ETV Bharat / state

Himachal Politics: क्या 2014 और 2019 की तरह कांग्रेस को 'चारों खाने' चित्त कर पाएगी BJP ? 4-0 की हैट्रिक बनाने की राह कितनी मुश्किल ?

author img

By

Published : Jul 7, 2023, 8:26 PM IST

Updated : Jul 8, 2023, 6:18 AM IST

हिमाचल में बीते दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी ने जीत का चौका जड़ा है. 2014 के बाद 2019 में भी हिमाचल की चारों सीटों पर कमल खिला है. लेकिन इस बार बीजेपी के लिए ये राह इतनी आसान नहीं होने वाली, आखिर क्या है इसकी वजह, पढ़ें (Lok Sabha election 2024)

Himachal Politics
Himachal Politics

शिमला: आगामी लोकसभा चुनाव में अब करीब 9 महीने का वक्त बचा है. जिसे देखते हुए भाजपा मिशन-2024 की तैयारियों में जुट गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को टास्क दे दिया है. पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियों को नौ महीने में जनता तक पहुंचाने के लिए कहा है. लेकिन इस बार चुनौती अलग होगी और बीजेपी का मिशन हिमाचल आसान नहीं रहने वाला. 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे घर हिमाचल में पार्टी के लिए 4-0 का स्कोर हासिल करना बड़ी चुनौती होगी.

बीजेपी लगा पाएगी जीता का चौका ?- हिमाचल में बेशक लोकसभा की चार ही सीटें हैं, लेकिन ये राज्य भाजपा के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है. कारण ये है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह प्रदेश हिमाचल है. इसी तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल अनुराग ठाकुर भी हिमाचल से हैं और फिर पीएम नरेंद्र मोदी नब्बे के दशक में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे हैं और यहां से उनका खास लगाव है. ऐसे में पार्टी पर हिमाचल में लोकसभा की सभी सीटें जीतने का अतिरिक्त दबाव होगा. बीजेपी साल 2014 और 2019 में चारों सीटें जीतकर ये कारनामा पहले कर चुकी है और इस बार भी उसे यही उम्मीद है.

बीजेपी के लिए मिशन 4-0 आसान नहीं
बीजेपी के लिए मिशन 4-0 आसान नहीं

फिलहाल 3-1 है स्कोर- क्या भाजपा हिमाचल में सभी सीटों पर जीत का परचम लहरा पाएगी, इसके गणित को समझने से पहले अभी की स्थिति देखना जरूरी है. हिमाचल में इस समय शिमला, कांगड़ा व हमीरपुर सीट भाजपा के पास है. मंडी से प्रतिभा सिंह कांग्रेस की सांसद हैं. भाजपा नेता रामस्वरूप शर्मा की वर्ष 2021 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत के बाद यहां उपचुनाव हुआ था. तब भाजपा ने करगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर को टिकट दिया था, लेकिन वे प्रतिभा सिंह से चुनावी रण में परास्त हो गए थे. इस तरह मौजूदा समय में हिमाचल में लोकसभा सीटों को लेकर सियासी स्कोर 3-1 है. इसी सियासी स्कोर को मिशन 2024 में 4-0 में तब्दील करने की भाजपा के सामने चुनौती है.

शिमला लोकसभा सीट- अब सीट वाइज समीकरण पर नजर डालें तो शिमला सीट से सुरेश कश्यप सांसद हैं. वे हिमाचल में भाजपा के मुखिया रहे, लेकिन उनके कार्यकाल में पार्टी एक भी चुनाव नहीं जीत पाई. सुरेश कश्यप से पहले शिमला से भाजपा के प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप दो बार सांसद रहे. इस तरह वर्ष 2009 से शिमला सीट लगातार भाजपा के पास है. मौजूदा समीकरण देखें तो शिमला सीट पर भाजपा के लिए एंटी इन्कम्बैंसी का फैक्टर देखने को मिल सकता है. मूल रूप से शिमला सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां से केडी सुल्तानपुरी छह बार सांसद रहे हैं. उनके बेटे विनोद सुल्तानपुरी इस बार विधानसभा चुनाव जीते हैं.

बीजेपी के मिशन 2024 की राह में रोड़े
बीजेपी के मिशन 2024 की राह में रोड़े

मौजूदा समय में शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सरकार में विक्रमादित्य सिंह, रोहित ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान, धनीराम शांडिल कैबिनेट मंत्री हैं. इस तरह कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में है. जहां तक टिकट की बात है तो भाजपा में एचएन कश्यप एक बार फिर से टिकट के चाहवान हैं. वे पहले यहां चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली थी. सुरेश कश्यप का टिकट बदलने के यहां आसार हैं. भाजपा यहां से किसी नए चेहरे पर दांव आजमा सकती है. विधानसभा चुनाव 2022 में शिमला जिले की 8 में से 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं, जबकि शिमला लोकसभा के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से 13 सीटें कांग्रेस के नाम रहीं, 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली, एक सीट निर्दलीय के खाते में गई.

