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बच्चों में बढ़ा सडेन हार्ट अटैक का खतरा, इन संकेतों को समझने की है जरूरत

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Published : Jan 7, 2023, 1:24 PM IST

Heart Attack Cases increased in youth in Himachal.
बच्चों में बढ़ा सडेन हार्ट अटैक का खतरा.

दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामलों में भारत पहले नंबर पर है. यही नहीं बच्चों में भी यहां पर अब सडेन हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं. जो बेहद चिंता का विषय है. ऐसे में आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मोकटा ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में सडेन हार्ट अटैक के बारे में कुछ जानकारी सांझा की है जानने के लिए पढ़ें ये पूरी खबर... (Heart Attack Cases increased in youth)

आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मोकटा.

शिमला: भारत दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामलों में पहले नंबर पर है. यही नहीं भारत में स्कूली बच्चों में भी सडेन हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. जो काफी चिंता का विषय है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन लोगों में से एक शख्स की मौत दिल की बीमारी से हो रही है. कहते हैं कि साफ हवा और वातावरण कई बीमारियों की दवा होती है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में साफ हवा और वातावरण भी है लेकिन फिर भी यहां के लोग दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं.

देश और दुनिया के साथ पहाड़ का दिल भी बीमार है. यही नहीं हिमाचल में ठंड बढ़ने की वजह से भी सडेन हार्ट अटैक के मामले एका एक बढ़े हैं. एक अध्ययन के मुताबिक हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को दिल का दौरा पड़ता है. (Heart Disease in Himachal) (Heart Attack Cases increased in youth in Himachal)

सडेन हार्ट अटैक के कई मुख्य कारण- आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मोकटा कहते हैं कि सडेन हार्ट अटैक के कई मुख्य कारण हैं- बीपी, शुगर, स्मोकिंग और लाइफस्टाइल में बदलाव. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर आपको कई संकेत देता है, जिन्हें नजरंदाज करना अचानक कार्डियक अरेस्ट को सीधा न्यौता है. उन्होंने शरीर को असहज करने वाले लक्षणों पर नजर रखने की नसीहत दी है.

हार्ट अटैक के लक्षण
1.सीने में बेचैनी या दर्द
2.थकान महसूस होना
3.चक्‍कर या मितली आना
4.सांस फूलना

हार्ट अटैक होने से पहले के लक्षण- अगर आपके सीने में असहज दबाव, दर्द, सुन्नता, निचोड़न, परिपूर्णता या दर्द जैसा महसूस हो रहा है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर यह बेचैनी आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल रही है तो आप सचेत हो जाएं और जितनी जल्‍दी हो सके अस्‍पताल पहुंचें. बगैर किसी मेहनत या काम के अगर थकान हो रही है तो यह हार्ट अटैक अलार्म हो सकता है. अगर आपको दिन में कई बार चक्‍कर आ रहा है, उल्‍टी जैसा महसूस हो रहा है और आप असहज महसूस कर रहे हैं तो यह भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है. अगर आपको सांस लेने में किसी प्रकार का अंतर लग रहा है या सांस फूल रही है तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है.

बच्चों में बढ़े सडेन हार्ट अटैक के मामले- डॉ. जितेंद्र मोकटा ने कहा कि अब स्कूली बच्चों में भी सडेन हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं जो काफी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण बच्चों का खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव है. उन्होंने कहा कि पहले लोग फील्ड में बहुत काम किया करते थे लेकिन अब लोग न तो काम करते हैं और न ही व्यायाम करते हैं. जिससे हमारी जीवन शैली काफी प्रभावित हो रही है. युवाओं में नशे की लत भी एक सडन हार्ट अटैक का मुख्य कारण माना जा रहा है.

जवान दिल भी हो रहे बीमार- एक अध्ययन में सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जवान दिल भी बीमार हो रहे हैं. हिमाचल में हर साल 40 साल से कम उम्र के 200 लोगों को हर साल दिल का दौरा पड़ रहा है. देशभर में भी कुछ यही हाल है, आम हो या खास 40 साल से कम उम्र के लोगों का दिल बीमार हो रहा है. बीते वक्त में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव से लेकर साउथ के सुपर स्टार पुनीत राजकुमार और सोनाली फोगाट से लेकर सिद्धार्थ शुक्ला तक की मौत की वजह दिल का दौरा ही था. ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं जिनकी 40 की उम्र में हार्ट अटैक के मौत हुई है. (Heart patients in Himachal)

आरामपरस्ती की आदत छोड़नी होगी- आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मोकटा का कहना है कि लोगों को आरामपरस्ती की आदत छोड़नी होगी. खान-पान पर ध्यान देना होगा. सुबह व शाम की सैर तो सबसे जरूरी है. इसके अलावा शारीरिक श्रम करने से मोटापे से बच सकते हैं और यदि मोटापे को पास न फटकने दिया तो मधुमेह की आशंका भी नहीं रहेगी. शराब, सिगरेट समेत हर तरह के नशे से दूर रहना होगा, ऐसा करने से कई बीमारियां आपके आस-पास भी नहीं फटकेंगी.

मधुमेह पर आईसीएमआर के लिए अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने वाले आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र मोक्टा के मुताबिक हिमाचल में टाइप टू मधुमेह चिंताजनक रूप से बढ़ा है. टाइप टू मधुमेह में हिमाचल देश में सातवें स्थान पर है और कुल 31 फीसदी लोग हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हैं.

क्यों डूब रहा पहाड़ का दिल- तेजी से भागते समय में लोग अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख रहे. खान-पान की आदतों में बदलाव आया है. लोगों को फास्ट फूड की आदत पड़ गई है. खासकर बच्चे पूरी तरह से फास्ट फूड और जंक फूड के दीवाने हैं. व्यायाम भी लोगों की दिनचर्या से गायब हो रहा है. सोशल मीडिया और मोबाइल पर लोग अधिक समय बिता रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन बढ़ा है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले युवा वर्क लोड से परेशान हैं. इस कारण जीवन में तनाव पसर रहा है. ये तनाव बाद में दिल की बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं.

खान-पान और व्यायाम से सेहतमंद रहेगा दिल- आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र मोक्टा के अनुसार दिल की बीमारियों को कम करने के लिए सबसे बड़ा जरिया रोजाना की कसरत है. कम से कम पैंतालीस मिनट की कसरत रोज करने की आवश्यकता है. इसके अलावा भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करना होगा. तंबाकू, धूम्रपान, शराब का सेवन हर हाल में छोड़ना होगा. रोकथाम के उपायों के तहत मधुमेह का टेस्ट नियमित समय पर करवाना चाहिए. ताकि समय पर बीमारी का पता चले और उसका निवारण हो सके.

बीपी को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए. डॉ. का कहना है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए जागरुकता की जरूरत है. चालीस साल से कम आयु के लोग सेहत के प्रति लापरवाह रहते हैं. उन्हें मालूम ही नहीं पड़ता कि कब हाई बीपी और मधुमेह ने उनको जकड़ लिया है. (Tips for Healthy Heart) (Heart disease prevention) (Heart Attack Symptoms) (Heart Disease in Himachal) (Heart Attack Cases in Himachal)

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