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नए प्रतिबंधों के बाद हिमाचल में चौपट हुआ पर्यटन कारोबार

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Published : Apr 18, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 11:45 AM IST

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कोरोना संक्रमित से अधिक प्रभावित राज्यों से आने वाले पर्यटकों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लानी होगी. सरकार के इस आदेश के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कारोबार ठप हो गया है. हिमाचल के दो मुख्य पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली में पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है. होटलों में बुकिंग रद्द होने का सिलसिला शुरू हो गया है.

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डिजाइन फोटो.

शिमला: अब लगातार दूसरे साल हिमाचल में ग्रीष्मकालीन पर्यटन पर कोरोना की मार पढ़ना शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए ताजा प्रतिबंधों के बाद हिमाचल में पर्यटन व्यवसाय लगभग ठप हो गया है. प्रदेश सरकार ने हाल ही में कुछ राज्यों से आने वाले पर्यटकों को हिमाचल आते समय कोरोना रिपोर्ट साथ लाने के आदेश जारी किए हैं.

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कोरोना संक्रमित से अधिक प्रभावित राज्यों से आने वाले पर्यटकों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लानी होगी. सरकार के इस आदेश के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कारोबार ठप हो गया है. गौर करने वाली बात यह है कि हिमाचल में लाखों लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी है.

वीडियो रिपोर्ट.

होटलों में बुकिंग रद्द होने का सिलसिला शुरू

हिमाचल के दो मुख्य पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली में पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है. होटलों में बुकिंग रद्द होने का सिलसिला शुरू हो गया है. इन दिनों पर्यटन सीजन के चलते मई और जून के लिए भारी संख्या में बुकिंग शुरू हो जाती है, लेकिन पंजाब, दिल्ली, मुंबई जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से इन प्रदेशों के लोगों ने हिमाचल में बुकिंग रद्द करना शुरू कर दी हैं.

हिमाचल में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने राहत की सांस उस वक्त ली थी जब अटल टनल का दीदार करने भारी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंच रहे थे. इस दौरान दिसंबर महीने में रिकॉर्ड तोड़ 38,060 पर्यटक वाहन कुल्लू मनाली पहुंचे थे. यदि दिसंबर महीने के इस आंकड़े को छोड़ दिया जाए तो साल भर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. फरवरी महीने में मौसम की बेरुखी के चलते भी पर्यटकों को नुकसान उठाना पड़ा.

हमारी बुकिंग रद्द होना शुरू हो गई हैं: महेंद्र सेठ

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि प्रदेश सरकार के आरटी पीसीआर रिपोर्ट आने वाले आदेशों के बाद होटलों में बुकिंग रद्द होना शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आने वाले तीन से चार महीनों में पर्यटन कारोबार सबसे बेहतर होता है. महीनों में महाराष्ट्र और पड़ोस राज्यों के पर्यटक हिमाचल का रुख करते हैं, लेकिन सरकार के आदेशों के बाद हमारी बुकिंग रद्द होना शुरू हो गई हैं.

ऐसे में होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है होटल व्यवसायियों ने इस उम्मीद से अपने होटलों की मरम्मत और निवेश कार्य शुरू किया था कि आने वाले समय में पर्यटक भारी संख्या में हिमाचल आएंगे और पिछले वर्ष कोरोनावायरस कारण हुआ नुकसान पूरा किया जा सकेगा. होटल मालिकों ने होटलों की मेंटेनेंस के लिए लोन तक उठाया है, लेकिन अब बुकिंग के कैंसिल होने का जो सिलसिला शुरू हुआ है उससे भारी नुकसान की आशंका लग रही है.

शादियों में सीमित भागीदारी से चौपट हुआ कारोबार

होटल मालिकों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने शादियों में सीमित भागीदारी की अधिसूचना जारी की है. जिसके अनुसार इंडोर में 50 लोग और आउटडोर में 200 लोग ही शादी में भाग ले सकते हैं. इस आदेश के बाद अधिकतर लोगों ने होटलों में शादियों के लिए करवाई बुकिंग कैंसिल कर दी है. अधिकतर लोगों के पास घरों में ही इतनी व्यवस्था होती है कि वे 50 लोगों का प्रबंध कर सके.

