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Shimla Deodar Tree: आपदा की आड़ में पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी, 'शिमला में देवदार के पेड़ गिरने से नहीं हुई कोई मौत'

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 2:03 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 4:40 PM IST

Shimla Deodar Tree
शिमला में देवदार के पेड़ों का कटान

शिमला में आई आपदा के बाद शहर में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ गिरे. जिसके बाद नगर निगम औ वन विभाग द्वारा शिमला से असुरक्षित देवदार के पेड़ों का कटान शुरू किया गया, लेकिन इस दौरान बहुत से सुरक्षित पेड़ों को काटने के भी मामले सामने आए. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने फिलहाल देवदार के पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. (Shimla Deodar Tree) (Deodar tree Illegal cutting in Shimla)

आपदा की आड़ में पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला की खूबसूरती उसकी हरियाली और देवदार के पेड़ों से है. शिमला में इस मानसून सीजन में आई आपदा के कारण बड़ी संख्या में देवदार पेड़ गिरे हैं. जिसके कारण काफी नुकसान भी हुआ है. बता दें कि देवदार के पेड़ों की उम्र करीब 120 साल होती है. शिमला शहर में बहुत से देवदार के पेड़ ऐसे हैं, जिनकी उम्र पूरी हो गई है और इन पेड़ों को असुरक्षित घोषित कर दिया जाता है.

देवदार पेड़ों के कटान पर रोक: शिमला शहर में आई आपदा के बाद नगर निगम शिमला और वन विभाग ने देवदार के असुरक्षित हो चुके पेड़ों को काटने की मुहिम शुरू की. इस दौरान नगर निगम के पास ऐसे मामले सामने आए, जिनमें लोग अपने निजी प्लॉट में सुरक्षित पेड़ों का भी कटान करवाया गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने अब देवदार के पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश जारी किए हैं कि बिना सर्वे के किसी भी पेड़ को नहीं काटा जाएगा.

Shimla Deodar Tree
शिमला में देवदार पेड़ों के कटान पर रोक

'1 के बदले लगाए जाए 5 पेड़': नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने शिमला शहर में देवदार पेड़ों के कटान पर सवाल खड़े किए हैं. टिकेंद्र पंवर ने कहा कि शिमला में असुरक्षित पेड़ों की आड़ में सुरक्षित पेड़ों का भी कटान किया गया है. अभी तक शिमला में करीब 1 हजार से ज्यादा देवदार के पेड़ काटे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम को चाहिए की एक देवदार के पेड़ को काटे जाने के बदले में 5 पेड़ लगाए जाएं, क्योंकि देवदार के पेड़ों का सक्सेस रेट 2 या 3 के बीच में रहेगा.

Shimla Deodar Tree
शिमला में काटे गए देवदार के पेड़

क्लाइमेट चेंज पर बुरा असर: पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि आज जिन जगहों पर देवदार के पेड़ काटे गए हैं, कल को उसी जगह पर बिल्डिंग बनते हुए नजर आएंगी. इसलिए नगर निगम को ऐसा प्रावधान करना चाहिए, जिससे इन जगहों पर कंस्ट्रक्शन की बिलकुल भी परमिशन नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा शहर में देवदार के पेड़ गिरने से किसी की मौत नहीं हुई है, ये बहुत बचकानी बता है कि पेड़ों से नुकसान हो रहा है. इसलिए जरूरत से ज्यादा पेड़ नहीं काटने चाहिए. उन्होंने कहा कि शिमला में देवदार के पेड़ काटे जाने से गर्मी में बढ़ोतरी होगी, जिससे भी आपदा की संभावनाएं बढ़ जाएगी. शिमला शहर तेजी से अपना ग्रीन कवर लूज कर रहा है. जिससे क्लाइमेट चेंज पर बुरा असर पड़ेगा.

