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शगुन योजना में बेटियों को जातियों के आधार पर बांटा, जनमंच बना झंडमंच: विक्रमादित्य सिंह

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Published : Mar 10, 2021, 8:40 PM IST

विधानसभा बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो वायदे किए गए है, वे बजट तक की समिति है. शगुन योजना में बेटियों को जातियों के आधार पर बांट दिया, इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है. 30 हजार नौकरियों की बात कही गई है, लेकिन पहले जो है, उनको तो संभाल लें.

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कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह

शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा. विक्रमादित्य सिंह ने महंगाई बेरोजगारी और कर्ज को लेकर सरकार को घेरा और बजट को सुहावने वादे करार दिया.

उन्होंने कहा कि जो वायदे किए गए है, वे बजट तक की समिति है. शगुन योजना में बेटियों को जातियों के आधार पर बांट दिया, इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है. 30 हजार नौकरियों की बात कही गई है लेकिन पहले जो है, उनको तो संभाल लें. ओल्ड पेंशन योजना को जिक्र नहीं है. चादर तो फैला दी, लेकिन वित्तीय प्रबंधन को कोई पता नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट.

विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये बजट न तो युवाओं, महिलाओं कर्मचायिों को लुभाता है और न ही किसी अन्य वर्ग को. जिस सरकार को कर्मचारियों को बुदआ लगी है, वह रीपिट नहीं हुई है. 25 साल का सपना तो छोड़ दें. जिस तरह का धमका उत्तराखंड में हुआ है वैसा आने वाले समय में यहां ने हो. जितना बुटआ इजाजत देता है, उतने की पांव पैसारे.

जनमंच बना झंडमंच

विक्रमादित्य सिंह ने जनमंच पर सवाल खड़े किए और जनमंच को झंडमच करार दिया .उन्होंने कहा कि जन मंच में लोगों की समस्याओं का समाधान कम और अधिकारियों को धमकाने का काम ज्यादा हो रहा है .उन्होंने सरकार को नसीहत दी कि अफसरशाही को धमका कर शासन का दुरुपयोग करना ठीक नहीं है.

प्रदेश में 20 लाख बेरोजगार

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. पहले यह आंकड़ा जहां 14 लाख था वहीं अब बढ़कर 20 लाख से ज्यादा हो गया है . कोविड-19 के दौरान काफी युवा बेरोजगार हो गए हैं लेकिन यह सरकार इन युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से विफल हो गई है. युवा सरकार से रोजगार की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है.

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कर्ज में डुबोने का काम कर रही है यह सरकार

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर प्रदेश को कर्ज में डूबोने का काम कर रही है. प्रदेश पर 60 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो गया है और आने वाले समय में यह सरकार और कर्ज लेगी. जिससे हिमाचल पर कर्ज का बोझ बढ़ता जाएगा. यह सरकार अपने आय के साधन तो बढ़ा नहीं रही है और कर्ज के सहारे ही सरकार को चलाया जा रहा है और केंद्र से भी यह सरकार मदद लेने में पूरी तरह से विफल रही है.

जितनी चादर उतने पांव पसारें

विक्रमादित्य सिंह ने बजट पर चर्चा के दौरान जयराम सरकार को खर्चों पर लगाम लगाने और जितनी चादर है उतने पांव पसारने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि बजट में घोषणा ही तो कर दी है, लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा इसका कोई पता नहीं है. सरकार को पहले अपनी आर्थिक स्थिति देखनी चाहिए उसके बाद लोगों को लुभाने के लिए घोषणाएं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर कोई सबसे पहले अपना बटुआ देखता है कि खर्च के लिए कितने पैसे हैं.

उत्तराखंड की तरह हिमाचल में ना हो धमाका

बजट पर चर्चा के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 25 साल सत्ता में रहने के सपने छोड़ दें और जिस तरह का धमाका उत्तराखंड में हुआ है वैसा हिमाचल में भी हो सकता है तो मुख्यमंत्री सोच समझ कर फैसला करें और जो उतनी ही वादे करें जो पूरी किए जा सकते हैं.

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