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SHIMLA: आईजीएमसी में स्टाफ की कमी मरीजों पर पड़ रही भारी, डॉक्टरों की कमी के चलते किडनी ट्रांसप्लांट बंद

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Published : Jun 2, 2022, 12:44 PM IST

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में स्टाफ की कमी अब मरीजों पर भारी पड़ने लगी (Kidney transplant in IGMC Shimla) है. स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है और मरीज इलाज करवाने के लिए बाहरी राज्यों का रूख कर रहे हैं. आईजीएमसी में इन दिनों किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो रहा है. डाॅक्टराें की कमी के चलते किडनी ट्रांसप्लांट बंद कर दिए गया है. हालांकि, कुछ मरीजाें ने इसके लिए आवेदन भी किया हुआ है, लेकिन उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए मना कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Kidney transplant in IGMC Shimla
आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में स्टाफ की कमी अब मरीजों पर भारी पड़ने लगी (Kidney transplant in IGMC Shimla) है. स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है और मरीज इलाज करवाने के लिए बाहरी राज्यों का रूख कर रहे हैं. आईजीएमसी में इन दिनों किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो रहा है. डाॅक्टराें की कमी के चलते किडनी ट्रांसप्लांट बंद कर दिए गया है. हालांकि, कुछ मरीजाें ने इसके लिए आवेदन भी किया हुआ है, लेकिन उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए मना कर दिया गया है.

किडनी ट्रांसप्लांट करवाने में यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का सबसे ज्यादा काम रहता है, लेकिन यहां पर स्थिति ऐसी है कि यूरोलॉजी में पहले 3 सीनियर डॉक्टर थे, उनमें से 2 डॉक्टर को बिलासपुर एम्स के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है. अब यूरोलॉजी विभाग में सिर्फ एक ही सीनियर डॉक्टर है. जिसके चलते अब यहां किडनी ट्रांसप्लांट अब बंद है. वैसे किडनी ट्रांसप्लांट दिल्ली एम्स की डॉक्टरों की निगरानी में होता है. फिर भी किडनी ट्रांसप्लांट से पहले और बाद में आईजीएमसी में यूरोलॉजी के डॉक्टरों का होना जरूरी है. जब तक यहां पर डॉक्टर नहीं आते तब तक किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है.

सरकार ने आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा 12 मई 2019 में शुरू की थी, लेकिन अभी तक यहां सिर्फ 5 ही किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं. यह किडनी ट्रांसप्लांट भी दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में हुए हैं. सरकार किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा को लेकर दावे तो एक से बढक़र एक करती है, लेकिन यहां दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा होने के बाद भी लोगों को बाहरी राज्य में लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

आईजीएमसी के एमएस डाॅ. जनकराज ने बताया कि अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट काे फिलहाल राेक दिया गया है. यूराेलाॅजी विभाग में डाॅक्टराें की (Shortage of doctors in IGMC Shimla) कमी है. इस कमी काे पूरा करने के लिए सरकार काे पत्र लिखा गया है. सरकार की ओर से जैसे ही जवाब आता है, वैसे ही डाॅक्टराें की तैनाती कर दी जाएगी. इसके बाद यहां दोबारा से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू की जाएगी.

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