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केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने सरकार को दी ये चेतावनी, 28 और 29 मार्च को हड़ताल का ऐलान

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Published : Mar 3, 2022, 8:30 PM IST

Central trade union warns of strike
केंद्रीय ट्रेड यूनियन की बैठक.

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के शिमला जिला संयुक्त मंच इकाई ने 28-29 मार्च की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी (Central trade union warns of strike ) दी है. मंच ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो आंदोलन तेज होगा.

शिमला: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के शिमला जिला संयुक्त मंच इकाई ने 28-29 मार्च की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के सिलसिले में कालीबाड़ी हॉल शिमला में जिलाधिवेशन का आयोजन किया. अधिवेशन में फैसला लिया गया कि अपनी मांगों को पूर्ण करने के लिए मजदूर व कर्मचारी हिमाचल प्रदेश में दो दिन की हड़ताल करेंगे. मंच ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो आंदोलन (Central trade union warns of strike) तेज होगा.

अधिवेशन में विजेंद्र मेहरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एनपीएस कर्मियों के शांतिपूर्वक आंदोलन को पुलिस बल के जरिए कुचलने के घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है. विजेंद्र मेहरा ने इसे प्रदेश सरकार की तानाशाही करार दिया है. उन्होंने एनपीएस कर्मियों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की है. साथ ही ऐलान किया कि 28-29 मार्च की हड़ताल में ओल्ड पेंशन स्कीम एक प्रमुख मुद्दा बनेगा. उन्होंने केंद्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों की खुली आलोचना की.

Central trade union warns of strike
यूनियन की बैठक.

विजेंद्र मेहरा ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पूंजीपतिपरस्त नीतियों को बंद नहीं किया तो आंदोलन (nps employees protest in shimla) तेज होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि मजदूर विरोधी चार लेबर कोड निरस्त किए जाएं. वर्ष 2003 से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme in himachal) बहाल की जाए. सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद किया जाए. साथ ही नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन योजना (National Monetization Pipeline Scheme) को वापस लिया जाए.

Central trade union warns of strike
यूनियन की बैठक.

विजेंद्र मेहरा ने मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये घोषित करने की मांग की. इसके साथ ही आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील कर्मियों को नियमित कर्मचारी घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि मनरेगा में दो सौ दिन का रोजगार दिया जाए और 600 रुपये दिहाड़ी लागू की जाए. भारी महंगाई पर रोक लगाई जाए. आउटसोर्स व ठेका प्रथा पर रोक लगाई जाए. आउटसोर्स के लिए ठोस नीति बनाई जाए. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act in Himachal) में मालिक व मजदूर विरोधी बदलाव बंद किए जाएं. अधिवेशन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा, महासचिव अजय दुलटा समेत कई सदस्य मौजूद रहे.

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