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पहले ही दिन एक्शन में सुखविंदर सरकार, लागू नहीं होंगे जयराम सरकार के ये फैसले

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Published : Dec 12, 2022, 10:17 PM IST

Updated : Dec 12, 2022, 10:41 PM IST

हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) की नई सरकार अब जयराम सरकार द्वारा बीते 9 महीनों में लिए गए फैसलों का रिव्यू करेगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने शिक्षा विभाग, आईपीएच विभाग और पीडब्लयूडी में जयराम सरकार के समय में भर्ती किए गए मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती के मामलों की समीक्षा करने का भी फैसला लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

पहले ही दिन एक्शन में सुखविंदर सरकार
पहले ही दिन एक्शन में सुखविंदर सरकार

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार पहले ही दिन एक्शन में दिखी. शपथ ग्रहण करने के बाद सोमवार को सचिवालय में सुखविंदर सरकार का पहला ही दिन कई घटनाओं से भरपूर रहा. सरकार ने फैसला लिया है कि जयराम सरकार के समय में पहली अप्रैल 2022 से लिए गए फैसले लागू नहीं होंगे. यही नहीं, सरकार ने बाकायदा आदेश जारी कर पिछली सरकार के समय की गई निगम व बोर्डों में विभिन्न नियुक्तियां रद्द कर दी, लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति विभाग में नए कार्यों के टेंडर आगामी आदेश तक आमंत्रित नहीं किए जाएंगे. मल्टी टास्क वर्कर सहित आउटसोर्स भर्तियों की भी समीक्षा होगी.

किन्नौर के डीसी को भी हटा दिया गया हैं. वहीं, कुछ निगम व बोर्डों के चेयरमैन ने खुद ही इस्तीफा दे दिया हैं. सोमवार को नई सरकार का पहला दिन कई घटनाओं से भरपूर रहा. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुबह सचिवालय में सबसे पहले अपना पदभार संभाला. उसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने अपने कार्यालय में पदभार संभाला. फिर बधाइयों की सिलसिला चला और सीएम तथा डिप्टी सीएम ने विधायकों के संग बैठक की. इस बैठक में कई फैसले लिए गए.

सरकार ने जारी की अधिसूचना.
सरकार ने जारी की अधिसूचना.

सीएम सुखविंदर सिंह ने विधायक हर्षवर्धन चौहान व राजेश धर्माणी की अगुवाई में दो कमेटियां बनाई. सरकार ने देर शाम आदेश जारी कर जयराम सरकार के समय कर्मचारियों और अधिकारियों को गई सभी तरह की एक्सटेंशन और री-इंप्लॉयमेंट यानी पुनर्रोजगार को टर्मिनेट कर दिया है. अलबत्ता सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ये फैसला लागू नहीं होगा. पूर्व सरकार के समय बोर्ड व निगमों में बनाए गए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सदस्यों को भी हटा दिया गया है. इसके साथ ही मंदिर कमेटियों और प्रदेश के यूएलबी यानी अर्बन लोकल बॉडी में नॉमिनेट किए गए सदस्यों को भी टर्मिनेट कर दिया है.

सरकार ने एक के बाद एक करके बड़े फैसले लिए. सरकार ने सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया है. कर्मचारी तबादलों के मामले में जो ट्रांसफर आर्डर इंप्लीमेंट नहीं हुआ है, उन्हें भी रोक दिया गया है. जयराम सरकार के दौरान 1 अप्रैल 2022 के बाद लिए गए सभी फैसले रिव्यू किए जाएंगे. बड़ी बात ये है कि इस दौरान खोले गए नए दफ्तर डी-नोटिफाई कर दिए हैं. सरकार ने शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है. ये कमेटी शिक्षा विभाग सहित कुछ विभागों में हुई मल्टीटास्क वर्कर की भर्ती की जांच करेगी.

जयराम सरकार में की गई आउटसोर्स नियुक्तियां भी जांच के दायरे में होंगी. इसी कमेटी की जांच का दायरा लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग में हुई पैरा वर्कर भर्तियों तक भी जाएगा. वहीं, सरकार ने घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी को प्रदेश के अनाथ बच्चों के लिए नई पॉलिसी बनाने का काम दिया है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह शपथ ग्रहण के बाद टूटी कंडी स्थित अनाथ आश्रम गए थे और वहां उन्होंने ये ऐलान किया था. आज यानी सोमवार को सरकार ने विधायक राजेश धर्माणी को मशोबरा स्थित अनाथ आश्रम भेजा था. सरकार चाहती है कि अनाथ बेटियों की शादी तक उनकी देखभाल का जिम्मा उठाया जाए. इसके साथ ही नौकरी लगने तक अनाथ लड़कों को राज्य सरकार सहारा प्रदान करे.

वहीं, लाहौल में अटल टनल रोहतांग में सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका को फिर से स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं, दिन के समय सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ये फैसला भी लिया था कि विधायकों एवं उनके परिजनों को हिमाचल भवन/सदन और राज्य अतिथि गृहों में आम जनता के समान कमरों के किराए की अदायगी करनी होगी. सोशल मीडिया पर इस फैसले की सराहना की गई. अब सीएम सुखविंदर सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित सभी विधायक 15 दिसंबर को राजस्थान के अलवर जाएंगे. उधर, विक्रमादित्य सिंह सोमवार को ही दिल्ली रवाना हो गए हैं.

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Last Updated :Dec 12, 2022, 10:41 PM IST
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