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स्कूलों के 4546 कमरों की मरम्मत के लिए कुल ढाई करोड़ का बजट, नाराज हाईकोर्ट ने तलब किए वित्त व शिक्षा सचिव

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 8:07 PM IST

Himachal High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों के 4546 कमरों की मरम्मत के लिए कुल ढाई करोड़ का बजट का प्रावधान किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. मामले में अदालत ने वित्त और शिक्षा विभाग के सचिवों को निजी तौर पर अदालत में तलब किया है. पढ़िए पूरी खबर

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के कुल 4546 कमरों की मरम्मत के लिए मात्र ढाई करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि स्कूलों के 1512 कमरों में लार्ज स्केल पर मरम्मत की जरूरत है और 3034 कमरों में छोटी-मोटी मरम्मत होनी है. इसके लिए ढाई करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है. ये तथ्य सामने आने पर हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और वित्त व शिक्षा विभाग के सचिवों को निजी तौर पर अदालत में तलब किया है. दोनों अफसरों के निजी तौर पर अदालत में उपस्थित रहने के आदेश जारी किए गए हैं.

मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने सरकार की तरफ से राज्य के स्कूलों के रखरखाव के लिए मामूली बजट रखने को गंभीरता से लिया है. खंडपीठ ने दोनों विभागों के सचिवों से इस वित्त वर्ष में स्कूलों में कमरों की मरम्मत कार्य के लिए मात्र ढाई करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करने पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.

अदालत ने पूछा है कि उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से दायर रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों के 1512 कमरों की बड़ी और 3034 कमरों की छोटी मोटी मरम्मत की जानी है तो, इसके लिए मात्र ढाई करोड़ का बजट क्यों रखा गया है? खंडपीठ ने आदेश जारी किए हैं कि दोनों विभागों के सचिव 22 नवंबर को अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष उपस्थिति दर्ज करवाएं.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में विभिन्न सुविधाओं का ब्यौरा मांगा था. अदालत ने पूछा था कि प्रदेश में कितने प्राथमिक और मिडिल स्कूल हैं? क्या उन्हें किसी प्रकार की छोटी बड़ी मरम्मत की आवश्यकता है? क्या ऐसे स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं? क्या ऐसे स्कूलों में शौचालय हैं और क्या ये स्कूल को-एजुकेशन वाले होने के कारण लड़को व लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं? स्कूलों के रखरखाव के लिए वार्षिक बजट क्या है? क्या सरकार के पास छात्रों के अनुपात और उपलब्ध कक्षाओं की संख्या के आधार पर अतिरिक्त कमरों के निर्माण की योजना है?

सरकार ने पिछले पांच वर्ष की अवधि के दौरान कितने नए स्कूल भवनों का निर्माण किया है? क्या भारत सरकार की स्वच्छ विद्यालय योजना के नाम से चल रही योजना राज्य में सभी सरकारी स्कूलों के लिए लागू की गई है और यदि हां, तो कितने स्थानों पर? स्कूलों की इमारतों की सुचारू रूप से मरम्मत व स्कूलों के उचित रख रखाव के आग्रह को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने ये सभी सवाल पूछे हैं. मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.

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