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Himachal Monsoon: प्रदेश में आपदा से नुकसान 7400 करोड़ से पार, 1200 से ज्यादा सड़कें अभी भी बंद

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Published : Aug 16, 2023, 9:56 PM IST

हिमाचल में मानसून सीजन में आई आफत ने अब तक 327 लोगों की जान ले चुकी है. वहीं, राज्य को करीब 7400 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. प्रदेश में 1200 से ज्यादा सडकें अभी भी बंद हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss).

Heavy damage due to rain in Himachal
प्रदेश में आपदा से नुकसान 7400 करोड़ से पार

शिमला: प्रदेश में भारी बारिश से बड़ी संख्या में सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे कई हिस्सों का संपर्क प्रदेश के दूसरे इलाकों से कट गया है. प्रदेश में करीब 1220 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने का काम कर रहा है लेकिन बारिश के बाद भूस्खलन लगातार हो रहा है, इससे सड़कें फिर से बंद हो रही हैं. इसके साथ ही प्रदेश में मानसून से नुकसान का आंकड़ा 7400 करोड़ से पार कर गया है. यही नहीं राज्य में 10714 परिवारों के मकान तबाह हो गए हैं. बारिश में होने वाले हादसों में 327जानें भी अब तक प्रदेश में जा चुकी हैं.

दरअसल, प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. मानसून की बारिश से अब तक 7482 करोड़ का नुकसान हो चुका है. सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों और पुलों को हुआ है, इनको करीब 2491 करोड़ क्षति बारिश ने पहुंचाई है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद आ रहे भूस्खलन से बारिश से सड़कें बंद हो रही हैं. इससे कई इलाकों का संपर्क प्रदेश के दूसरे हिस्सों से कट गया है.

भूस्खलन होने से फिर से सड़कें हो रही हैं बंद: बता दें, लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली में जुटा है, मगर भूस्खलन होने से फिर से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में 1220 सड़कें बंद हो गई हैं. इसमें सबसे ज्यादा 419 सड़कें पीडब्ल्यूडी के शिमला जोन के तहत बंद हैं जबकि 301 सड़कें मंडी जोन की बंद हैं. वहीं हमीरपुर जोन में 306 सड़कें और कांगड़ा में 188 सड़कें बंद हो गई हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1268 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.

जल शक्ति विभाग को 1842 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट भरने से कई परियोजनाएं बंद पड़ गई हैं. अब तक प्रदेश में जल शक्ति विभाग के 5408 हैंडपंपों सहित 17798 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9508 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 8273 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है, जबकि बाकी बंद हैं. पानी की परियोजनाएं बंद होने से प्रदेश में कई जगह लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2518 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 205 व सीवरेज की 161 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.

ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ का नुकसान: जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1842 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

10714 परिवारों के आशियाने बारिश में क्षतिग्रस्त: प्रदेश में हुई भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है. इससे प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. विभिन्न जिलों में अब तक 10714 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1762 मकान पूरी तरह तबाह हुए हैं. इनके अलावा 292 दुकानें और व्यापारिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश में मवेशियों की 3900 से ज्यादा गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 327 लोगों की जानें गई हैं जबकि 318 जख्मी हुए हैं.

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