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हिमाचल की सड़कों पर बढ़ता बोझ: 3 दशक में 30 गुना गाड़ियां रजिस्टर्ड, सालाना डेढ़ करोड़ पर्यटक और शिमला से मनाली तक जाम

अगर आप पर्यटन सीजन में हिमाचल गए हैं तो शिमला या कुल्लू मनाली में लगते जाम से आप भी रूबरू हुए होंगे. वरना सोशल मीडिया पर शिमला और मनाली के ऐतिहासिक जाम की तस्वीरें वायरल होती रहती हैं. लेकिन इस जाम के पीछे की वजह क्या है ? हिमाचल की सड़कों पर वाहनों का बोझ कितना बढ़ा है ? इस छोटे से पहाड़ी राज्य के कुछ दिलचस्प आंकड़े आपके होश उड़ा देंगे. पढ़ें

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Published : May 31, 2023, 6:14 PM IST

Updated : Jun 1, 2023, 4:47 PM IST

हिमाचल की सड़कों पर जाम हुआ आम

शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की सडक़ें गाडिय़ों के बोझ तले दब रही हैं. सत्तर लाख की आबादी वाले प्रदेश में अब रजिस्टर्ड गाडियों की संख्या 20 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी हैं. राज्य की सडक़ों की लंबाई 40 हजार किलोमीटर के करीब है. इन सडक़ों पर अब राज्य में ही रजिस्टर्ड 21.51 लाख गाडिय़ां दौड़ रही हैं. पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां सडक़ें इतनी चौड़ी नहीं हैं, लिहाजा ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है.

टूरिस्ट सीजन में गाड़ियों का रेला- हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है. यहां रोजाना देश के कोने-कोने से और विदेश से भी सैलानी आते हैं. पर्यटक वाहनों की संख्या अतिरिक्त रूप से जुड़ती है. भारी ट्रैफिक जाम को देखते हुए शिमला पुलिस ने राजधानी में एक महीने में प्रवेश करने वाली और बाहर जाने वाली गाडियों का आंकड़ा दर्ज किया तो हैरान करने वाले तथ्य सामने आए. अकेले अप्रैल महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने और यहां से जाने वाले वाहनों की संख्या 9.92 लाख दर्ज की गई. औसत निकालें तो एक दिन में 33,066 गाडिय़ों ने आवागमन किया. गौर करने वाली बात है कि शिमला की आबादी दो लाख के करीब है. चूंकि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और यहां रेल यातायात की सुविधा न के बराबर है, लिहाजा परिवहन का सबसे बड़ा साधन सडक़ों पर चलने वाले वाहन ही हैं.

हिमाचल की सड़कों पर बढ़ रहा है गाड़ियों का बोझ
हिमाचल की सड़कों पर बढ़ रहा है गाड़ियों का बोझ

वाहनों का बोझ और समस्याएं- हिमाचल प्रदेश में शिमला, कुल्लू-मनाली, डलहौजी, खजियार, चंबा, मंडी, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, धर्मशाला आदि विख्यात पर्यटन स्थल हैं. इसके अलावा हिमाचल में कई शक्तिपीठ हैं. यहां धार्मिक उत्सवों के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस प्रकार हिमाचल में हर दिन साठ हजार से अधिक वाहन प्रवेश करते हैं. अकेले शिमला में समर टूरिस्ट सीजन में 22 से 28 हजार वाहन शिमला में प्रवेश करते हैं. इस तरह हिमाचल में बढ़ते वाहनों के बोझ से कई तरह की समस्याएं आती हैं. ट्रैफिक जाम उनमें प्रमुख है, लेकिन दुखद तथ्य ये है कि वाहन दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. हिमाचल में हर साल वाहन दुर्घटनाओं में 1200 से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं और हजारों लोग घायल होते हैं.

मनाली में टूरिस्ट सीजन  में ट्रैफिक जाम की ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी
मनाली में टूरिस्ट सीजन में ट्रैफिक जाम की ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी

टूरिस्ट सीजन में मनाली से लेकर शिमला तक ट्रैफिक जाम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती है. कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगता है जो ट्रैफिक पुलिस से लेकर स्थानीय लोगों और यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए भी सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होता है. पर्यटन सीजन में चंद किलोमीटर की दूरी घंटों ले लेती है और गाड़ियां सड़क पर मानो रेंग रही हों. लगातार बढ़ती पर्यटकों की भीड़ के साथ-साथ हिमाचल में वाहनों की बढ़ती संख्या भी इसकी वजह है. आर्थिक सर्वे 2022-23 और परिवहन विभाग के आंकड़े यही इशारा करते हैं.

