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लाहौल स्पीति में TCP एक्ट के विरोध में उतरे रवि ठाकुर, बोले: टीसीपी नियम लागू करने के फैसले की हो समीक्षा

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Published : Jul 29, 2023, 7:04 PM IST

tcp act in Lahaul Spiti
लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर

लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर TCP एक्ट के विरोध में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि टीसीपी नियम लागू करने के फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए. पढे़ं पूरी खबर... (Ravi Thakur press conference in Shimla).

लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर

शिमला: प्रदेश सरकार ने अटल टनल से लेकर लाहौल स्पीति के तांदी तक टीसीपी एक्ट लागू किया है. टीसीपी एक्ट लागू होने के बाद अब इन एरिया में भवनों के निर्माण के लिए टीसीपी विभाग से नक्शे पास करवाने होंगे और इनके अनुरूप ही निर्माण कार्य करना होगा. स्थानीय लोग सरकार इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं. वहीं, लाहौल-स्पीति के विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने कुछ एरिया में टीसीपी नियम लागू करने का विरोध किया है.

शिमला में पत्रकारों से बातचीत में रवि ठाकुर ने कहा कि टीसीपी नियम लागू करने के फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के करीब आधा दर्जन पंचायतें टीसीपी विभाग के अधीन लाई गई हैं, जो कि सही नहीं है. उन्होंने कहा कि इन पंचायतों को टीसीपी में लाने की प्रक्रिया पूर्व भाजपा सरकार ने शुरू की थी और वर्तमान सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए की गई नाप नपाई से लोग संतुष्ट नहीं है, ऐसे में इसकी समीक्षा की जानी चाहिए. रवि ठाकुर ने कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने रखा गया है और इस फैसले की समीक्षा करने का आग्रह उनसे किया गया है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इसको लेकर विभाग की एक टीम गठित की जाएगी जो लाहौल स्पीति जाकर लोगों से बात करेगी. इसके आधार पर ही सरकार फैसला लेगी. रवि ठाकुर ने कहा कि लाहौल स्पीति में टीसीपी एक्ट की बजाए मास्टर प्लान लागू किया जाना चाहिए और ये पंचायती राज और स्थानीय प्रशासन के अधीन रखे जाने चाहिए.

सड़क मार्गों के लिए अधिग्रहित भूमि का एक समान मुआवजा मिले: रवि ठाकुर ने कहा कि लाहौल स्पीति में करीब 3 हजार करोड़ की लागत से तैयार किए जा रहे एसकेटी और एसकेजी रोड के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि अधिग्रहित भूमि के लिए एक समान मुआवजा दिया जाना चाहिए. इसकी भी केंद्र और राज्य सरकार से मांग की गई है. उन्होंने कहा कि ये दोनों मार्ग राष्ट्रीय हित के है और इनके लिए अधिग्रहित होने वाली भूमि का का सभी जगह एक समान मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि कई जगह भूमि का पाच लाख रुपए प्रति बिस्वा तो कुछ जगह 70 हजार रुपए प्रति बिस्वा का मुआवजा दिया जा रहा है जो कि सही नहीं है. इसके विपरीत एक ही सर्किल रेट पर लोगों को मुआवजा दिया जाए.

रवि ठाकुर ने कहा कि पूरे देश और खासकर उत्तर पूर्व में आज हिंसा की आग फैली हुई है. यहां आदिवासी लोगों के हकों और सभ्यता को खतरा है. उन्होंने कहा कि इन लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने और इनकी सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण देने के मकसद से हिमाचल में जनजातीय लोग एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे. कांग्रेस पार्टी और सरकार में तालमेल की कमी के सवाल पर रवि ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में इस तरह को कोई परेशानी नहीं लगती. वैसे एक परिवार में भी तालमेल बिठाना पड़ता है. हिमाचल में तालमेल की कमी जैसी कोई बड़ी बात नहीं है.

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