ETV Bharat / state

क्या IGMC शिमला में बच्चों का होता है बेहतर इलाज? देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

author img

By

Published : Feb 12, 2021, 4:50 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 7:57 PM IST

आईजीएमसी अस्पताल शिमला में सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों का पूरा इलाज निशुल्क होता है और प्रतिवर्ष 140 के लगभग बच्चों का इलाज निशुल्क किया जाता है. इस बारे में जब ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में बहुत से गंभीर मरीज रेफर हो कर आते हैं. उनके इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.

IGMC Hospital Shimla News, आईजीएमसी अस्पताल शिमला न्यूज
डिजाइन फोटो.

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में दूर दराज से लोग इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल में छोटे बच्चे भी गंभीर अवस्था में प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों, पीएचसी से रेफर हो कर आते हैं. ऐसे में उन मरीजों को आईजीएमसी में पूरा इलाज मिल पाता है.

आईजीएमसी अस्पताल में सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों का पूरा इलाज निशुल्क होता है और प्रतिवर्ष 140 के लगभग बच्चों का इलाज निशुल्क किया जाता है.

वीडियो

चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद से खास बातचीत

इस बारे में जब ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चाइल्ड विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी सूद से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में बहुत से गंभीर मरीज रेफर हो कर आते हैं. उनके इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. उनका कहना था कि महिला अस्पताल केएनएच में महिला की डिलवरी के बाद कई बार मां और बच्चे को आइजीएमसी रेफर कर दिया जाता है. क्योंकि वहां पर वेंटिलेटर फुल होते हैं.

ऐसे में आईजीएमसी में उन्हें इलाज दिया जाता है. उनका कहना था कि पहले आईजीएमसी में सुविधाओं की कमी थी और मरीजों को पीजीआई भेजना पड़ता था, लेकिन अब अस्पताल में इलाज की काफी व्यवस्था है और बहुत गंभीर परिस्थितियों में ही मरीज को पीजीआई रेफर किया जाता है.

'अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट बनाया गया है'

डॉ. अश्वनी सूद का कहना है कि अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट बनाया गया है. जहां गंभीर बच्चों को रखा जाता है. उनका कहना था कि सर्जिकल के लिए आने वाले गंभीर बच्चों का भी इलाज किया जा रहा है और अधिकतर बच्चे गंभीर बीमारी से ठीक हो गए हैं.

उनका कहना था कि ब्लड कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए भी व्यवस्था है और पिछले कई सालों में 50 ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चे ठीक ही कर नॉर्मल जीवन यापन कर रहे हैं. उनका कहना था कि अस्पताल में सिटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे, अल्ट्रा साउंड व अन्य सभी प्रकार के टेस्ट करने की सुविधा उपलब्ध है.

'अस्पताल में बेहतर व्यवस्था'

डॉ. अश्वनी सूद ने कहा कि अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट बनाया गया है. जहां गंभीर बच्चों का इलाज किया जाता है. उनका कहना था कि अस्पताल में बेहतर व्यवस्था का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 10 साल में जहर खा कर दर्जनों बच्चे आये हैं, लेकिन 2 ही गंभीर बच्चो की ही मौत हुई. बाकी ठीक हो कर घर गए हैं.

अस्पताल पर लग चुके हैं लापरवाही बरतने के आरोप

आईजीएमसी प्रशासन बच्चों के बेहतर इलाज के चाहे लाख दावे करे, लेकिन यहां कई परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं. बता दें कि अभी भी कई परिजन सामने आना नहीं चाहते, लेकिन उनका कहना है कि वार्ड में रात्रि के समय कोई चिकित्सक नहीं मिल पाता और तीमारदार भटकते रहते हैं.

वहीं, परिजनों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि अस्पताल में उनके बच्चे को बेहतर इलाज मिल रहा है. अस्पताल में हिमकेयर कार्ड चल रहा है जिससे उनके बच्चे का सारा इलाज निशुल्क हो रहा है. परिजनों का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा बच्चों के इलाज के लिए चलाई गई योजनाएं बहुत अच्छी और लाभकारी हैं. जिससे मरीजों का इलाज हो रहा है.

कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर की करें व्यवस्था

परिजनों का कहना है कि अस्पताल में सब ठीक है. बस चिल्ड्रन वार्ड में एक कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर की व्यवस्था हो जाए तो कैंसर से पीड़ित बच्चों को बहुत लाभ मिलेगा. इस संबंध में आइजीएमसी के प्रशानिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता से बात की गई.

'मरीजों और तीमारदारों को कोई परेशानी नहीं होती'

उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में पूरे प्रदेश से बच्चे इलाज के लिए आते हैं. बहुत से बच्चे रेफर हो कर भी आते हैं. उनका पूरा इलाज सरकारी योजना के तहत किया जाता है. जिससे मरीजों और तीमारदारों को कोई परेशानी नहीं होती. उनका कहना था कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का इलाज निशुल्क किया जाता है. इसके अतिरिक्त कैंसर के मरीजों का भी इलाज भी किया जाता है.

ये भी पढ़ें- घर में अचानक घुसा तेंदुआ, दहशत में आया परिवार, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

Last Updated : Feb 12, 2021, 7:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.