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अंबुजा कंपनी के गेट पर इकट्ठे हुए ट्रक ऑपरेटर, सरकार को ही आगामी कदम उठाने की कही बात

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Published : Dec 16, 2022, 2:44 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 4:53 PM IST

हिमाचल में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से कर्मचारियों और ट्रक ऑपरेटरों के भविष्य पर तलवार लटक चुकी है. ऐसे में आज दाड़लाघाट में 8 ट्रक ऑपरेटर सोसाइटी ने एक मंच पर आकर बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है. उन्होंने सरकार को ही आगामी कदम उठाने की बात कही है. (Darlaghat Truck Operators Meeting) (Ambuja Cement Plant Darlaghat) (Ambuja cement Plant Closed in Himachal)

Ambuja cement Plant Closed in Himachal.
अंबुजा कंपनी के गेट पर इकट्ठे हुए ट्रक ऑपरेटर.

अंबुजा कंपनी के गेट पर इकट्ठे हुए ट्रक ऑपरेटर.

सोलन: हिमाचल में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद से प्लांट में काम कर रहे कर्मचारी और ट्रक ऑपरेटरों की परेशानी बढ़ गई है. बिलासपुर और सोलन स्थित अंबुजा सीमेंट प्लांट को आदेश जारी कर कंपनी द्वारा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और कंपनी द्वारा गेट पर ताले जड़ दिए गए है. ऐसे में जहां इस फैसले से कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ ट्रक ऑपरेटर भी अपने भविष्य को लेकर चिंता में है. इन सभी मुद्दों को लेकर आज दाड़लाघाट में 8 ट्रक ऑपरेटर सोसाइटी ने एक मंच पर आकर बैठक कर आगामी रणनीति तैयार की है. (Darlaghat Truck Operators Meeting) (Ambuja Cement Plant Darlaghat) (Ambuja cement Plant Closed in Himachal)

30 सालों में पहली बार लगा ताला- बैठक में पहुंचे बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि 30 सालों में पहली बार कंपनी ने ताला लगाया है. आज तक कंपनी सिर्फ ट्रक ऑपरेटरों को ही दोष देते आई है कि सीमेंट के दाम ऑपरेटरों की वजह से बढ़े हैं, लेकिन कंपनी सिर्फ मजदूरों और ट्रक ऑपरेटरों, ट्रांसपोर्टरों का शोषण करना जानती है.

सरकार की मध्यस्थता में बढ़ता और कम होता है किराया- उन्होंने बताया कि 1992 में एग्रीमेंट हुआ था, लैंड लूजर और कंपनी के साथ जिसमें जिक्र किया गया था कि स्थानीय लोगों को काम दिया जाए और रही बात ट्रांसपोर्टर सेक्टर की तो उसमें भी प्रारूप है. यदि किराया वृद्धि को लेकर जब भी फैसला लिया जाएगा तो वो फॉर्मूला के जरिये ही होगा. क्योंकि न तो फॉर्मूला ट्रांसपोर्टरों ने बनाया है न ही कंपनी ने, यह फॉर्मूला सरकार की मध्यस्थता से बनाया गया है.

हिमाचल में मिला रहा महंगा सीमेंट- रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों को हमेशा दोष दिया जाता है कि सीमेंट महंगा हो रहा है. तो वह सिर्फ ट्रांसपोर्टरों की गलती है, लेकिन गलती कंपनी की है सीमेंट जहां पर बन रहा है और बिक रहा है वहां पर महंगाई है और बॉर्डर एरिया पर हिमाचल में चाहे परवाणु हो या फिर कालका वहां पर सस्ते दामों पर सीमेंट बिक रहा है.

2019 से अभी तक ट्रांसपोर्टरों की हाइक है ड्यू- रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि कंपनी 6 रुपए का फार्मूला कहां से लेकर आए हैं यह किसी को नहीं पता, कंपनी को वही फार्मूला अपनाना होगा जो प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया है. उन्होंने बताया कि फॉर्मूले के जरिए ₹10.58 पैसे हिल्स और ₹5.29 पैसे मैदानी क्षेत्रों का है. हिल्स एरिया का किराया ज्यादा भी हो सकता है जो 13 से 14 रुपए तक जा सकता है क्योंकि एक अप्रैल 2019 से अभी तक ट्रांसपोर्टरों की हाइक ड्यू है.

सरकार खुद कंपनी चलाकर दिखाए- रामकृष्ण शर्मा ने सरकार से अपील की है कि प्लांट कंपनी द्वारा बंद किया गया है. ट्रांसपोर्टरों की तरफ से किसी भी तरह का कोई भी विरोध नहीं है, अगर कंपनी अभी भी अपनी दुकान खोल देती है तो वह सौदा करने के लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अब गेंद सरकार के पाले में है चाहे तो सरकार इस ताले को खुलवाएं या फिर खुद कंपनी चलाते हुए अडानी को बाहर का रास्ता दिखाएं.

बता दें कि आज हिमाचल में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद करने को लेकर 8 ट्रक सोसाइटी के सदस्यों के साथ कंपनी के मजदूरों ने बैठक कर सरकार के पक्ष में गेंद रहने की बात रखते हुए सरकार को ही आगामी कदम उठाने की बात कही है.

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Last Updated : Dec 16, 2022, 4:53 PM IST
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