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हेरिटेज बिल्डिंग में हाई एंड कैफे मामले में हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित, एमसी शिमला पर गंभीर आरोप

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 6:52 AM IST

Himachal High Court News
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Himachal High Court News: शिमला की हेरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग को हाई एंड कैफे मामले में हिमाचल हाई कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है. नगर निगम शिमला पर हेरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग को हाई-एंड कैफे में बदलने का आरोप लगा है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला की हेरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग को हाई एंड कैफे में परिवर्तित कर व्यवसायीकरण करने से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने दो दिन चली सुनवाई के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

हिमाचल हाई कोर्ट ने अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर द्वारा दायर जनहित याचिका की पर सुनवाई की. याचिका में आरोप लगाया गया था कि नगर निगम शिमला ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958, टीसीपी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इस विरासत संपत्ति को हाई-एंड कैफे में बदलने की अनुमति दी है. नगर निगम शिमला पर आरोप है कि हाई-एंड रेस्तरां चलाने के लिए साल 2020 में हेरिटेज टाउन हॉल के ग्राउंड फ्लोर को लीज पर देने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की थी. जब नगर निगम शिमला को वाजिब बोलीदाता नहीं मिल पाए तो एमसी शिमला ने निविदा नोटिस जारी करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (एचपीआईडीबी) को सौंपने का फैसला किया. जिसके बाद 26 फरवरी, 2022 को एचपीआईडीबी ने एक निविदा नोटिस जारी किया था.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि हेरिटेज बिल्डिंग में हाई एंड कैफे बना कर निजी संचालक हेरिटेज बिल्डिंग मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है. याचिकाकर्ता ने हिमाचल हाई कोर्ट से सरकार को विरासत भवन को कानून के अनुसार उसके मूल स्वरूप और आकार में बहाल करने और सबसे उपयुक्त तरीके से इसका उपयोग करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. प्रार्थी ने कोर्ट से दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्यवाही शुरू करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह भी किया है. जो अनधिकृत आंतरिक निर्माण और संशोधन की निगरानी और सत्यापन करने में फेल रहे, जिससे विरासत भवन की प्रकृति बदल गई.

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