रामपुर: हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के बाद कई गांव के हालात बद से बदतर हो गए हैं. लैंडस्लाइड और बाढ़ ने दर्जनों गांवों को अपनी चपेट ले लिया है. कई गांवों में सड़क मार्ग टूट जाने से जिला मुख्यालयों से संपर्क पूरी तरह से टूट गए हैं. शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की भी विभिन्न पंचायतों में जोशीमठ जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
जोशीमठ जैसे हालात: जानकारी के मुताबिक रामपुर की विभिन्न पंचायतों में बरसात के कारण भारी लैंडस्लाइड हो रहा है. जिसमें दर्जनों घर तबाह हो रहे हैं. बागवानों के बगीचे नष्ट हो चुके हैं. ऐसा ही मामला रामपुर के 15/20 क्षेत्र की लबाना-सदाना पंचायत से सामने आया है. यहां पर लैंडस्लाइड ने भारी तबाही मचाई है. प्रशासन द्वारा लबाना-सदाना पंचायत के तहत कोट गांव को खाली करवा दिया गया है. इसके साथ लगते गांव कोठी, मौलगी, लबाना में भी कई घर लैंडस्लाइड के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं. जानकारी के मुताबिक यहां पर लगातार लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिससे अब यहां रहना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है.
पूरा गांव कराया खाली: लबाना-सदाना ग्राम पंचायत की प्रधान सुशीला खन्ना ने बताया कि बीते दिनों हुई भारी बरसात के कारण उनकी पंचायत में भारी नुकसान हुआ है. जिसके चलते लबाना-सदाना पंचायत का कोट गांव खाली करवा दिया गया है. यहां पर हमेशा लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है. सुशीला खन्ना ने बताया कि कोट गांव को पूरी तरह से खाली करवा दिया गया है. यहां पर 20 से ज्यादा घरों को खाली करवाया गया है. जिसमें 70 के करीब लोग रहते थे. मिडल व प्राइमरी स्कूल जूली में प्रभावित लोगों को ठहराया गया है. वहीं, साथ लगते माता के मंदिर में भी कुछ लोगों रुके हुए हैं.
पंचायत व प्रशासन बना मददगार: ग्राम पंचायत प्रधान सुशीला खन्ना ने बताया कि इनके खाने पीने की व्यवस्था पंचायत की ओर से की गई है. वहीं, एसडीएम रामपुर ने भी सूचित किया है कि लैंडस्लाइड के चलते बहुत सी सड़कें अभी बाधित हैं. ऐसे में ग्राम पंचायत लोगों के खाने-पीने का इंतजाम करें, जिसका पूरा खर्चा प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा. प्रधान सुशीला खन्ना ने बताया कि जहां एक और लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं, कई बीघा भूमि भी नष्ट हुई है. खासकर बगीचों को खासा नुकसान पहुंचा है. जिसमें सेब के फलदार पेड़-पौधे भी शामिल थे.
कई गांव को खतरा: मौके का मुआयना कर रहे राजस्व विभाग की और से लबाना-सदाना पंचायत के पटवारी शिव खुराना ने बताया कि कोट गांव में करीब 20 मकानों को खाली करवाया गया है. इसके अलावा चार मकान पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. उन्होंने बताया कि इसके साथ लगते गांव शींती में तीन घर, मौलगी में तीन घर व कोटी गांव में चार घरों को भी खतरा बना हुआ है. इन लोगों को सेफ जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है.
लोगों को किया शिफ्ट: वहीं, इसकी जानकारी देते हुए नायब तहसीलदार रामपुर भीम सिंह नेगी ने बताया कि भारी बरसात के कारण कोट गांव में लैंडस्लाइड का खतरा लगातार बना हुआ है. सुरक्षा के मध्यनजर कोट गांव को खाली करवाया गया और यहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि खाने-पीने और रहने की व्यवस्था पंचायत व प्रशासन द्वारा कर दी गई है.
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