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IMA की POP से देश को मिले 325 जांबाज, हिमाचल के 10 कैडेट्स बने सेना में अफसर

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Published : Dec 12, 2020, 9:44 PM IST

भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड संपन्न हो गई है. पासिंहग आउट परेड के बाद देश को 325 सैन्य अधिकारी मिले हैं. इस बार उत्तराखंड से 24 अधिकारी मिले हैं. देश को सबसे ज्यादा अधिकारी उत्तर प्रदेश ने दिए हैं.

ima 2020 passing out parade
ima 2020 passing out parade

शिमला/देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड संपन्न हो गई है. इस बार उत्तराखंड से 24 अधिकारी सेना को मिले हैं. देश को सबसे ज्यादा 50 अधिकारी उत्तर प्रदेश से मिले हैं. भारतीय थल सेना के उप प्रमुख एसके सैनी ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली. हिमाचल से 10 जेंटलमैन कैडेट्स सेना में अफसर बने.

भारतीय सैन्य अकादमी में एक बार फिर वही गौरवमयी पल आया जिसका जेंटलमैन कैडेट्स को इंतजार रहता है. देश को इस बार 325 सैन्य अधिकारी मिले हैं. पासिंग आउट परेड में कुल 395 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए. इसमें 70 कैडेट्स विदेश के थे.

भारतीय थल सेना के उप प्रमुख एसके सैनी ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली. इस बार पीओपी में कैडेट के दो परिजन ही शामिल हुए. परेड के बाद होने वाली पीपिंग सेरेमनी में माता-पिता ने ही कैडेट्स के कंधों पर लगी रैंक से कवर हटाए.

पासिंग आउट परेड के बाद सेना में अफसर बने देहरादून के देवेश कहते हैं कि उन्होंने 9 साल बाद इस मुकाम को हासिल किया है. 5 साल आरआईएमसी और 3 साल एनडीए में रहने के बाद उन्होंने अकादमी ज्वॉइन की थी और आज वे बतौर अफसर सेना में शामिल हो रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

देवेश के पिता देहरादून सचिवालय में एडिशनल सेक्रेटरी थे. जो पिछले साल ही रिटायर हुए हैं. जोहड़ी गांव के रहने वाले देवेश कहते हैं कि उनकी बड़ी बहन पीसीएस अफसर और भाई डॉक्टर हैं. लेकिन उनका सपना सेना में जाकर देश की सेवा करने का था इसलिए उन्होंने एक अलग रास्ता चुना.

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इसी तरह नितेश भी अपने बीते हुए पलों को याद करते हैं और बताते हैं कि वह सेना में 2013 के दौरान सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे. लेकिन उनके कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें प्रेरित किया और कहा कि वह एक अच्छी नेतृत्व क्षमता रखते हैं. इसलिए उन्हें सेना में एक अफसर के रूप में जाने के लिए प्रयास करना चाहिए. इसके बाद नितेश ने मेहनत की और उन्होंने अपने अफसर की उस बात को याद रखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'बाकी नौकरियां तो बस केवल जॉब दे सकती है. लेकिन सेना में बतौर अफसर आपको नई जिंदगी मिलती है'

पंजाब के वतनदीप सिद्धू को मिला स्वॉर्ड ऑफ ऑनर

पासिंग आउट परेड में पंजाब के वतनदीप सिद्धू को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर मिला है. आंध्र प्रदेश के मज्जी गिरधर को स्वर्ण पदक मिला है. हरियाणा के निदेश यादव को रजत और उत्तर प्रदेश के शिखर थापा को कांस्य पदक मिला है. टेक्टिनकल ग्रेजुएट कोर्स में पंजाब के जसमिंदर पाल सिंह सिद्धू को रजत पदक मिला है.

विदेशी कैडेट में तंदिन दोरजी को रजत पदक मिला है. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर कैसीनो कंपनी को दिया गया. अफसर बनने के बाद युवा सैन्य अधिकारियों ने अपने जोश को पुशअप दिया और साथियों के साथ जश्न मनाया. अकादमी से पास होने वाले सैन्य अफसर अपने साथी को गले लगा रहे थे. तो कोई अपने माता-पिता से खुशी का इजहार कर रहा था.

इन मित्र देशों के कैडेट्स भी हुए पासआउट

विदेशी कैडेट्स में इस बार अफगानिस्तान के 41, भूटान के 17, मालदीव, मॉरिशस, म्यांमार और श्रीलंका के 1-1 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल थे. वहीं, वियतनाम के तीन, तजाकिस्तान के 3 और नेपाल के दो जेंटलमैन कैडेट्स पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने.

उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक 50, हिमाचल के 10 कैडेट्स पासआउट

भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स की बात करें तो राज्यों के लिहाज से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 50 जेंटलमैन कैडेट्स पासआउट हुए. हरियाणा से 45, बिहार से 32, उत्तराखंड से 24, राजस्थान से 18, महाराष्ट्र से 18, पंजाब से 15, मध्य प्रदेश से 12, जम्मू कश्मीर से 11, हिमाचल प्रदेश से 10 जेंटलमैन कैडेट्स सेना में अफसर बने.

इसी तरह पश्चिम बंगाल से 6, तमिलनाडु से 6, असम से 6, आंध्र प्रदेश से 6, उड़ीसा से 4, मणिपुर से तीन, तेलंगाना से तीन, मिजोरम से दो, भारतीय मूल निवास प्रमाण पत्र वाले नेपाल निवासी चार जेंटलमैन पीओपी में शामिल हुए. वहीं, केरल से 15, कर्नाटक से 5, झारखंड से 6, गुजरात से 4, दिल्ली से 13, छत्तीसगढ़ से दो, चंडीगढ़ से 4 अरुणाचल प्रदेश से एक और जेंटलमैन कैडेट्स इस बार पासिंग आउट परेड में शामिल रहे.

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