हिमाचल में 6 साल में कितने वाहन हुए रजिस्टर्ड
हिमाचल में 6 साल में कितने वाहन हुए रजिस्टर्ड

6 साल में बढ़े आठ लाख वाहन- परिवहन विभाग के सालाना आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हिमाचल प्रदेश में छह साल की अवधि में ही आठ लाख से अधिक वाहन बढ़ गए. हिमाचल में वर्ष 2017 में कुल रजिस्टर्ड वाहन 13.56 लाख थे. अब यानी वर्ष 2022 दिसंबर तक ये संख्या बढक़र 21.51 लाख हो गई है. वर्ष 2018 में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 14.95 लाख थी. वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 16.35 लाख वाहनों तक पहुंच गया. फिर वर्ष 2020 में 17.60 लाख वाहन रजिस्टर्ड थे. वर्ष 2021 में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 18.74 लाख हो गई.

हिमाचल में हर साल पहुंचते हैं औसतन एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक
हिमाचल में हर साल पहुंचते हैं औसतन एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक

साल दर साल सैलानियों की आमद- वर्ष 2016 में हिमाचल में देश और विदेश से 1.79 करोड़ सैलानी आए। 2017 में 1 करोड़ 96 लाख 9 हजार सैलानी, वर्ष 2018 में 1 करोड़ 64 लाख 50 हजार, 2019 में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार सैलानी आए. चूंकि मार्च 2020 में कोरोना के कारण लॉक डाउन लगता रहा लिहाजा दिसंबर 2020 तक हिमाचल में कुल 32 लाख 13 हजार सैलानी यहां सैर के लिए आए. वर्ष 2021 में यहां 56.37 लाख सैलानी आए, इनमें से 56.32 देशी और पांच हजार विदेशी सैलानी आए. वर्ष 2022 में हिमाचल आने वाले सैलानियों की संख्या फिर बढ़ी और ये डेढ़ करोड़ से अधिक हो गई.

शिमला में ट्रैफिक जाम के दौरान रेंगती गाड़ियां
शिमला में ट्रैफिक जाम के दौरान रेंगती गाड़ियां

30 साल में 30 गुना गाड़ियां- हिमाचल में 250 किलोमीटर से कम रेल लाइनें हैं. इनमें सबसे बड़ी रेल लाइन जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेल लाइन है. इसकी लंबाई 113 किमी है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में परिवहन का सारा भार सडक़ों को ही उठाना पड़ता है. हिमाचल में 90 के दशक में सडक़ों पर वाहनों की संख्या बढऩे लगी थी. उस समय यानी 1990-91 में राज्य में कुल 67 हजार 103 वाहन ही रजिस्टर्ड थे. इस तरह तीन दशक में ही संख्या बढक़र 21.51 लाख हो गई. जो बताता है कि पिछले कुछ साल में हिमाचल में वाहन खरीदने वालों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसकी बदौलत पिछले 30 साल में 30 गुना गाड़ियां सड़कों पर हैं.

किस जिले में कितनी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं
किस जिले में कितनी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं

कांगड़ा में सबसे अधिक, लाहौल में सबसे कम वाहन- आबादी के लिहाज से कांगड़ा जिला सबसे बड़ा है, लिहाजा यहां वाहनों की संख्या भी अधिक है. कांगड़ा जिला में 31 दिसंबर 2022 तक रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 5,30,854 थी. दूसरे नंबर पर रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या के हिसाब से सोलन जिला का स्थान है. जिला सोलन में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 2,91,557 थी. इसी प्रकार बिलासपुर में यह संख्या 1,06,501, चंबा में 79578, हमीरपुर में 1,47,659, किन्नौर में 16844, कुल्लू में ये संख्या 1,08,579, मंडी में वाहनों की संख्या 2,44,661, शिमला में 2,20,419, सिरमौर में 1,35,731, ऊना में 2,18989 व लाहौल स्पीति में ये आंकड़ा सबसे कम 8066 था.

हिमाचल में टूरिस्ट सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या आम है
हिमाचल में टूरिस्ट सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या आम है

हिमाचल के डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कुल 21 लाख 51 हजार वाहन रजिस्टर्ड हैं. इसमें परिवहन के क्षेत्र में 3 लाख से अधिक और गैर परिवहन के क्षेत्र में 18 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं. हिमाचल में राज्य सरकार ने अब तक 15 लाख 12 हजार लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए हैं. परिवहन मंत्री के अनुसार राज्य सरकार वाहनों के बढ़ते बोझ से पैदा हो रही परेशानियों को दूर करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य में खासकर पर्यटन स्थलों में अधिक से अधिक पार्किंग सुविधा का निर्माण करना सरकार की प्राथमिकता है.