Shimla Deodar Tree
शिमला में देवदार के पेड़

शिमला के जंगलों पर MC का अधिकार: वहीं, नगर निगम शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि शिमला की असल ब्यूटी इसकी 65% ग्रीनरी से भरी लैंड है. उन्होंने कहा कि देवदार के पेड़ शुरू से ही खास आकर्षण का केंद्र रहे हैं. शिमला में देवदार और ओक के सुंदर जंगलों ने तो ब्रिटिशर तक को अपनी ओर आकर्षित किया था. उस समय से ही शिमला डेवलपमेंट को लेकर कुछ रूल्स बनाए गए हैं. इसके अलावा एचपी मुनिसिपलिटी एक्ट 1994 के तहत शहर के जंगलों पर नगर निगम शिमला का अधिकार है. हालांकि प्रदेश की सरकारें कई बार गैरकानूनी रूप से इन जंगलों पर अपना अधिकार जताती रहती हैं.

MC शिमला पर साधा निशाना: पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि 2015-16 की पिटीशन के बाद हिमाचल हाई कोर्ट ने भी ये स्पष्ट कर दिया था कि शिमला शहर के जंगलों पर नगर निगम का अधिकार है. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने इन जंगलों की सही से मैनेजमेंट नहीं की है. नगर निगम शिमला के चुनाव को 6 महीने से ज्यादा हो गए, जबकि अभी तक ट्री अथॉरिटी कमेटी का गठन नहीं किया गया. जिसका काम शिमला शहर में जंगलों की देखरेख करना और जंगलों का मैनेजमेंट करना होता है.

देवदार पेड़ों के कटान पर उठाए सवाल: संजय चौहान ने देवदार के पेड़ों के कटान पर सवाल उठाते हुए कहा कि फिलहाल कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें असुरक्षित पेड़ों की आड़ में कुछ प्रभावशाली लोग वन विभाग और प्रशासन के साथ मिलकर गैरकानूनी तरीके से देवदार के पेड़ों को कटवा कर अपने प्लॉट खाली करवाए हैं. उन्होंने कहा कि एचपी मुनिसिपलिटी एक्ट 1994 के तहत ये प्रावधान है कि जिस जगह से पेड़ काटा जाता है, उसी जगह पर 5 पेड़ लगाए जाएंगे. संजय चौहान ने देवदार के पेड़ों की कटाई को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.

Shimla Deodar Tree
शिमला में बड़ी संख्या में देवदार के पेड़ों का कटान

गैरकानूनी कटान पर होगी कार्रवाई: वहीं, नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि शहर में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ों गिरे हैं और अभी बहुत से पेड़ खतरा बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि, निजी प्लॉट में देवदार के पेड़ों को काटने के मामले सामने आए हैं. जिसकी निगम जांच करेगी और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. निजी जमीन पर बिना परमिशन के देवदार के पेड़ नहीं काट सकते हैं. ऐसे लोगों को निगम नोटिस जारी करेगा.

शिमला में पौधारोपण: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि इस बार शिमला में देवदार के पेड़ों का बहुत नुकसान हुआ है. जिसकी रिकवरी के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में पौधारोपण किया जा रहा है. एक हजार काटे गए पेड़ों के बदले में 5 हजार पेड़ लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि देवदार के पेड़ों को बड़ा होने में काफी लंबा समय लगता है. इसलिए वन विभाग से कुछ अर्ली वैरायटी के पौधों को लगाने की मांग भी की जाएगी, ताकि भूमि कटाव की समस्या न हो. उन्होंने का कि आगे आने वाली सर्दियों और अगले साल की बरसात के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी. नगर निगम इस चीज को बहुत गंभीरता से ले रहा है.

'पेड़ों का कटान के साथ हो ऑक्शन': मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि शिमला में जहां-जहां देवदार के पेड़ों का कटान हुआ है. वहां पर साथ-साथ में चालान भी काटा गया है. उन्होंने कहा कि जहां पर पेड़ों का कटान हुआ है उनका ऑक्शन भी साथ में ही वहीं पर किया जाना चाहिए. इससे यातायात का खर्च भी बचेगा और राज्य को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी.

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Last Updated :Sep 4, 2023, 4:40 PM IST
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