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कार पर झंडी की चिंता में माननीय, विंटर सेशन में उठा मामला तो सीएम सुक्खू बोले-कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद होगा फैसला

Himachal Assembly Winter Session 2023: हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों ने सदन में माननीयों को बिना झंडी वाली गाड़ी पर सवाल उठाए. भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि विधायकों की गाड़ियों में फ्लैग होना चाहिए. जिस पर कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपना समर्थन दिया.

Himachal Assembly Winter Session 2023
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 24, 2023, 6:51 AM IST

Updated : Dec 24, 2023, 7:11 AM IST

शिमला: माननीय हैं तो वाहन में झंडी लगी होनी चाहिए, ताकि दूर से पता चले कि वीवीआईपी हैं. जब मुख्य सचिव, डीसी आदि की कार में फ्लैग लग सकता है तो माननीयों की गाड़ी बिना झंडी या फ्लैग के क्यों हो? पिछली बार भी सेशन के दौरान ये मामला उठा था और इस बार भी पहली बार विधायक बने त्रिलोक जम्वाल ने हिमाचल विधानसभा विंटर सेशन के दौरान ये मामला उठाया. जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद इस पर फैसला होगा.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कानूनी प्रावधानों का अध्ययन जरूरी है और जल्दबाजी सही नहीं है. पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत मामला उठाते हुए त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पिछले बजट सत्र में भी ये चर्चा हुई थी. तब भवानी सिंह पठानिया व सुरेश कुमार के चालान का जिक्र हुआ था. जम्वाल ने कहा कि तब एक कमेटी बनी थी और स्पीकर की अध्यक्षता में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद विधानसभा सचिवालय से एक पत्र 6 अप्रैल को जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग को गया था. उस पत्र का मजमून यही था कि विधायकों के वाहन की पहचान अलग से होनी चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की अवमानना का सामना न करना पड़े.

हिमाचल विधानसभा सचिवालय के पत्र में जिक्र किया गया था कि विधायकों के वाहन में एक डिस्टिंक्टिव फ्लैग लगाने की व्यवस्था हो. जम्वाल ने कहा कि एक्ट में संशोधन के बाद विधानसभा सचिवालय से जीएडी को पत्र गया था, लेकिन इस मामले की अंतिम परिणति क्या हुई, ये जानना जरूरी है. एक एसएचओ विधायक की गाड़ी रोककर पूछता है कि कागजात कहां है? त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पुलिस वाला ये भी पूछता है कि आप विधायक हो भी या नहीं? भाजपा विधायक के प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने भी किया.

कैबिनेट मंत्री ने किया समर्थन: इसके अलावा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. जगत नेगी ने कहा कि यदि विधायकों को डिस्टिंक्टिव फ्लैग नहीं दिए जाते तो अन्य अफसर आदि जो फ्लैग लगाते हैं, उनके भी उतरने चाहिए. भाजपा विधायक विनोद कुमार ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. विनोद कुमार का कहना था कि प्रोटोकॉल के तहत ये स्पष्ट है कि विधायक का दर्जा मुख्य सचिव से ऊपर है. अब मुख्य सचिव से लेकर डीसी, एसपी व जिला परिषद चेयरमैन की गाड़ी में फ्लैग लग सकता है तो विधायक के वाहन में क्यों नहीं या तो विधायक की गाड़ी में फ्लैग लगे या फिर बाकी अन्य की गाड़ियों से फ्लैग हटाए जाएं.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना था कि यह मामला लंबे अरसे से लटका हुआ है. उन्होंने भाजपा पर तंज भी कसा और कहा कि जब भाजपा सत्ता में होती है तो उसे विधायकों के सम्मान की बात याद नहीं आती और विपक्ष में आते ही यह मामला उठाती है. अलबत्ता उन्होंने इस तंज से इतर विधायकों को ये सुविधा देने की वकालत की. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस बारे में बस सरकार से ऑथराइजेशन आना बाकी है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार के समय भी इस मामले में अड़चनें आई थीं. उन्होंने कहा कि इस मामले में विस्तार से विचार करके विधानसभा अध्यक्ष व सभी माननीयों को अवगत करवाया जाएगा.