हमीरपुर लोकसभा सीट- यहां से अनुराग ठाकुर लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार भी टिकट उन्हीं को मिलना तय है. लेकिन इस बार अनुराग ठाकुर की राह भी आसान नहीं होगी. कारण ये है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम सुखविंदर सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय सीट से हैं. वहीं हमीरपुर संसदीय सीट से ही जेपी नड्डा भी आते हैं. उनकी साख भी दांव पर रहेगी. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में हमीरपुर जिले से तो बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था. वहीं लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से बीजेपी सिर्फ 4 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी, दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार और 11 पर कांग्रेस को जीत मिली थी. ऐसे में अनुराग ठाकुर निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकते.

हर लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभा सीटें हैं
हर लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभा सीटें हैं

कांगड़ा लोकसभा सीट- से इस बार किशन कपूर को टिकट मिलने के आसार न के बराबर हैं. यहां से भाजपा राकेश पठानिया को चुनाव मैदान में उतार सकती है. कुछ अन्य नामों पर भी विचार किया जा सकता है. कांगड़ा सीट पर 2009 से भाजपा का कब्जा है. मौजूदा सांसद किशन कपूर से पहले भाजपा दिग्गज शांता कुमार यहां से सांसद थे. उससे पहले भाजपा की टिकट पर राजन सुशांत जीते थे. अब कांगड़ा सीट जीतना भी भाजपा के लिए आसान नहीं होगा. 2022 विधानसभा चुनाव में कांगड़ा जिले की 15 में से सिर्फ 4 सीटें बीजेपी जीत पाई जबकि एक सीट निर्दलीय के नाम रही और 10 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते. वहीं, कांगड़ा लोकसभा के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से 12 कांग्रेस के नाम रही जबकि बीजेपी 5 ही सीटें जीत पाई.

मंडी लोकसभा सीट- कांग्रेस की प्रतिभा सिंह इस समय सांसद हैं. यहां से 2014 और फिर 2019 में लगातार दो बार भाजपा के रामस्वरूप शर्मा जीते हैं. 2013 में उपचुनाव में प्रतिभा सिंह जीती और फिर 2021 में भी उपचुनाव में भी उन्होंने चुनाव जीता है. यहां से महेश्वर सिंह दो बार सांसद रहे. इस बार महेश्वर सिंह, ब्रिगेडियर खुशाल सिंह का टिकट झटक सकते हैं, लेकिन एक रोचक घटनाक्रम के तहत पार्टी यहां से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी दाव लगा सकती है. इसके पीछे तर्क यही है कि मंडी सीट को कांग्रेस से छीनने के लिए मजबूत प्रत्याशी चाहिए. यहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर के बावजूद जयराम ठाकुर अपने प्रभाव के कारण जिले की 10 में से नौ सीटें पार्टी की झोली में डालने में सफल रहे थे. मंडी लोकसभा के तहत आने वाली 17 सीटों में से भी 12 सीटें जीतीं हैं.

वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा का कहना है कि 2024 में भाजपा की राह आसान नहीं है. कारण मौजूदा तीन सांसदों के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी प्रभावी हो सकती है. 2014 की मोदी लहर को छोड़ दें तो हिमाचल में ट्रेंड रहा है कि जो पार्टी राज्य की सत्ता में होती है, लोकसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन अच्छा रहता है. हिमाचल की राजनीति की गहरी परख करने वाले संजीव कुमार शर्मा का कहना है कि अनुराग ठाकुर की सीट सुरक्षित मानी जा सकती है, लेकिन उन्हें इस बार पहले के मुकाबले अधिक मेहनत करनी होगी. शिमला सीट पर कांग्रेस का पलड़ा इसलिए भारी कहा जा सकता है कि यहां से सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और शिमला सीट कांग्रेस की एक जमाने में गढ़ रही है.

किशन कपूर (कांगड़ा), अनुराग ठाकुर (हमीरपुर), प्रतिभा सिंह (मंडी), सुरेश कश्यप (शिमला)
किशन कपूर (कांगड़ा), अनुराग ठाकुर (हमीरपुर), प्रतिभा सिंह (मंडी), सुरेश कश्यप (शिमला)

धनंजय शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा मोदी फैक्टर के सहारे रहती है, लेकिन कई बार लोकल समीकरण भी नकारे नहीं जा सकते। उनका कहना है कि ये चुनाव न केवल पीएम नरेंद्र मोदी, बल्कि जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर और राजीव बिंदल के लिए भी साख का सवाल होंगे. इनमें से हर नेता का हिमाचल कनेक्शन अपने आप में अलग है। कांग्रेस सत्ता में है और भाजपा को दमदार मुद्दों पर चुनाव लड़ना है. जिस तरह से कांग्रेस ने कर्मचारियों के लिए ओपीएस का वादा पूरा किया है, भाजपा को उसका तोड़ निकालना होगा. ये सही है कि भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के सहारे अधिक रहेगी, लेकिन जमीन पर काम कार्यकर्ता करते हैं। ऐसे में भाजपा को लोकल व नेशनल दोनों मुद्दों पर ध्यान देना होगा.

ये भी पढ़ें: यहां एक साथ चमक रहा है सीएम सुक्खू और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का नाम, जानें पूरा मामला ?

Last Updated :Jul 8, 2023, 6:18 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.