समस्या पर ध्यान न दिया जाय तो यह उनकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इस समस्या से बचने के लिए बहुत जरूरी है ,साफ-सफाई का ध्यान और अस्वस्थ भोजन (बासी और बाहर का भोजन )का त्याग।इसके साथ हमेशा ताजा व सुपाच्य ग्रहण करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए।

डेंगू/ मलेरिया/चिकनगुनिया

मानसून के दिनों में मच्छरो का प्रकोप हद से ज्यादा बढ़ जाता है। जिसके चलते डेंगू, बुखार, मलेरिया और चिकनगुनिया के पीड़ितों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। सामान्य रूप से इन समस्याओं का प्रभाव पीड़ित पर 7-10 दिनों तक रहता है। डेंगू/मलेरिया होने पर पीड़ित को शरीर में दर्द, कमजोरी- थकान तथा निम्न से मध्यम स्तर के बुखार जैसे लक्षण पाए जाते है। समस्या गंभीर होने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकते हैं।और इनका पार्श्व प्रभाव मस्तिष्क, दिल, लीवर और किडनी पर लंबे समय तक नजर आ सकता है। इसलिए बहुत जरूरी है की मानसून में मच्छरों से दूरी बनाए रखने के लिए साफ सफाई के साथ ही गए संभव प्रयास किए जाए।

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मौसमी फ्लू- वैसे तो आजकल कोरोना संक्रमण ने आतंक फैलाया हुआ है, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में इस मौसम में फ्लू यानी इंफ्लूएंजा होने की आशंका भी काफी ज्यादा रहती है।फ्लू के वायरस मानसून शुरू होतेही वातावरण में सक्रिय हो जाताहै। इस संक्रमण में पीड़ित को सर्दी,जुखाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि यह रोग 7-10 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन ये संक्रमण रोगों की श्रेणी में आटा है इसलिए इसका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

डॉ. राजेश वुक्काला बताते हैं की मानसून के दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने का जरूरत होती है। मौसमी बीमारियों विशेषकर मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए घर तथा आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई रखने के साथ ही कीटनाशकों का भी छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही खुली नालियों को साफ रखें और खुली जगह पर पानी जमा न होने दे, हमेशा घर का बना ताजा, पौष्टिक और सुपाच्य भोजन ही करना और सड़क के किनारे ठेलों पर मिलने वाले भोजन से परहेज करना चाहिए। साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए।

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