ये भी पढें: हिमाचल में सीएम व मंत्रियों की कोठियों पर खर्च हुए 4.30 करोड़ रुपए, कुल 9 कोठियों की हुई मरम्मत

शिमला: माननीय हैं तो वाहन में झंडी लगी होनी चाहिए, ताकि दूर से पता चले कि वीवीआईपी हैं. जब मुख्य सचिव, डीसी आदि की कार में फ्लैग लग सकता है तो माननीयों की गाड़ी बिना झंडी या फ्लैग के क्यों हो? पिछली बार भी सेशन के दौरान ये मामला उठा था और इस बार भी पहली बार विधायक बने त्रिलोक जम्वाल ने हिमाचल विधानसभा विंटर सेशन के दौरान ये मामला उठाया. जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद इस पर फैसला होगा.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कानूनी प्रावधानों का अध्ययन जरूरी है और जल्दबाजी सही नहीं है. पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत मामला उठाते हुए त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पिछले बजट सत्र में भी ये चर्चा हुई थी. तब भवानी सिंह पठानिया व सुरेश कुमार के चालान का जिक्र हुआ था. जम्वाल ने कहा कि तब एक कमेटी बनी थी और स्पीकर की अध्यक्षता में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद विधानसभा सचिवालय से एक पत्र 6 अप्रैल को जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग को गया था. उस पत्र का मजमून यही था कि विधायकों के वाहन की पहचान अलग से होनी चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की अवमानना का सामना न करना पड़े.

हिमाचल विधानसभा सचिवालय के पत्र में जिक्र किया गया था कि विधायकों के वाहन में एक डिस्टिंक्टिव फ्लैग लगाने की व्यवस्था हो. जम्वाल ने कहा कि एक्ट में संशोधन के बाद विधानसभा सचिवालय से जीएडी को पत्र गया था, लेकिन इस मामले की अंतिम परिणति क्या हुई, ये जानना जरूरी है. एक एसएचओ विधायक की गाड़ी रोककर पूछता है कि कागजात कहां है? त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पुलिस वाला ये भी पूछता है कि आप विधायक हो भी या नहीं? भाजपा विधायक के प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने भी किया.

कैबिनेट मंत्री ने किया समर्थन: इसके अलावा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. जगत नेगी ने कहा कि यदि विधायकों को डिस्टिंक्टिव फ्लैग नहीं दिए जाते तो अन्य अफसर आदि जो फ्लैग लगाते हैं, उनके भी उतरने चाहिए. भाजपा विधायक विनोद कुमार ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. विनोद कुमार का कहना था कि प्रोटोकॉल के तहत ये स्पष्ट है कि विधायक का दर्जा मुख्य सचिव से ऊपर है. अब मुख्य सचिव से लेकर डीसी, एसपी व जिला परिषद चेयरमैन की गाड़ी में फ्लैग लग सकता है तो विधायक के वाहन में क्यों नहीं या तो विधायक की गाड़ी में फ्लैग लगे या फिर बाकी अन्य की गाड़ियों से फ्लैग हटाए जाएं.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना था कि यह मामला लंबे अरसे से लटका हुआ है. उन्होंने भाजपा पर तंज भी कसा और कहा कि जब भाजपा सत्ता में होती है तो उसे विधायकों के सम्मान की बात याद नहीं आती और विपक्ष में आते ही यह मामला उठाती है. अलबत्ता उन्होंने इस तंज से इतर विधायकों को ये सुविधा देने की वकालत की. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस बारे में बस सरकार से ऑथराइजेशन आना बाकी है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार के समय भी इस मामले में अड़चनें आई थीं. उन्होंने कहा कि इस मामले में विस्तार से विचार करके विधानसभा अध्यक्ष व सभी माननीयों को अवगत करवाया जाएगा.

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Last Updated : Dec 24, 2023, 7:11 AM IST
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