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भारत-चीन तनाव: किन्नौर और लाहौल में सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर

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Published : Jun 17, 2020, 10:46 AM IST

Alert to security agencies in Kinnaur and Lahaul amidst Indo-China tension
भारत-चीन तनाव

भारत और चीन के बीच उपजे विवाद ने अब हिंसक रुख अपना लिया है. लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में भारी तनाव आ गया है. जिसके बाद चीन सीमा से सटे हिमाचल में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है.

शिमला: भारतीय और चीनी सेना के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में लगभग 17,000 फीट ऊंची गलवान घाटी में सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प ने एक घातक मोड़ ले लिया.

दरअसल, सीमा पर भारत और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की सूचना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है.

भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच हिमाचल के किन्नौर और लाहौल स्पीति में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. पुलिस मुख्यालय की ओर से दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अतिरिक्त सावधानी व एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं.

दोनों जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति में प्रशासन को भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. किन्नौर के 14 गांव चीन की सीमा से लगते हैं. ऐसे में ग्रामीणों के बॉर्डर एरिया के नजदीक जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, सीमा पर सेना और आईटीबीपी ने मोर्चा संभाल रखा है.

गलवान घाटी में झड़प के बाद किन्नौर में सेना की गाड़ियों की आवाजाही बढ़ गई है. किसी भी ग्रामीण को बॉर्डर के पास जाने की अनुमति नहीं है. इस बात की सूचना सभी ग्रामीणों को दे दी गई है. लोगों को सेना के कैंप के आसपास बिना वजह जाने पर मनाही है.

बता दें कि हिमाचल की करीब 50 किलोमीटर सीमा चीन से लगती है. ऐसे में भारत-चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद एहतियातन सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है.

गौर हो कि चीनी सीमा से लगते किन्नौर के समदो का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2016 में दिवाली के मौके पर दौरा कर चुके हैं. वह उस दौरान सैनिकों का हौसला बढ़ाने यहां पहुंचे थे. दोनों जिले किन्नौर और लाहौल स्पीति चीन सीमा के साथ लगते हैं और ऐसे में यह सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण हैं.

Alert to security agencies in Kinnaur and Lahaul amidst Indo-China tension
समदो में सेना के जवानों से मिलते प्रधानमंत्री. फाइल फोटो

पाकिस्तान से कारगिल युद्ध में मनाली-लेह मार्ग ने सेना को रसद और गोला-बारूद पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की थी. अब जब सीमा पर विवाद है तो सेना तो अलर्ट पर है ही, सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है. आईबी व आर्मी इंटेलिजेंस जैसी केंद्रीय एजेंसियां इलाके पर नजर बनाए हुए हैं.

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