'व्यवसाय बंद करने के लिए विवश होना पड़ रहा है'

प्रदेश सरकार के इस निर्णय से अधिकांश होटलों का कारोबार ठप हो गया है. होटल एसोसिएशन के एडवाइजर का कहना है कि उनके पास 200 लोगों का स्टाफ है, लेकिन जिस प्रकार लगातार कोरोना वायरस फैलता जा रहा है और प्रदेश सरकार कोई विकल्प निकालने के बजाय लगातार प्रतिबंध लगा रही है. उससे अब स्थितियां सामान्य होने तक उन्हें अपना व्यवसाय बंद करने के लिए विवश होना पड़ रहा है यदि जल्द स्थिति सामान्य नहीं हुई तो वह अपना व्यवसाय बंद कर देंगे और सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

पहाड़ों की रानी शिमला के पर्यटन कारोबार हालत खस्ता हो गई है. शहर के अधिकतर होटल खाली पड़े हैं. वीकेंड के दिनों में जब शहर के अधिकतर होटलों में तिल धरने की जगह नहीं होती थी. वहीं, आज एडवांस बुकिंग के नाम पर कुछ नहीं है. लोगों ने जून महीने तक की एडवांस बुकिंग रद्द करवा दी है.

'होटल के खर्चे और कर्मचारियों की तनख्वाह निकालना हुआ मुश्किल'

बीते साल लॉकडाउन के चलते स्टाफ को घर भेज दिया था, लेकिन दिसंबर में सैलानियों की आमद शुरू होने के बाद स्टाफ को काम पर वापस बुला लिया गया है. अब जब दोबारा सैलानियों की आमद बंद हो गई है तो होटल के खर्चे और कर्मचारियों की तनख्वाह निकालना मुश्किल हो गया है. आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है. सैलानियों की आमद में भारी गिरावट से अधिकांश होटल मालिकों का बजट बिगड़ चुका है.

टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार गोपाल अग्रवाल का कहना है कि कुछ दिनों से सैलानियों की आमद में भारी गिरावट हुई है. वीकेंड के लिए मैहर जून की सभी एडवांस बुकिंग रद्द हो गई है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के चलते हिल्स क्वीन शिमला के पर्यटन कारोबार पर भी भारी नुकसान पहुंचा है.

टैक्सी कारोबारियों का व्यवसाय भी चौपट

ताजा प्रतिबंधों के बाद टैक्सी कारोबारियों का व्यवसाय भी चौपट हो गया है. टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि आज पूरा दिन एक पर्यटक नहीं मिला प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए ताजा प्रतिबंधों से टैक्सी कारोबार पर बड़ा असर पड़ने वाला है. उनका कहना है कि पिछले 1 वर्ष से उनकी टैक्सी खड़ी है. बावजूद उसके उन्हें बैंक की किस्त, प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न टैक्स और मेंटेनेंस का खर्चा उठाना पड़ रहा है.

'हालात सुधरने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही'

राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि 2018 से उनका कारोबार घाटे में चला है. इस वर्ष शिमला में पानी की कमी के कारण पर्यटकों का आना बंद हो गया था. इसके बाद लोकसभा चुनावों के कारण पर्यटकों की आमद कम हो गई थी. 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण पर्यटन व्यवसाय की कमर ही टूट गई. इसका सबसे बड़ा नुकसान परिवहन से जुड़े हुए व्यवसायियों को उठाना पड़ा पहले से ही कमजोर वित्तीय स्थिति से जूझ रहे टैक्सी मालिकों को अब भविष्य में भी हालात सुधरने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.

प्राइवेट टैक्सी पर लगाए गए सभी कर माफ करने चाहिए

टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि ऐसे में प्रदेश सरकार को प्राइवेट टैक्सी पर लगाए गए सभी कर माफ करने चाहिए. इसके अलावा व्यवसाय को पटरी पर लाने के लिए सस्ती किस्तों पर उपलब्ध करवाना चाहिए. टैक्सी चालकों को बैंकों की तरफ से परेशान किया जा रहा है, क्योंकि टैक्सी चालक इस हालत में नहीं है कि दो वक्त की रोटी कमा सके.

ऐसे में वह बैंक की किस्त किस प्रकार समय पर अदा कर पायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई आर्थिक सहायता की किसी भी योजना का लाभ उनको नहीं मिला है. केंद्र द्वारा जारी की गई घोषणाएं केवल समाचार पत्रों तक ही सीमित रह गई है.

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Last Updated : Apr 19, 2021, 11:45 AM IST
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