ये भी पढ़ें: पर्यटन सीजन में मनाली में नहीं होगा ट्रैफिक जाम, पर्यटन और वन विभाग मिलकर करने जा रहे ये काम

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ये भी पढ़ें: मनाली में ट्रैफिक जाम की वायरल तस्वीर पुरानी है, जानिये इस फोटो का सच

हिमाचल की सड़कों पर जाम हुआ आम

शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की सडक़ें गाडिय़ों के बोझ तले दब रही हैं. सत्तर लाख की आबादी वाले प्रदेश में अब रजिस्टर्ड गाडियों की संख्या 20 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी हैं. राज्य की सडक़ों की लंबाई 40 हजार किलोमीटर के करीब है. इन सडक़ों पर अब राज्य में ही रजिस्टर्ड 21.51 लाख गाडिय़ां दौड़ रही हैं. पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां सडक़ें इतनी चौड़ी नहीं हैं, लिहाजा ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है.

टूरिस्ट सीजन में गाड़ियों का रेला- हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है. यहां रोजाना देश के कोने-कोने से और विदेश से भी सैलानी आते हैं. पर्यटक वाहनों की संख्या अतिरिक्त रूप से जुड़ती है. भारी ट्रैफिक जाम को देखते हुए शिमला पुलिस ने राजधानी में एक महीने में प्रवेश करने वाली और बाहर जाने वाली गाडियों का आंकड़ा दर्ज किया तो हैरान करने वाले तथ्य सामने आए. अकेले अप्रैल महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने और यहां से जाने वाले वाहनों की संख्या 9.92 लाख दर्ज की गई. औसत निकालें तो एक दिन में 33,066 गाडिय़ों ने आवागमन किया. गौर करने वाली बात है कि शिमला की आबादी दो लाख के करीब है. चूंकि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और यहां रेल यातायात की सुविधा न के बराबर है, लिहाजा परिवहन का सबसे बड़ा साधन सडक़ों पर चलने वाले वाहन ही हैं.

हिमाचल की सड़कों पर बढ़ रहा है गाड़ियों का बोझ
हिमाचल की सड़कों पर बढ़ रहा है गाड़ियों का बोझ

वाहनों का बोझ और समस्याएं- हिमाचल प्रदेश में शिमला, कुल्लू-मनाली, डलहौजी, खजियार, चंबा, मंडी, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, धर्मशाला आदि विख्यात पर्यटन स्थल हैं. इसके अलावा हिमाचल में कई शक्तिपीठ हैं. यहां धार्मिक उत्सवों के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस प्रकार हिमाचल में हर दिन साठ हजार से अधिक वाहन प्रवेश करते हैं. अकेले शिमला में समर टूरिस्ट सीजन में 22 से 28 हजार वाहन शिमला में प्रवेश करते हैं. इस तरह हिमाचल में बढ़ते वाहनों के बोझ से कई तरह की समस्याएं आती हैं. ट्रैफिक जाम उनमें प्रमुख है, लेकिन दुखद तथ्य ये है कि वाहन दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. हिमाचल में हर साल वाहन दुर्घटनाओं में 1200 से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं और हजारों लोग घायल होते हैं.

मनाली में टूरिस्ट सीजन  में ट्रैफिक जाम की ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी
मनाली में टूरिस्ट सीजन में ट्रैफिक जाम की ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी

टूरिस्ट सीजन में मनाली से लेकर शिमला तक ट्रैफिक जाम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती है. कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगता है जो ट्रैफिक पुलिस से लेकर स्थानीय लोगों और यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए भी सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होता है. पर्यटन सीजन में चंद किलोमीटर की दूरी घंटों ले लेती है और गाड़ियां सड़क पर मानो रेंग रही हों. लगातार बढ़ती पर्यटकों की भीड़ के साथ-साथ हिमाचल में वाहनों की बढ़ती संख्या भी इसकी वजह है. आर्थिक सर्वे 2022-23 और परिवहन विभाग के आंकड़े यही इशारा करते हैं.

