शिमला: हिमाचल वन विभाग (Himachal Forest Department) ने इस साल एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है. मंगलवार से कुल्लू जिला के निरमंड से शुरू होने वाले वन महोत्सव के इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए कार्य शुरू हो जाएंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और वन मंत्री राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) की मौजूदगी में अभियान की शुरुआत होगी. राज्य में पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) में वनों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है. राज्य के 37,948 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें से 4.96 प्रतिशत आरक्षित वन क्षेत्र, 33.87 प्रतिशत सीमांकित वन, 42.25 प्रतिशत गैर सीमांकित संरक्षित वन और 18.87 प्रतिशत अन्य वन हैं. भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 27.72 प्रतिशत हरित आवरण हैं. वन विभाग ने वर्ष 2030 तक हरित आवरण को 30 प्रतिशत और बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग द्वारा अनेक पहल की गई हैं.
वन विभाग की योजना के अनुसार इस एक करोड़ पौधों को लगाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंचायत प्रधान पर वार्ड मेंबर का भी सहयोग लिया जाएगा. प्रत्येक वार्ड मेंबर को 20 पौधे दिए जाएंगे और उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी. ताकि पौधों का सक्सेस रेट भी अधिक हो सके. विभाग की योजना के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान प्रदेश में 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जाएंगे. विभाग द्वारा नगर परिषदों और पंचायतों के प्रत्येक सदस्य को स्थानीय लोगों की सहायता से पौधरोपण के लिए 51 पौधे प्रदान किए जाएंगे.
इस वर्ष 20 एवं 21 जुलाई को दो दिवसीय बृहद पौधरोपण अभियान आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों और संस्थाओं द्वारा 10 लाख पौधे रोपित किए जाएंगे. इसके अलावा राज्य रेड क्राॅस सोसाइटी द्वारा स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से एक लाख पौधे भी रोपित किए जाएंगे. हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जंयती वर्ष के अवसर पर वन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्वर्णिम वाटिकाएं विकसित की जा रही हैं. राज्य के विभिन्न भागों में 34 स्वर्णिम वाटिकाएं तैयार की जा चुकी हैं. इस वर्ष 3500 हेक्टेयर क्षेत्र को लैंटाना से मुक्त कर वहां पौधरोपण की योजना भी तैयार की गई है.
जुलाई 2018 से वन महोत्सव के दौरान वन विभाग द्वारा चिन्हित स्थानों पर स्थानीय समुदायों के सहयोग से विशेष पौधरोपण अभियान आयोजित किए जा रहे हैं. वर्ष 2018 में तीन दिनों तक आयोजित अभियान के दौरान प्रदेश में लगभग 600 स्थानों पर सरकारी विभागों, स्थानीय समुदायों, आम लोगों, महिला मंडलों, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और स्कूलों के विद्यार्थियों की मदद से लगभग 26 लाख 50 हजार पौधे रोपित किए गए. वर्ष 2019 में वन महोत्सव के दौरान आयोजित 5 दिवसीय अभियान के दौरान 1 लाख 35 हजार लोगों की सहभागिता से 31 लाख 60 हजार पौधे रोपित किए गए.
हिमाचल प्रदेश में पहली बार वार्ड पंच वन महोत्सव कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाएंगे. वन विभाग द्वारा तैयार की गई रूपरेखा के मुताबिक निकायों और पंचायतों में वार्ड स्तर पर भी वन महोत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक वार्ड पंच को वनमंत्री की ओर से जारी अर्धसरकारी पत्र प्रदान करने सहित एक बैनर और 51 पौधे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे. यही नहीं जितने भी लोग पौधरोपण कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, उनके नाम और मोबाइल नंबर विभाग को प्रेषित करने होंगे. योजना के तहत वनों से संबंधित बेहतरीन कार्य के लिए चयनित व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा, जिसे लेकर योजना बनाई जा रही है.
वहीं, वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल ने बताया कि जिले के कुल 1143 वार्डों में होने वाले कार्यक्रमों के लिए शेड्यूल तैयार किया जाएगा. पौधारोपण के लिए जरूरत के मुताबिक जगह विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई जाएगी. वन संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए नए कार्यक्रम चला रही है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहभागिता सुनिश्चित कर रही है. इसके बाद पंचायतों के वार्ड पंचों के लिए शेड्यूल जारी किया जाएगा, जिसके तहत किसी एक जगह का चयन कर पौधरोपण कार्य्रकम आयोजित किए जाएंगे. वार्ड पंच स्थानीय लोगों के जरिए किसी उपयुक्त जगह पर पौधों का रोपण करवाएंगे. जो भी लोग पौधरोपण कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे उनके नाम और मोबाईल नंबर विभाग को प्रेषित करने होंगे.
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