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केंद्र सरकार अपने डिजास्टर नॉर्म्स के तहत ही कम से कम 2 हजार करोड़ तो हिमाचल को दे: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 28, 2023, 10:26 PM IST

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से 2 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार कम से कम अपने नॉर्म्स के मुताबिक ही हिमाचल को पैसा दे, वो हिमाचल का हक बनता है. पढ़ें पूरी खबर... (Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu)

Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के बाद शिमला लौट आए हैं. मुख्यमंत्री ने केंद्र के सामने हिमाचल के हकों का मसला उठाया है. शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा किकेंद्र सरकार से आपदा के लिए विशेष पैकेज की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि अगर विशेष पैकेज नहीं देना तो केंद्र सरकार कम से कम अपने नॉर्म्स के मुताबिक ही हिमाचल को पैसा दे, वो हिमाचल का हक बनता है. प्रदेश में करीब 12,000 करोड़ का नुकसान आंका गया है और अगर केंद्र सरकार अपने नॉर्म्स के मुताबिक ही पैसा दे तो कम से से कम हिमाचल 1500-2000 करोड़ बनता है. यह हिमाचल का हक है जो हिमाचल को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अबकी बार तीसरी बार हिमाचल केंद्रीय टीम आ गई है तो अब तो केंद्र सरकार को आपदा राहत राशि जारी कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संसाधनों पर हिमाचल के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक विशेष पैकेज लाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार विभिन्न कटौती पर विचार कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट वापस देने की मांग की भी पंजाब सरकार से की गई है और केंद्र सरकार से भी इसमें सहयोग मांगा गया है. शानन प्रोजेक्ट की लीज मार्च 2024 में खत्म हो रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान से बात की है. उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्र सरकार को फैसला करना है. इसके अलावा बीबीएमबी प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश का एक परमानेंट मेंबर नियुक्त करने का भी आग्रह किया गया है. बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा का परमानेंट मेंबर है. हिमाचल प्रदेश भी परमानेंट मेंबर की नियुक्ति की मांग कर रहा है.

जम्मू-लद्दाख से उठाया सीमा विवाद का मसला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बैठक में जम्मू कश्मीर और लेह के लेफ्टिनेंट गवर्नर से भी बात की है. लेफ्टिनेंट गवर्नर से सीमा में अतिक्रमण का मसला उठाया गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की सीमा से कुछ लोग चंबा के चुराह में आकर कब्जा करने की कोशिश करते हैं. इसी तरह लेह की ओर से भी लाहौल स्पीति के सरचू पास के पास अतिक्रमण किया जाता रहा है. ऐसे में यहां मैपिंग होना जरूरी है, ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों ने इस संदर्भ में अपने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा पूर्व सरकार के दौरान हुई इनवस्टरमीट में समझौते में लूहरी और सुन्नी प्रोजेक्ट को एसजेवीएनएल को सौंप दिया गया. इनमें 12 फीसदी रायल्टी का प्रावधान नहीं किया गया. जबकि अन्य प्रोजेक्टों में इस तरह की रायल्टी मिल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह हर प्रोजेक्ट में हिमाचल को 12 फीसदी रॉयल्टी मिल रही है, इस प्रोजेक्ट में भी यह रॉयल्टी मिलनी चाहिए. इसके अलावा 40 साल बाद यह प्रोजेक्ट वापस हिमाचल को मिले ताकि आने वाले पीढ़ी के लिए इसे इस्तेमाल में लाया जा सके.

मुख्यमंत्री ने डॉ. एमएस. स्वामीनाथन के निधन पर शोक व्यक्त किया: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विख्यात कृषि विज्ञानी एवं भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उनका 98 वर्ष की आयु में आज वीरवार को चेन्नई स्थित आवास में निधन हो गया.अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हरित क्रांति के प्रणेता रहे डॉ. स्वामीनाथन का कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान अविस्मरणीय है. देश के सर्वांगीण विकास के लिए भी वह अपना सतत् योगदान प्रदान करते रहे. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.

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