हिमाचल में 6 साल में कितने वाहन हुए रजिस्टर्ड
हिमाचल में 6 साल में कितने वाहन हुए रजिस्टर्ड

6 साल में बढ़े आठ लाख वाहन- परिवहन विभाग के सालाना आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हिमाचल प्रदेश में छह साल की अवधि में ही आठ लाख से अधिक वाहन बढ़ गए. हिमाचल में वर्ष 2017 में कुल रजिस्टर्ड वाहन 13.56 लाख थे. अब यानी वर्ष 2022 दिसंबर तक ये संख्या बढक़र 21.51 लाख हो गई है. वर्ष 2018 में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 14.95 लाख थी. वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 16.35 लाख वाहनों तक पहुंच गया. फिर वर्ष 2020 में 17.60 लाख वाहन रजिस्टर्ड थे. वर्ष 2021 में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 18.74 लाख हो गई.

हिमाचल में हर साल पहुंचते हैं औसतन एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक
हिमाचल में हर साल पहुंचते हैं औसतन एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक

साल दर साल सैलानियों की आमद- वर्ष 2016 में हिमाचल में देश और विदेश से 1.79 करोड़ सैलानी आए। 2017 में 1 करोड़ 96 लाख 9 हजार सैलानी, वर्ष 2018 में 1 करोड़ 64 लाख 50 हजार, 2019 में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार सैलानी आए. चूंकि मार्च 2020 में कोरोना के कारण लॉक डाउन लगता रहा लिहाजा दिसंबर 2020 तक हिमाचल में कुल 32 लाख 13 हजार सैलानी यहां सैर के लिए आए. वर्ष 2021 में यहां 56.37 लाख सैलानी आए, इनमें से 56.32 देशी और पांच हजार विदेशी सैलानी आए. वर्ष 2022 में हिमाचल आने वाले सैलानियों की संख्या फिर बढ़ी और ये डेढ़ करोड़ से अधिक हो गई.

शिमला में ट्रैफिक जाम के दौरान रेंगती गाड़ियां
शिमला में ट्रैफिक जाम के दौरान रेंगती गाड़ियां

30 साल में 30 गुना गाड़ियां- हिमाचल में 250 किलोमीटर से कम रेल लाइनें हैं. इनमें सबसे बड़ी रेल लाइन जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेल लाइन है. इसकी लंबाई 113 किमी है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में परिवहन का सारा भार सडक़ों को ही उठाना पड़ता है. हिमाचल में 90 के दशक में सडक़ों पर वाहनों की संख्या बढऩे लगी थी. उस समय यानी 1990-91 में राज्य में कुल 67 हजार 103 वाहन ही रजिस्टर्ड थे. इस तरह तीन दशक में ही संख्या बढक़र 21.51 लाख हो गई. जो बताता है कि पिछले कुछ साल में हिमाचल में वाहन खरीदने वालों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसकी बदौलत पिछले 30 साल में 30 गुना गाड़ियां सड़कों पर हैं.

किस जिले में कितनी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं
किस जिले में कितनी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं

कांगड़ा में सबसे अधिक, लाहौल में सबसे कम वाहन- आबादी के लिहाज से कांगड़ा जिला सबसे बड़ा है, लिहाजा यहां वाहनों की संख्या भी अधिक है. कांगड़ा जिला में 31 दिसंबर 2022 तक रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 5,30,854 थी. दूसरे नंबर पर रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या के हिसाब से सोलन जिला का स्थान है. जिला सोलन में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 2,91,557 थी. इसी प्रकार बिलासपुर में यह संख्या 1,06,501, चंबा में 79578, हमीरपुर में 1,47,659, किन्नौर में 16844, कुल्लू में ये संख्या 1,08,579, मंडी में वाहनों की संख्या 2,44,661, शिमला में 2,20,419, सिरमौर में 1,35,731, ऊना में 2,18989 व लाहौल स्पीति में ये आंकड़ा सबसे कम 8066 था.

हिमाचल में टूरिस्ट सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या आम है
हिमाचल में टूरिस्ट सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या आम है

हिमाचल के डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कुल 21 लाख 51 हजार वाहन रजिस्टर्ड हैं. इसमें परिवहन के क्षेत्र में 3 लाख से अधिक और गैर परिवहन के क्षेत्र में 18 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं. हिमाचल में राज्य सरकार ने अब तक 15 लाख 12 हजार लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए हैं. परिवहन मंत्री के अनुसार राज्य सरकार वाहनों के बढ़ते बोझ से पैदा हो रही परेशानियों को दूर करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य में खासकर पर्यटन स्थलों में अधिक से अधिक पार्किंग सुविधा का निर्माण करना सरकार की प्राथमिकता है.

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Last Updated : Jun 1, 2023, 4:47 PM IST
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