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करीब 1 साल बाद फिर स्कूल जाएंगे छात्र, बच्चों को ऐसे करें मानसिक रूप से तैयार

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Published : Feb 5, 2021, 2:25 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 1:18 PM IST

how to increase concentration in children, बच्चों में एकाग्रता कैसे बढ़ाएं
डिजाइन फोटो.

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर स्कूल खुल चुके हैं. करीब 10 महीने तक स्कूल और कॉलेज बंद रहे और बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते रहे. ऐसे में उनकी दिनचर्या में भी काफी बदलाव आया है. आप अपने बच्चों को कैसे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर से बात की...

शिमला: कोरोना संकट के बाद अब प्रदेश में एक बार फिर स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में छात्रों के लिए एकाग्रता से स्कूल भेजना भी एक चुनौती है, क्योंकि करीब 10 महीने तक स्कूल और कॉलेज बंद रहे और बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते रहे. ऐसे में उनकी दिनचर्या में भी काफी बदलाव आया है.

बता दें कि स्कूल जाने वाले बच्चों का शेड्यूल पूरी तरह से बिगड़ चुका है. बच्चे घर में अपनी मर्जी से उठते हैं और बेरोक टोक खाते हैं और बाहर से दिनचर्या से नाता टूट चुका है. कोरोना (Corona) के बीच में तो बच्चे अपने दोस्तों से भी नहीं मिल पाए बस उनका मोबाइल ही उनका दोस्त रह चुका था. वहीं, अब एक बार फिर से स्कूल खुलने चुके हैं. जिसके लिए विभाग की ओर से एसओपी भी तैयार की गई है. ऐसे में अब बच्चों के लिए स्कूल जाना चुनौती भरा होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

बच्चों को कैसे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें?

आप अपने बच्चों को कैसे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए ईटीवी भारत ने आईजीएमसी (इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज) के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर से बात की. प्रोफेसर डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि कोरोना संकट के बाद अब बच्चे एक बार स्कूल पढ़ने जाएंगे ऐसे में कोरोना से बचने के नियम जानने पड़ेंगे.

'बच्चों में धीरे-धीरे बदलाव लाना पड़ेगा'

डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज (Online classes) की आदत पड़ चुकी है. ऐसे में सिलेबस ज्यादा हो या फिर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो बच्चों के लिए सब नया रहने वाला है. डॉक्टर देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों में धीरे-धीरे बदलाव लाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को सुबह जल्दी उठाना पड़ेगा और रात को जल्दी सुलाना पड़ेगा. मोबाइल और टीवी से उन्हें दूर रखना पड़ेगा. उनके खाने पीने का भी ध्यान रखना पड़ेगा.

वापस स्कूल के नियमों में बांधना पड़ेगा

वहीं, आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता का कहना था कि कोरोना संकट के बाद एक बार फिर लगभग 1 साल बाद स्कूल खुलने जा रहे हैं. ऐसे में बच्चों में बड़ा बदलान आया है. उनकी दिनचर्या बिगड़ चुकी है. ऐसे में उन्हें समय का महत्व समझाना काफी आवश्यक हो चुका है. उन्होंने कहा कि बच्चों को धीरे-धीरे वापस स्कूल के नियमों में बांधना पड़ेगा.

दूसरी तरफ स्पोर्टस कोच (Sports coach) अश्वनी ने कहा कि लॉकडाउन में बच्चों की दिनचर्या प्रभावित हुई है. बच्चों में मोटापा (obesity) आने लगा है. ऐसे में स्कूल जाने के लिए उन्हें प्रेरित करना पड़ेगा. बच्चों को सुबह जल्दी उठा कर व्यायाम करवाना पड़ेगा. उन्हें योग की आदत डालनी पड़ेगी, ताकि उनकी एकाग्रता बनी रहे.

'बच्चों को स्कूल भेजना भी चुनौती भरा'

वहीं, परिजनों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजना भी एक चुनौती भरा है, क्योंकि एक साल बच्चों ने अपनी मर्जी की. वो अपनी मर्जी से सोकर उठे. अपनी मर्जी से खाया पीया. ऐसे में उन्हें पुराने रूटीन में लाना काफी मुश्किल होगा.

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Last Updated :Feb 6, 2021, 1:18 PM IST
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