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स्ट्रीट लाइट के रखरखाव में कंपनी की लापरवाही, शिमला नगर निगम ने दी ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी!

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Published : Jun 3, 2023, 11:19 AM IST

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शिमला शहर में स्ट्रीट लाइट का रखरखाव करने वाली कंपनी को नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी. नगर निगम की बैठक में मेयर सुरेंद्र चौहान ने कंपनी को सोमवार से स्ट्रीट लाइट के रखरखाव का काम शुरू करने का अल्टीमेटम दिया. साथ ही काम सही से नहीं होने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी है.

शिमला: राजधानी में स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव करने वाली कंपनी के खिलाफ शिमला नगर निगम सख्त हो गया है. कंपनी द्वारा खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक नहीं किया जा रहा, जिसके चलते अब कंपनी को नगर निगम ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है. मेयर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में शिमला शहर की स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को लेकर एक बैठक हुई. जिसमें बिजली बोर्ड के अधिकारी और स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव करने वाली कंपनी के पदाधिकारी मौजूद रहे. वहीं, आउटसोर्स पर काम कर रही तीसरी कंपनी के अधिकारियों ने भी ऑनलाइन हिस्सा लिया.

कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी: राज्य बिजली बोर्ड शहर में स्ट्रीट लाइट के पोल लगाने का काम खुद करता है. उन्होंने स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम एक निजी कंपनी को सौंप रखा है. यह कंपनी भी किसी दूसरी फ्लोरिडा नाम की निजी कंपनी से इस काम को करवा रही है. शिमला मेयर सुरेंद्र चौहान ने कंपनी को सोमवार से रखरखाव का काम शुरू करने का अल्टीमेटम दिया. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस काम में देरी होती है तो, कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. इसके बाद कंपनी शहर में किसी भी तरह का काम नहीं ले सकेगी.

शहर में लगेगी 1000 नई स्ट्रीट लाइटें: शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया शहर में 300 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें मंजूर है. ये नगर निगम के पास पड़ी है. इन लाइटों को ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा, जहां पर स्ट्रीट लाइटों की सबसे ज्यादा समस्या है. शहर में 1000 स्ट्रीट लाइटें नई लगाई जानी है. इसके लिए भी शहर के सभी वार्डों में पार्षदों से उनकी प्राथमिकता मांगी गई है. उनकी प्राथमिकता के आधार पर और लोगों की जरूरत को देखते हुए स्ट्रीट लाइटों का लगाया जाना प्रस्तावित है.

मलबा उठाने के लिए एनएच को लिखा पत्र: हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद शहर के कई स्थानों में अवैध निर्माण को गिराने का काम चला हुआ है. ढली से लेकर टूटीकंडी तक इस काम को किया जा रहा है. इसके बाद आगे भी काम किया जाना है. अवैध निर्माण को गिराने के कारण काफी मलबा इकट्ठा हो गया है. इन मलबे को या तो नालों में फेंका जा रहा है या कई जगह इसे जंगल में फेंका जा रहा है. इससे पानी और सीवेरज की नालियां बंद हो रही है. जिसकी वजह से शहर में गंदगी दिख रही है. साथ ही शहर मे नालों के जाम होने का खतरा सता रहा है. इसलिए नगर निगम प्रशासन की ओर से सुरेंद्र चौहान ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र लिखा है.
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