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ऊना: शुरू हुआ सरकारी मंडी में गेहूं खरीद का काम, 2125 रुपये होगा प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य

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Published : Apr 20, 2023, 4:11 PM IST

New grain market started in Rampur of Una
रामपुर में नई अनाज मंडी शुरू.

हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में नई अनाज मंडी को शुरू कर दिया गया है और गेहूं की खरीद भी शुरू की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

किसान, एपीएमसी के सचिव एवं गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी भूपेंद्र ठाकुर

ऊना: हिमाचल प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा ऊना जिला मुख्यालय के समीप रामपुर में नई अनाज मंडी को शुरू कर दिया गया है. बुधवार को नवनिर्मित अनाज मंडी में विधिवत किसानों से गेहूं खरीद का काम भी शुरू किया गया. एपीएमसी के सचिव भूपेंद्र ठाकुर की अगुवाई में शुरू हुए इस काम के दौरान किसानों को टोकन के आधार पर उनकी गेहूं की बिक्री करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. जिसके चलते किसान केवल मात्र निर्धारित की गई तिथि पर ही अपनी गेहूं को लेकर अनाज मंडी बिक्री के लिए पहुंचेंगे.

अनाज मंडी में गेहूं खरीद के लिए निगम द्वारा अत्याधुनिक मशीनों को भी स्थापित किया गया है. सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए निर्धारित किया गया है. जिला मुख्यालय के नजदीक मंडी के शुरू होने से किसानों को भारी राहत मिलेगी उन्हें अपना माल लेकर पंजाब या अन्य बाहरी राज्यों में भटकने से छुटकारा मिलेगा. इतना ही नहीं किसानों को अनाज मंडी में गेहूं बिक्री करने के महज 24 से 48 घंटों के भीतर खाते में राशि का भुगतान भी किया जाएगा. गौरतलब है कि 10 अप्रैल को इस मंडी को किसानों की गेहूं खरीद के लिए शुरू कर दिया गया था, लेकिन बनते बिगड़ते मौसम के चलते बुधवार को आधिकारिक रूप से गेहूं खरीद का काम शुरू किया गया.

ऊना जिला मुख्यालय के नजदीक रामपुर में नई अनाज मंडी में गेहूं खरीद का काम बुधवार को आधिकारिक रूप से शुरू किया गया. हालांकि इस अनाज मंडी को 10 अप्रैल को किसानों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन मौसम के लगातार बिगड़ते मिजाज के चलते मंडी तक गेहूं को लाने में करीब 10 दिन का समय अधिक लग गया. बुधवार को अनाज मंडी में गेहूं बेचने के लिए पहुंचे पहले किसान ने सरकार द्वारा शुरू की गई इस मंडी को किसानों के लिए लाभकारी बताया.

उन्होंने कहा कि करीब 4 से 5 वर्ष पूर्व तक जिले के किसानों को अपनी गेहूं बेचने के लिए पंजाब के दूरदराज क्षेत्रों में भी जाना पड़ता था. जिसके चलते किसानों को ढुलाई भी ज्यादा लग जाती थी, लेकिन इस अनाज मंडी के शुरू होने से किसानों को घर द्वार के निकट ही आसानी से गेहूं बेचने का मौका मिलेगा. किसानों का कहना है कि पहले जहां ठेकेदारों को गेहूं बेचने के बाद पैसों के लिए कई कई बार चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता था, लेकिन अब सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं की बिक्री करने के महज 24 से 48 घंटे के भीतर वैसे भी किसानों के खाते में आसानी से आ रहे हैं.

वहीं, एपीएमसी के सचिव एवं गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी भूपेंद्र ठाकुर ने बताया कि मौसम की खराबी के चलते अनाज मंडी शुरू होने के करीब 10 दिन बाद आधिकारिक रूप से गेहूं की खरीद शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि करीब 80 कनाल भूमि पर दो करोड़ रुपए की लागत से नई अनाज मंडी को शुरू किया गया है. यहां पर करीब 500 मीट्रिक टन गेहूं की स्टोरेज के साथ-साथ एपीएमसी और कृषि विभाग के अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है जो गेहूं खरीद के काम को मुकम्मल करवाएंगे.

उन्होंने बताया कि करीब 2125 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के आधार पर गेहूं की खरीद की जा रही है. भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि किसानों को अपनी गेहूं की बिक्री के लिए एचपी प्रेक्यूरमेंट पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के साथ गेहूं की बिक्री हेतु टोकन लेना होगा. उन्होंने बताया कि करीब 50 से 60 किसानों ने पोर्टल पर खुद का पंजीकरण करवाया है. हालांकि आज के लिए केवल मात्र एक किसान ने टोकन बुक करवाया था. जिसके आधार पर गेहूं की खरीद का काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में अन्य किसान भी यहां पर अपनी गेहूं को बेचने के लिए पहुंचेंगे. गौरतलब है कि इस केंद्र पर 30 जून तक गेहूं खरीद का काम किया जाएगा.

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