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निवेशकों को एक जगह पर मिले सभी मंजूरियां, इसके लिए इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो बनाएगी सरकार

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Published : Jan 25, 2023, 12:57 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 1:11 PM IST

Himachal govt making changes in Industrial Policy in HP.
हिमाचल सरकार औद्योगिक नीति में बदलाव कर रही है.

हिमाचल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश की सुखविंदर सरकार ओपन पॉलिसी लाने वाली है. इसके लिए पहले सरकार प्रोजेक्ट्स की पहचान करेगी और इनके निर्माण के लिए जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी करेगी. पढ़ें पूरी खबर...(Himachal govt making changes in Industrial Policy)

हिमाचल सरकार औद्योगिक नीति में बदलाव कर रही है.

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार औद्योगिक निवेश के लिए बड़े कदम उठाने जा रही है. हिमाचल में निवेशकों को विभिन्न तरह की एनओसी उद्योग स्थापित करने के लिए नहीं लेनी पड़ेगी. यह काम इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो करेगा, जिसका गठन सरकार करने जा रही है. यही नहीं सरकार उद्योगों के लिए लैंड टेनेंसी एक्ट की धारा 118 की मंजूरी की प्रक्रिया भी सरल बनाएगी ताकि अधिक से अधिक उद्योग हिमाचल में स्थापित हो सके.

हिमाचल में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के किए सुखविंदर सरकार ने औद्योगिक निवेश की प्रक्रिय को सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीएम का पद संभालते ही यह ऐलान कर दिया था कि हिमाचल में अब निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार बड़े फैसले लेगी. जिससे कि हिमाचल में उद्योगों का निवेश हो और इससे रोजगार भी हिमाचल में बढ़ेगा.

हिमाचल में इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो होगा स्थापित- हिमाचल में सरकार इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो स्थापित करेगी. सरकार इसका प्रारूप तैयार कर रही है, जिसको कानूनी दर्जा दिया जाएगा. इसका काम निवेश की सभी तरह की मंजूरियां देना होगा. किसी भी उद्योग को स्थापित करने के लिए विभिन्न विभागों से एओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने सहित अन्य मंजूरियां यही ब्यूरो देगा. अभी तक विभिन्न विभागों से निवेशकों को एनओसी लेनी पड़ रही है. उद्योगपतियों को इन विभागों के चक्कर काटने से अब राहत मिलने वाली है.

धारा 118 की प्रक्रिया उद्योगों के लिए होगी सरल- हिमाचल में लैंड टेनेंसी एक्ट की धारा-118 लागू की गई है. इसके तहत गैर कृषक हिमाचल में किसानों से भूमि नहीं खरीद सकते. इसका मकसद हिमाचल में किसानों के हित्तों को बचाना रहा है, लेकिन उद्योगों के लिए इस धारा में छूट जाती रही है. इसके लिए अभी तक राजस्व विभाग से होकर संबंधित मंत्री और फिर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव जाता है और फिर इस पर मुहर लगती है.

यह एक जटिल प्रक्रिया है और उद्योगपति इसके लिए लगातार दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं. लेकिन अब धारा 118 को लेने की प्रक्रिया को सरकार सरल बना रही है. इसके तहत धारा 118 के केस को भी इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो ही डील करेगा और इसके बाद सीधी फाइल सीएम के पास जाएगी. यही नहीं इसकी मंजूरी देने के लिए भी वक्त तय किया जाएगा.

सिंगल विंडो सिस्टम से भी उद्यमियों को नहीं मिली राहत- हिमाचल में उद्योगों को निवेश की मंजूरी देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री उपाध्यक्ष होते हैं. इसके सदस्यों में मुख्य सचिव सहित विभिन्न विभागों के सचिव और निदेशक होते हैं. निदेशक उद्योग इसके सदस्य सचिव होते हैं. लेकिन यह कहने मात्र के लिए सिंगल विंडो है.

हकीकत यह है कि इसमें कई साल निवेशकों को मजूरी देने के लिए लग रहे हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है. इसके तहत सिंगल विंडो से निवेशकों के प्रस्ताव की फाइल आने के बाद इसे संबंधित विभाग के नोडल अधिकारियों के पास भेजा जाता है, जिनमें बिजली बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईपीएच, वन विभाग, आबकारी एवं कराधान, श्रम एवं रोजगार व अन्य कुछ विभाग शामिल हैं. इन विभागों के पास फाइलें फंसी रहती है.

इनको अप्रूवल मिलने में ही कई साल लग रहे हैं. इसके बाद सिंगल विंडो और फिर सब कमेटी और फिर इसको मंजूरी दी जाती है. यह लंबी और थकाऊ प्रक्रिया है. ऐसे में कई निवेशक खरीदी गई जमीन को भी वापस करने को मजबूर हो रहे हैं. मगर अब इसको सुखविंदर सिंह सरकार खत्म कर रही है.

निर्धारित समय में निवेशकों को मिलेगी मंजूरी- सरकार जो नई नीति तैयार कर रही है, उसमें निवेशकों को एक तय समय में सभी मंजूरियां मिलेंगी. उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि खरीद की मंजूरी निर्धारित समय में निवेशकों को मिलेंगी. यही नहीं एनओसी लेने के लिए विभिन्न विभागों के चक्कर काटने की बजाए एक ही जगह पर यह सब कार्य होगा.

