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अवैध शराब की रोकथाम के लिए अब ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाएगी सरकार 

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Published : Mar 8, 2022, 2:32 PM IST

policy for prevention of illegal liquor in Himachal
अवैध शराब की रोकथाम के लिए सरकार शुरू रही मुहिम.

प्रदेश सरकार ने शराब के अवैध कारोबार पर रोक (Illegal business of liquor in Himachal) लगाने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाने का निर्णय लिया है. इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर ली हैं. सरकार की तरफ से लिखित जवाब में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर दी हैं. और केवल एक कंपनी और इसके पार्टनर द्वारा आवेदन किया गया है.

शिमला: जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत (Poisonous liquor in Himachal) के बाद अब जाकर प्रदेश सरकार की नींद खुली है. प्रदेश सरकार ने शराब के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाने का निर्णय लिया है. इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर ली हैं.

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार से पूछा था कि अवैध शराब के कारोबार पर नियंत्रण लगाने के लिए क्या प्रदेश सरकार ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाएगी. इसपर सरकार की तरफ से लिखित जवाब में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर दी हैं. और केवल एक कंपनी और इसके पार्टनर द्वारा आवेदन किया गया है.

उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी को अपनाकर अवैध शराब पर शिकंजा कसा जा सकेगा. ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी के तहत साइबर पुलिस की सहायता से संदिग्धों के मोबाइल फोन ट्रैकिंग पर लगाए जाते हैं. ताकि शराब के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सके. इस प्रणाली की सहायता से जहरीली शराब बेचने वाले घंघे के किंगपिन तक सरकार आसानी से पहुंच सकेगी. इस प्रणाली से आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में भी सहायता मिलेगी.

दरअसल प्रदेश इन दिनों जहरीली शराब के कारण 7 लोगों की जान जाने और उसके बाद सरकार की नशा माफिया पर सख्ती को लेकर चर्चा में है. जहरीली शराब का सेवन करने से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला में सात लोग काल का ग्रास बने थे. उसके बाद जनता के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अवैध शराब का धंधा करने वालों पर लगातार एक्शन लिया. यही नहीं कैबिनेट बैठक में नशे के खिलाफ नई नीति का भी ऐलान किया गया. हिमाचल में पहली बार नशे के खिलाफ नीति बन रही है.

यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश नशे के कारण सुर्खियों में आया है. पूर्व में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट नशा तस्करों को मृत्यु दंड देने के लिए कानून बनाने की बात कह चुका है. यही नहीं अदालत ने नशे के खिलाफ निरंतर राज्य सरकार को कई सख्त आदेश पारित किए हैं, लेकिन पर्दे के पीछे नशा तस्कर भी रूप बदल-बदल कर सक्रिय रहे. यही कारण है कि लंबे अरसे से अवैध शराब का धंधा चलता रहा और सरकार तब जागी जब 7 लोग असमय जहरीली शराब के कारण काल का शिकार हो गए.

हिमाचल में नशे के बढ़ते जाल को देखते हुए पूर्व में हाईकोर्ट यह टिप्पणी कर चुका है कि देवभूमि को उड़ता पंजाब बनने से रोकने के लिए सरकार को सख्ती करनी होगी. हाईकोर्ट ने भी चिंता जताई थी कि नशा तस्कर अब स्कूलों तक पहुंच गए हैं. यहां समझते हैं कि आखिर हिमाचल में नशे का प्रभाव क्यों इतना बढ़ चुका है और कैसे स्कूली बच्चे तक इसकी चपेट में आए हैं.

छह साल पहले अगस्त महीने की बात है. राज्य में बढ़ती नशाखोरी पर चिंतित हिमाचल हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2016 को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार 90 दिन के भीतर नशा तस्करी करने वालों को मृत्यु दंड का प्रावधान करे. उस समय हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अगुवाई वाली खंडपीठ ने केंद्र सरकार को यदि निर्देश दिए थे. तब केंद्रीय वित्त व राजस्व मंत्रालय के सचिवों को आदेश जारी किए गए थे.

खंडपीठ ने यह भी कहा था कि नशे का कारोबार बड़े अपराधियों के गिरोह कर रहे हैं. हर स्तर पर यह गिरोह सक्रिय हैं. ऐसे अपराधियों के लिए उनके जुर्म के हिसाब से सजा देने के समय आ गया है. यदि ऐसा नहीं किया गया तो भारतीय समाज में अशांति फैलने का खतरा है. यही नहीं तब अदालत ने डीजीपी को कई निर्देश दिए थे. साथ ही हाईकोर्ट ने तब आईजीएमसी अस्पताल के उस सर्वे पर भी चिंता जताई थी जिसके मुताबिक प्रदेश के 40 फीसदी युवा नशे के शिकंजे में फंस गए हैं. बाद में 2018 में पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी नशा तस्करों को फांसी दिए जाने की मांग की थी.

हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब का धंधा किसी से छिप नहीं है. अगर मंडी जिला में जहरीली शराब से मौतों की दुखद घटना पेश न आती तो नशा तस्कर ऐसे ही अवैध धंधे चलाते रहते. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में कहा है कि प्रदेश सरकार तस्करों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेगी जो उदाहरण बने.

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