निवेशकों को निवेश के लिए औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने जमीन और निवेश के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजना होगा. इसके बाद इनको सरकार से मंजूरी मिलेगी. यानी कि निवेशकों को किसी भी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उद्योग, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, आयुर्वेद, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आईटीईएस, ऊर्जा और स्वास्थ्य एवं शिक्षण संस्थानों इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए यह वन स्टॉप सॉल्यूशन सुविधा सरकार उपलब्ध करा रही है.

हिमाचल में 33 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां- पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हिमाचल में औद्योगिक विकास मैदानी राज्यों की अपेक्षा कम हुआ है. इसकी कई वजह है. हिमाचल में मौजूदा समय में करीब 33094 औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 31,217 सूक्ष्म, 1637 लघु और 240 मध्यम इकाइयां हैं. इसके अलावा 48 बड़ी इकाइयां भी हिमाचल में हैं. हिमाचल में बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ है.

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र को एशिया का ‘फार्मा हब’ व हिमाचल का ‘मैनचेस्टर’ भी कहा जाता है. हिमाचल का 60 प्रतिशत से भी अधिक का निर्यात इस क्षेत्र से होता है. वस्त्र उद्योग, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि इसमें प्रमुख हैं. इसके अलावा सिरमौर जिले में पांवटा साहिब, काला अंब और ऊना जिले के मैहतपुर, टाहलीवाल, गगरेट, अंब, पंडोगा भी हैं. बाकी क्षेत्रों में नाम मात्र के उद्योग हैं.

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में केवल 13000 करोड़ निवेश धरातल पर उतरा- पूर्व जयराम सरकार ने हिमाचल में निवेश को आकर्षित करने के लिए बड़े स्तर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट करवाई. इसका बड़े जोर शोर से प्रचार किया गया, लेकिन पूर्व सरकार को इसमें भी कोई ज्यादा सफलता नहीं मिली क्योंकि निवेश के लिए मंजूरी प्रक्रिया बेहद जटिल है. पूर्व जयराम सरकार ने इन्वेस्टर्स मीट के तहत करीब 1.25 लाख करोड़ का निवेश हिमाचल में आने की बात कही थी. लेकिन इतनी बड़े इन्वेस्टर मीट के बाद भी मात्र 13000 करोड़ के निवेश ही धरातल पर उतर पाए हैं.

पूर्व सरकार के समय से 1000 करोड़ के निवेश फाइलों में फंसे- हिमाचल में औद्योगिक निवेश की प्रक्रिया कितनी जटिल हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व सरकार के समय में आए 1000 करोड़ रुपए निवेश अभी फाइलों में ही अटका है. बताया जा रहा है कि इसके लिए धारा 118 की मंजूरी के साथ-अन्य मंजूरी भी दी जानी है. इसकी फाइलें पिछली सरकार के समय से कई विभागों के चक्कर काट रही हैं. लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई है.

निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाएगी सरकार- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि सरकार निवेश के लिए ओपन पॉलिसी ला रही है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि हिमाचल में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ब्यूरो स्थापित करेगी. यह अथॉरिटी निवेशकों को सभी तरह की मंजूरियां प्रदान करेगी. एनओसी के लिए भी निवेशकों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. इसी तरह उद्योगों के लिए भूमि उपलब्ध करवाने को लेकर धारा-118 की मंजूरी की प्रक्रिया को भी सरल करवाएगी. उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की मंजूरियों को निर्धारित समय में मंजूरी मिले, सरकार यह सुनिश्चित करेगी.

क्या कहते हैं सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर- शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीपीएस यानी मुख्य संसदीय सचिव ऊर्जा, पर्यटन, वन एवं परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार हिमाचल में ऊर्जा की संभावनाओं का पूरा दोहन करेगी. इसके लिए ओपन पॉलिसी सरकार लाएगी ताकि निवेशकों को निवेश करने में आसानी हो. उन्होंने कहा कि हिमाचल ने 2006 में अपनी ऊर्जा पॉलिसी बनाई थी, लेकिन इसको पूरी तरह से लागू नहीं किया गया. नतीजा यह रहा कि ऊर्जा की पूरी संभावनाओं का पूरा नहीं किया गया. सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों को एनओसी सहित अन्य जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके देगी. उद्यमियों को सिर्फ निवेश करना होगा.

सभी तरह की क्लीयरेंस के बाद आवंटित होंगी परियोजनाएं- सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार पहले सभी तरह की क्लीयरेंस और औपचारिकताएं पूरी करेगी, उसके बाद निवेशकों को बुलाया जाएगा. इसके बाद ही प्रोजेक्ट आवंटित होंगे. सुंदर ठाकुर ने कहा कि पिछले पांच साल ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने कोई भी नहीं आया. ऐसे में अब इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए जल्द ओपन पॉलिसी लेकर आएंगे.

प्राकृतिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार- सुंदर ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं और सरकार प्राकृतिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देगी. इसके अलावा धार्मिक और वीकएंड टूरिज्म के लिए योजना तैयार होगी.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए हर जिला मुख्यालय पर हेलीपोर्ट बनाने की योजना है. कुछ स्थानों पर जमीन चिन्हित की गई है. इसी तरह रोपवे के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्वतमाला योजना में अब तक बिजली महादेव रोपवे पर ही काम चल रहा है.

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Last Updated :Jan 25, 2023, 1:11 PM IST
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